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    डिजिटल अरेस्ट को अंजाम देने वाले फर्जी कॉल सेंटर का भंडाफोड़, बेंगलुरु में 16 आरोपी गिरफ्तार

    Updated: Tue, 14 Oct 2025 03:32 PM (IST)

    बेंगलुरु में एक फर्जी कॉल सेंटर का भंडाफोड़ हुआ है, जिसमें 16 लोग गिरफ्तार किए गए हैं। युवाओं को नौकरी का लालच देकर साइबर धोखाधड़ी का प्रशिक्षण दिया गया और अमेरिकी नागरिकों को निशाना बनाने का निर्देश दिया गया। पीड़ितों को नशीली दवाओं और मनी लॉन्ड्रिंग के झूठे आरोपों में फंसाकर 'डिजिटल गिरफ्तारी' के नाम पर पैसे वसूले जाते थे। पुलिस ने मौके से कई उपकरण जब्त किए हैं।

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    बेंगलुरु में फर्जी कॉल सेंटर का पर्दाफाश। (प्रतीकात्मक तस्वीर)

    डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। कर्नाटक की राजधानी बेंगलुरु से एक बड़ी जानकारी खबर सामने आई है। यहां पर एक फर्जी कॉल सेंटर का भंडाफोड़ हुआ है। कॉल सेंटर में काम कर रहे संदिग्धों ने देश भर के युवकों और युवतियों को नौकरी के लालच में फंसाया।

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    इस पूरे प्रकरण में 16 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। बताया जा रहा है कि साइबिट्स सॉल्यूशंस प्राइवेट लिमिटेड नाम के इस कॉल सेंटर में लड़के और लड़कियों को नौकरी के नामों में फंसाया। इस दौरान इन युवक और युवतियों को साइबर धोखाधड़ी का प्रशिक्षण दिया गया और अमेरिकी नागरिकों को निशाना बनाने का निर्देश दिया।

    लोगों को बनाया गया साइबर क्राइम का शिकार

    बताया जा रहा है कि इस कॉल सेंटर से लोगों को साइबर क्राइम का शिकार बनाया गया और पीड़ितों को नशीली दवाओं के अपराधों और मनी लॉन्ड्रिंग जैसे मनगढ़ंत आरोपों की धमकी दी गई और बताया गया कि जांच एजेंसियों या पुलिस ने गिरफ्तारी वारंट जारी कर दिए हैं।

    पुलिस ने किया फर्जी कॉल सेंटर का फंडाफोड़

    बेंगलुरु पुलिस ने इस मामले में भंडाफोड़ किया है। पुलिस ने इस मामले को लेकर एक बयान जारी किया है। इस बयान में पुलिस ने कहा कि प्रारंभिक जाँच से पता चला है कि आरोपियों ने वर्क इंडिया और लिंक्डइन जैसे प्लेटफ़ॉर्म पर फर्जी नौकरी के विज्ञापन अपलोड किए थे, जिनमें अमेरिका, कनाडा और अन्य देशों में ऑनलाइन सूचना सेवाएँ प्रदान करने का दावा करते हुए कॉल सेंटरों में रोज़गार और आवास की पेशकश की गई थी।

    पुलिस ने अपने बयान में कहा कि विभिन्न राज्यों से युवाओं को बेंगलुरु लाया गया था, जहां उनके लिए एचएसआर लेआउट और बीटीएम लेआउट में आवास, परिवहन और भोजन की व्यवस्था की गई थी। तीन हफ़्ते के टेलीकॉलर प्रशिक्षण के बाद, उन्हें अमेरिकी सीमा सुरक्षा बल, अमेरिकी डाक सेवाओं और अमेरिकी सीमा शुल्क एवं सीमा सुरक्षा बल के अधिकारियों का रूप धारण करने का निर्देश दिया गया था।

    पुलिस ने बताया कैसे की गई साइबर धोखाधड़ी

    पुलिस ने अपने बयान में बताया कि लाइव सर्वर का इस्तेमाल करके, उन्होंने जनता से संपर्क किया, फर्जी पुलिस पहचान पत्र और गिरफ़्तारी वारंट दिखाए, और 'डिजिटल गिरफ़्तारी' घोटाले के तहत पैसे की माँग की। एकत्र की गई राशि कंपनी के खातों में जमा कर दी गई, जिससे धोखाधड़ी की गतिविधि को बढ़ावा मिला।

    पुलिस ने मौके से 41 कंप्यूटर, 25 मोबाइल फ़ोन, कई राउटर, स्विच, इलेक्ट्रॉनिक प्राइवेट ऑटोमैटिक ब्रांच एक्सचेंज (EPABX) डिवाइस और अन्य इलेक्ट्रॉनिक उपकरण जब्त किए। आरोपी महाराष्ट्र, मेघालय, ओडिशा, मध्य प्रदेश, पश्चिम बंगाल और गुजरात के रहने वाले हैं।