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    आज ही के दिन राइट ब्रदर्स ने विमान में पहली बार भरी थी उड़ान, दुनिया को दिया था अनोखा गिफ्ट

    By Kamal VermaEdited By:
    Updated: Thu, 17 Dec 2020 03:46 PM (IST)

    17 दिसंबर 1903 को ही दुनिया का पहला विमान सामने आया था। इसको बनाने और उड़ाने वाले दो भाईयों का नाम राइट बंधु था। इन्‍होंने पहली बार इस विमान को उड़ाकर इतिहास रच दिया था और दुनिया को एक नया गिफ्ट दिया था।

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    राइट बंधुओं ने पहली बार हवा में उड़ाया था विमान

    नई दिल्‍ली (ऑनलाइन डेस्‍क)। पूरी दुनिया के लिए 17 दिसंबर का दिन बेहद खास है। वर्ष 1903 में इसी दिन राइड बंधुओं ने पहली बार अपने विमान को उड़ाने में सफलता हासिल की थी। इस विमान का नाम द फ्लायर था। ये उड़ान यूं तो महज 12 सेकेंड की थी लेकिन इस दौरान विमान ने 120 फीट की दूरी तय की थी। इस उड़ान ने उनकी वर्षों की मेहनत को वसूल कर दिखाया था। इसके बाद ही आसमान में विमानों का उड़ना संभव हो पाया था। राइट ब्रदर्स का पूरा नाम ऑरविल राइट और विल्‍बर राइट था। इन्‍होंने ही दुनिया को विमानन युग आने की राह दिखाई थी। आज उनके ही आधार पर बनाए गए विमानों की बदौलत इंसान न सिर्फ दुनिया के किसी भी कोने में जाने में सक्षम है बल्कि अंतरिक्ष के पार जाने वाले रॉकेट भी इसको ही आधार मानते हुए इजाद किए गए। इनकी ही बदौलत आज हम चांद और मंगल तक जाने की कल्‍पना कर सकते हैं।

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    राइट बंधुओं को जो कामयाबी 17 दिसंबर को मिली थी उसके पीछे उनकी कई बार की विफलता और कड़ी मेहनत थी। लगातार नाकामी मिलने के बाद भी उन्‍होंने हार नहीं मानी और लगातार अपने काम में लगे रहे। आपको बता दें कि दुनिया को विमानों के बारे में पहली बार बताने वाले राइट ब्रदर्स कभी कॉलेज तक नहीं गए थे। इसके बाद भी उन्‍होंने वो सब कर दिखाया जो दूसरे नहीं कर सके। इसकी वजह थी कि उन्‍हें मशीनों से काफी लगाव था। जब ये दोनों भाई छोटे थे तब उनके पिता ने एक खिलौना लाकर उन्‍हें दिया था, जो काफी कुछ आज के हेलीकॉप्‍टर जैसा ही था। दोनों भाईयों ने अपना विमान उड़ाने से पहले इस खिलौने को हवा में उड़ाने का प्रयत्‍न किया था। मशीनों में दिलचस्‍पी और इनकी जानकारी की बदौलत वो ऐसा करने में सफल हो सके थे।

    ये दोनों भाई साइकिल, मोटर और प्रिंटिंग प्रेस पर काफी समय बिताते थे। इन दोनों ने मिलकर वर्ष 1900-1903 के बीच हवा में उड़ सकने वाले कुछ मॉडल्‍स पर काम किया था, लेकिन इनमें इन्‍हें कोई सफलता हासिल नहीं हुई थी। इस काम में उनकी मदद एक साइकिल मैकेनिक ने की। इस मैकेनिक चार्ली की बदौलत वो एक ऐसा इंजन बनाने में सफल रहे थे जो वजन में केवल 200 पौंड का था लेकिन ये इंजन को 12 हॉर्स पावर की ताकत देता था। इंजन पर सफलता हासिल करने के बाद उनके सामने विमान में लगने वाले प्रोपेलर की समस्‍या आई। पानी में चलने वाले यान में लगने वाले प्रोपेलर इसके लिए सही नहीं थे। इसके बाद उन्‍होंने ग्लाइडर 'किटी हॉक' में ये इंजन और प्रोपेलर लगाकर विमान तैयार किया। इस विमान के साथ उन्‍होंने 17 दिसंबर 1903 को पहली उड़ान भरी।