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    2 लाख से ज्यादा मौतें, चारों ओर तबाही... 20 साल पहले आया वो 'विनाश' जिसे आज भी नहीं भूल पाए 14 देश

    Updated: Thu, 26 Dec 2024 05:34 PM (IST)

    26 दिसंबर 2004 को हिंद महासागर में आई सुनामी ने लाखों लोगों की जान ले ली थी। इस घटना को अब 20 साल बीत चुके हैं लेकिन लोगों के मन में तबाही के जख्म अब भी ताजा हैं। भारत में तमिलनाडु इससे सबसे ज्यादा प्रभावित हुआ। दुनिया के 14 देशों में इस सुनामी ने तबाही मचाई थी। 20वीं बरसी पर लोगों ने मोमबत्ती जलाकर अपने परिजनों को याद किया।

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    सुनामी से भारत में तमिलनाडु सबसे अधिक प्रभावित हुआ था (फोटो: जागरण)

    डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। 20 साल पहले हिंद महासागर में आई 'तबाही' के जख्म आज भी ताजा हैं। इस तबाही में भारत समेत दुनिया के 14 देशों के करीब 2.3 लाख लोगों की जान ले ली थी।

    कैलेंडर में तारीख थी 26 दिसंबर 2004। रविवार का दिन था। लोग छुट्टी के मूड में थे, लेकिन उन्हें क्या पता था कि अगले कुछ घंटों में क्या होने वाला है। सुबह करीब 7:28 बजे इंडोनेशिया के सुमात्रा से 160 किलोमीटर दूर समुद्र की सतह से 30 किलोमीटर की गहराई में 9.1 तीव्रता का भूकंप आया।

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    हिंद महासागर में आई थी सुनामी

    ये दुनिया के इतिहास का दूसरा सबसे खतरनाक भूकंप था। इसके पहले 1960 में चिली में 9.5 तीव्रता का भूकंप आया था, जो अब तक की सबसे अधिक तीव्रता है। इस भूकंप ने हिंद महासागर में सुनामी को जन्म दे दिया।

    सुनामी ने 14 देशों में तबाही मचाई थी

    समुद्र में ऊंची-ऊंची लहरें उठने लगीं। सुनामी ने इंडोनेशिया में भारी तबाही मचाई। ये बाद सुनामी थाईलैंड और श्रीलंका होते हुए भारत तक भी पहुंची। कुछ घंटों के भीतर ही इसने दुनिया के 14 देशों को अपनी जद में ले लिया।

    भारत में 10 हजार से ज्यादा मौतें

    मौत का आंकड़ा 2 लाख 30 हजार को पार कर गया। अकेले भारत में 10 हजार से ज्यादा मौतें हुईं। घर तबाह हो गए, बिल्डिंग क्षतिग्रस्त हो गईं, कई परिवार उजड़ गए। लाखों लोगों को विस्थापित होना पड़ा।

    मैं यहां नहीं आ पाती। मेरे पैर इस बालू पर खड़े नहीं हो पाते। अगर जरूरत न होती, तो मैं यहां कभी नहीं आती। इस समुद्र ने मेरी बेटी को मुझसे छीन लिया। मैं इस समुद्र के पास नहीं जा सकती।

    - थाईलैंड की एक महिला

    भारत में तमिलनाडु सबसे अधिक प्रभावित हुआ। इस सुनामी 50 हजार से अधिक लोग लापता हो गए, जिनका आज तक कुछ पता नहीं चला। दक्षिण और दक्षिण पूर्व एशिया के कई देशों में इस हादसे में जान गंवाने वाले लोगों को श्रद्धांजलि देने के लिए मेमोरियल बनाए गए हैं।

    उन 3 घंटों में क्या हुआ?

    • सुबह 7:28 बजे समुद्र के भीतर 9.1 तीव्रता का भूकंप आया।
    • सुबह 7:43 बजे समुद्र में 30 मीटर तक लहरें उठने लगीं।
    • सुबह 7:58 बजे सुनामी ने सुमात्रा और पश्चिम थाइलैंड को अपनी जद में ले लिया।
    • सुबह 8:28 बजे सुनामी श्रीलंका तक पहुंच गई।
    • सुबह 10:28 बजे मुख्य वेव ने भारत के पूर्वी तट पर तबाही मचानी शुरू कर दी।
    • सुबह 10:58 बजे सुनामी सोमालिया और सेशेल्स तक भी पहुंच गई।

    मेरी मां समुद्र से डरती थी। जब हम छोटे थे, तब वह हमें उसके पास भी नहीं जाने देती। उस तबाही के बाद, अब मुझे भी समुद्र से डर लगता है। लेकिन पिता को स्विमिंग से बहुत प्यार था। मुझे उनकी बहुत याद आती है।

    - परिवार को खोने वाली युवती

    आपदा में कितना नुकसान हुआ?

    • भारत, श्रीलंका और इंडोनेशिया समेत 14 देशों में भयंकर तबाही हुई।
    • 2,30,000 लोगों से ज्यादा की मौत हो गई।
    • अकेले इंडोनेशिया में 1.3 लाख मौतें हुईं।
    • भारत में 10 हजार से ज्यादा मौते हुईं।
    • तमिलनाडु और अंडमान निकोबार आईलैंड प्रभावित हुआ।
    • प्रभावित देशों को 15 बिलियन डॉलर से अधिक का नुकसान हुआ।
    • 1.72 लाख घर तबाह हो गए।
    • लगभग 63 हजार नावें क्षतिग्रस्त हो गईं।
    • भारत में 8 लाख से ज्यादा लोग विस्थापित हुए।

    सुनामी की बीसवीं बरसी पर प्रभावित परिवारों ने पहुंचकर प्रार्थना की। लोगों ने मोमबत्ती जलाकर शोक प्रकट किया। अपने परिजनों की कब्र पर फूल चढ़ाकर उन्हें याद किया गया। सिर्फ भारत ही नहीं, उन सभी 14 देशों में गुरुवार को शोक मनाया गया, जहां सुनामी ने तबाही मचाई थी।