2027 में होगी जनगणना और जाति गणना, गृह मंत्री ने की समीक्षा बैठक; सोमवार को जारी होगा नोटिफिकेशन
देश में अगली जनगणना 2027 में होगी जिसमें जाति आधारित गणना भी शामिल होगी। गृह मंत्री अमित शाह ने तैयारियों की समीक्षा की। यह 16वीं जनगणना होगी जिसमें डिजिटल तकनीक का इस्तेमाल होगा और लोगों को स्वयं जानकारी भरने का विकल्प मिलेगा। जनगणना दो चरणों में होगी जिसमें हाउस लिस्टिंग और जनसंख्या गणना शामिल हैं। डेटा सुरक्षा के सख्त उपाय किए जाएंगे।

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। देश में अगली जनगणना 2027 में होने वाली है, जिसमें पहली बार जाति आधारित गणना भी की जाएगी। रविवार को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने इस एतिहासिक जनगणना को लेकर तैयारियों की समीक्षा की। इस बैठक में केंद्रीय गृह सचिव गोविंद मोहन, भारत के रजिस्ट्रार जनरल और जनगणना आयुक्त मृत्युंजय कुमार नारायण सहित कई वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे।
सरकार की ओर से जारी आधिकारिक बयान में कहा गया है कि जनगणना को लेकर अधिसूचना सोमवार को राजपत्र में प्रकाशित की जाएगी। यह 16वीं जनगणना होगी और स्वतंत्रता के बाद आठवीं बार जनगणना कराई जा रही है।
इस बार जनगणना में डिजिटल तकनीक का भी इस्तेमाल होगा और लोगों को मोबाइल एप के जरिए स्वयं जानकारी भरने का विकल्प भी मिलेगा। इसके साथ ही डेटा की सुरक्षा को लेकर सख्त उपाय किए जाएंगे।
Reviewed the preparations for the 16th Census with senior officials.
— Amit Shah (@AmitShah) June 15, 2025
Tomorrow, the gazette notification of the census will be issued. The census will include caste enumeration for the first time. As many as 34 lakh enumerators and supervisors and around 1.3 lakh census… pic.twitter.com/wkvJda7J4e
दो चरणों में होगी जनगणना
जनगणना दो चरणों में की जाएगी...
- पहला चरण- हाउस लिस्टिंग ऑपरेशन (HLO) होगा, जिसमें हर घर की स्थिति उसमें मौजूद सुविधाएं और संपत्ति से जुड़ी जानकारी इकट्ठी की जाएगी।
- दूसरा चरण- जनसंख्या गणना (Population Enumeration-PE) होगा, जिसमें हर व्यक्ति से जुड़ी जनसंख्यिकीय, सामाजिक, आर्थिक, सांस्कृतिक और अन्य जानकारी दर्ज की जाएगी।
2027 का जनगणना क्यों है खास?
- इस बार जाति आधारित आंकड़ों को भी शामिल किया जाएगा।
- इस जनगणना में लगभग 34 लाख गणनाकार और पर्यवेक्षक और करीब 1.3 लाख जनगणना अधिकारी तैनात किए जाएंगे।
- लद्दाख, जम्मू-कश्मीर के बर्फीले इलाकों, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड जैसे क्षेत्रों के लिए जनगणना की तिथि 1 अक्टूबर 2026 की मध्यरात्रि होगी।
- बाकी देश के लिए जनगणना की तिथि 1 मार्च 2027 की मध्यरात्रि रखी गई है।
- इस बार जनगणना में आधुनिक तकनीक का प्रयोग किया जाएगा।
- इसके तहत डेटा संग्रहण के लिए मोबाइल एप्लिकेशन का इस्तेमाल किया जाएगा।
- लोग खुद भी अपनी जानकारी ऑनलाइन भर सकेंगे जिसे सेल्फ-एनेमरेशन कहा जाएगा।
गौरतलब है कि भारत में पिछली जनगणना साल 2011 में हुई थी। कोरोना महामारी के चलते 2021 की जनगणना स्थगित कर दी गई थी, इस कारण अगली जनगणना 16 साल बाद हो रही है।
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