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    ईशनिंदा के आरोप में 2010 में काट दिया था प्रोफेसर का दाहिना हाथ, आरोपी अब हुआ गिरफ्तार; जानें क्या है 13 साल पुराना मामला

    2010 Hand Chopping Case केरल में साल 2010 में न्यूमैन कालेज के प्रोफेसर टीजे जोसेफ का हाथ काटने का मामला सामने आया था। इस मामले में प्रतिबंधित इस्लामिक संगठन PFI के एक आरोपी सदस्य को 13 साल बाद NIA ने गिरफ्तार कर लिया है। आरोपी को कन्नूर जिले के मट्टनूर से गिरफ्तार किया गया है। आरोपी अपराध करने के बाद से फरार था।

    By Versha Singh Edited By: Versha Singh Updated: Thu, 11 Jan 2024 11:46 AM (IST)
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    2010 Hand Chopping Case: 13 साल बाद मुख्य आरोपी सवाद हुआ केरल से गिरफ्तार

    ऑनलाइन डेस्क, नई दिल्ली। 2010 Hand Chopping Case: केरल में ईश निंदा के आरोप में प्रोफेसर की कलाई काटने वाले प्रतिबंधित इस्लामिक संगठन PFI के एक सदस्य को 13 साल बाद NIA ने गिरफ्तार कर लिया है।

    क्या है पूरा मामला?

    गौरतलब है कि इडुक्की जिले के थोडुपुजा में चार जुलाई, 2010 को न्यूमैन कालेज के प्रोफेसर टीजे जोसेफ का दाहिना हाथ काटने वाले मुख्य आरोपित सवाद उर्फ शाहजहां की गिरफ्तारी पर दस लाख रुपये का इनाम रखा गया था। उसे बुधवार सुबह कन्नूर जिले के मट्टनूर से गिरफ्तार किया गया है।

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    NIA के प्रवक्ता ने बताया कि सवाद अपराध करने के बाद से फरार था। वह कन्नूर में पत्नी और दो बच्चों के साथ किराये के मकान में रह रहा था। वह वहां बतौर बढ़ई काम करता था।

    वहीं, स्थानीय निवासी नौफाल ने बताया कि सवाद ने कसूरगढ़ में PFI की राजनीतिक शाखा (SDPI) से जुड़े व्यक्ति की बेटी से शादी की है। एर्नाकुलम का रहने वाला सवाद उन सात आरोपितों में शामिल है जिन्होंने प्रोफेसर टीजे जोसेफ के दाहिने हाथ की कलाई को तब काटा था जब वह अपनी मां और बहन के साथ चर्च से घर लौट रहे थे। हमलावरों ने उन्हें यह कह कर धमकाया था कि कालेज की परीक्षा में उन्होंने ईशनिंदा संबंधी सवाल पूछे थे।

    हमले का मास्टरमाइंड अभी भी छिपा बैठा है- प्रोफेसर जोसेफ

    मुख्य आरोपित की गिरफ्तारी के बारे में प्रोफेसर जोसेफ से पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि उनका मानना है कि इस हमले का मुख्य अपराधी यानी मास्टरमाइंड अभी भी छिपा बैठा है। जांच अभी उन तक पहुंच ही नहीं पाई है। इससे पता चलता है कि हमारी कानून व्यवस्था अभी उतनी परिपक्व नहीं हुई है। उन्होंने आगे कहा कि यह गिरफ्तारी पुलिस के लिए राहत हो सकती है, पर उन्हें इसमें उतनी ही रुचि है जितनी अन्य लोगों को होगी।

    उल्लेखनीय है कि इस मामले में एनआइए अदालत ने पहले पकड़े जा चुके छह दोषियों में से तीन को पिछले साल जुलाई में आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी और इसे एक आतंकी घटना बताया था।

    मेरे पास कहने के लिए कुछ नहीं- प्रोफेसर जोसेफ

    सवाद की गिरफ्तारी पर प्रोफेसर जोसेफ ने कहा कि एक व्यक्ति के रूप में जिसने इसे झेला है, मेरे पास कहने के लिए कुछ नहीं है। लेकिन, एक नागरिक के रूप में यह अच्छा है कि कानून लागू करने वाली एजेंसियों ने मुख्य अपराधी को गिरफ्तार कर लिया है। हमारी कानूनी प्रणाली उस हद तक विकसित नहीं हुई है।

    साल 2010 में घटी थी घटना

    4 जुलाई, 2010 को कथित तौर पर प्रतिबंधित इस्लामिक संगठन पीएफआई के कार्यकर्ताओं ने इडुक्की जिले के थोडुपुझा में न्यूमैन कॉलेज के प्रोफेसर टी जे जोसेफ का दाहिना हाथ काट दिया था। हमला तब हुआ जब वह एर्नाकुलम जिले के मुवत्तुपुझा में एक चर्च में रविवार की प्रार्थना सभा में भाग लेने के बाद अपने परिवार के साथ घर लौट रहे थे। तभी, सात लोगों के एक समूह ने प्रोफेसर को वाहन से बाहर खींचा और उनके साथ मारपीट की और फिर मुख्य आरोपी सवाद ने उनका दाहिना हाथ काट दिया, जो अभी भी फरार है।

    मामले की शुरुआत में जांच करने वाली पुलिस के अनुसार, आरोपी न्यूमैन कॉलेज में बीकॉम सेमेस्टर परीक्षा के लिए निर्धारित प्रश्न पत्र में अपमानजनक धार्मिक टिप्पणियों के लिए जोसेफ को मारना चाहता था।

    UAPA के तहत ठहराया गया था दोषी

    कुछ आरोपियों को कड़े गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम (यूएपीए) के तहत अपराधों का भी दोषी ठहराया गया था। इस मामले में पांच अन्य आरोपियों को बरी कर दिया गया था। पहले चरण की सुनवाई में 31 आरोपियों को मुकदमे का सामना करना पड़ा था।

    अदालत ने अप्रैल 2015 में इनमें से 10 आरोपियों को विस्फोटक पदार्थ अधिनियम और आईपीसी के तहत दोषी ठहराया गया था। वहीं, तीन अन्य लोगों को अपराधियों को शरण देने का भी दोषी पाया गया था। अदालत ने उस समय मामले में 18 अन्य लोगों को बरी कर दिया था।

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