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    नीरव मोदी और विजय माल्या ही नहीं..., 15 भगोड़े देश का 58,000 करोड़ लेकर भागे; सामने आया डाटा

    Updated: Tue, 02 Dec 2025 12:40 AM (IST)

    नीरव मोदी, मेहुल चोकसी समेत 15 भगोड़े आर्थिक अपराधियों ने भारतीय बैंकों को 58,000 करोड़ रुपये से अधिक का नुकसान पहुंचाया है। सरकार ने इन्हें भगोड़ा आर्थिक अपराधी घोषित किया है। इनमें से नौ लोगों ने सरकारी बैंकों को निशाना बनाया। इन मामलों में हजारों करोड़ रुपये का बकाया है, जिसमें से कुछ राशि की वसूली हो चुकी है। सरकार फिलहाल नई पॉलिसी पर विचार नहीं कर रही है।

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    15 भगोड़े देश का 58,000 करोड़ लेकर भागे; सामने आया डाटा। (फाइल फोटो)

    डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। नीरव मोदी, मेहुल चोकसी, विजय माल्या, नितिन संदेसरा, चेतन संदेसरा और सुधीर एस वेंकटरमणरे 31 अक्टूबर, 2025 तक भारत के 15 भगोड़े आर्थिक अपराधियों (FEOs) में शामिल हैं। ये सभी मिलकर सरकारी बैंकों और संस्थानों को 58,000 करोड़ रुपये से अधिक का आर्थिक नुकसान पहुंचाने के लिए जिम्मेदार हैं।

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    केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने सोमवार को लोकसभा में एक लिखित जवाब में यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि केंद्र सरकार ने इन 15 लोगों को भगोड़े आर्थिक अपराधी एक्ट, 2018 के तहत FEO घोषित किया है।

    9 भगोड़ों ने सरकारी बैंकों से की बड़ी धोखाधड़ी

    मंत्री ने कहा कि इनमें से नौ लोग सरकारी बैंकों को निशाना बनाकर किए गए बड़े फाइनेंशियल फ्रॉड से जुड़े हैं और इनमें से दो अपराधियों ने वन-टाइम सेटलमेंट (OTS) सिस्टम के तहत लोन सेटलमेंट के लिए बातचीत की है।

    FEO की स्थिति पर आधिकारिक डेटा का हवाला देते हुए, चौधरी ने कहा कि कई सरकारी बैंकों (जिनमें बैंक ऑफ बड़ौदा, बैंक ऑफ इंडिया, यूको बैंक, यूनियन बैंक ऑफ इंडिया, स्टेट बैंक ऑफ इंडिया, इंडियन ओवरसीज बैंक और पंजाब एंड सिंध बैंक शामिल हैं) ने इन भगोड़ों द्वारा किए गए फाइनेंशियल अपराधों के कारण काफी नुकसान की सूचना दी है।

    जवाब में बताए गए अपराधियों में नीरव मोदी, मेहुल चोकसी, विजय माल्या, नितिन संदेसरा, चेतन संदेसरा, सुधीर एस. वेंकटरमण और उनसे जुड़ी फर्में शामिल हैं।

    कितने रुपये का बकाया?

    डेटा में बताया गया है कि इन मामलों को मिलाकर, रिपोर्टिंग डेट तक 26,645 करोड़ रुपये से ज़्यादा का प्रिंसिपल बकाया है और 31,437 करोड़ रुपये से अधिक का ब्याज जमा हुआ है। कुल रिकवर होने वाली रकम 19,187 करोड़ रुपये से अधिक है, जिसमें से 1,630 करोड़ रुपये बातचीत के जरिए तय किए गए एग्रीमेंट के जरिए सेटल या रिकवर कर लिए गए हैं साथ ही 3,542 करोड़ रुपये के डिस्काउंट कंसेशन भी दिए गए हैं।

    जब पूछा गया कि क्या सरकार भविष्य में ऐसे अपराधियों को भारत से भागने से रोकने के लिए किसी पॉलिसी पर विचार कर रही है, तो केंद्रीय मंत्री ने जवाब दिया कि अभी ऐसा कोई प्रपोजल विचाराधीन नहीं है। (समाचार एजेंसी एएनआई के इनपुट के साथ)