बॉम्बे हाई कोर्ट ने बरी कर दिए मुंबई ट्रेन ब्लास्ट के 12 आरोपी, अब क्या करेगी ATS? जानिए
2006 मुंबई ट्रेन बम धमाकों के सभी 12 आरोपियों को बरी करने के बॉम्बे हाई कोर्ट के फैसले पर महाराष्ट्र एटीएस आगे की कार्रवाई तय करेगी। एटीएस विशेष लोक अभियोजक से परामर्श करेगी। एटीएस ने दावा किया था कि आरोपित सिमी के सदस्य थे और लश्कर-ए-तैयबा के साथ मिलकर साजिश रची थी।

पीटीआई, मुंबई। 2006 के मुंबई ट्रेन बम धमाकों के सभी 12 आरोपितों को बरी करने के बॉम्बे हाई कोर्ट के फैसले का विश्लेषण करने और विशेष लोक अभियोजक से परामर्श करने के बाद ही महाराष्ट्र आतंकवाद निरोधक दस्ता (एटीएस) आगे की कार्रवाई तय करेगी।
बॉम्बे हाई कोर्ट का यह फैसला इस मामले की जांच करने वाली महाराष्ट्र एटीएस के लिए बड़ी शर्मिंदगी लेकर आया है। जांच एजेंसी ने दावा किया था कि आरोपित प्रतिबंधित संगठन स्टूडेंट्स इस्लामिक मूवमेंट ऑफ इंडिया (सिमी) के सदस्य थे और उन्होंने आतंकी समूह लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) के पाकिस्तानी सदस्यों के साथ मिलकर साजिश रची थी।
एटीएस ने क्या बताया?
एटीएस ने बताया कि विशेष मकोका अदालत ने 30 सितंबर, 2015 को 11 जुलाई, 2006 के सिलसिलेवार ट्रेन विस्फोट मामले में पांच आरोपितों को मृत्युदंड और सात अन्य को आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी, जबकि एक अन्य को बरी कर दिया था।
6 महीने चली थी मामले की सुनवाई
एटीएस ने कहा कि एएसजी राजा ठाकरे और विशेष लोक अभियोजक (एसपीपी) चिमलकर ने मृत्युदंड और आजीवन कारावास की पुष्टि किए जाने की अपील पर हाई कोर्ट में राज्य की ओर से बहस की थी। इस मामले की सुनवाई जुलाई, 2024 से 27 जनवरी, 2025 के बीच हुई, जब अभियोजन पक्ष और बचाव पक्ष ने अपनी-अपनी दलीलें पूरी की थी।
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