भारत-चीन रिश्तों को नए आयाम देने पर रजामंदी
अगर दो देशों के बीच होने वाले समझौते बदलते रिश्तों की बानगी हैं तो समझ लीजिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रपति शी चिनफिंग ने भारत और चीन के बीच नए मजबूत रिश्तों को और गति दे दी है। गुरुवार को यहां दोनो देशों के बीच सांस्कृतिक, ढांचागत और आर्थिक क्षेत्र में 13 बड़े समझौते हुए हैं।
नई दिल्ली [जयप्रकाश रंजन]। अगर दो देशों के बीच होने वाले समझौते बदलते रिश्तों की बानगी हैं तो समझ लीजिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रपति शी चिनफिंग ने भारत और चीन के बीच नए मजबूत रिश्तों को और गति दे दी है। गुरुवार को यहां दोनो देशों के बीच सांस्कृतिक, ढांचागत और आर्थिक क्षेत्र में 13 बड़े समझौते हुए हैं। ये समझौते न सिर्फ भारत में चीन की कंपनियों के निवेश को बढ़ावा देंगे बल्कि दोनों देशों की जनता के बीच भी बेहतर समझ-बूझ स्थापित करने में मददगार साबित होंगे।
मोदी और चिनफिंग जब उच्चस्तरीय बातचीत के लिए नई दिल्ली स्थिति हैदरबाद हाउस में मिल रहे थे उस समय दोनों देशों के करीब दर्जन भर मंत्रालयों की जिम्मेदारी संभालने वाले मंत्री और बड़े अधिकारी अन्य समझौते को अंतिम रूप देने में लगे हुए थे। इनमें रेलवे से संबंधित दो समझौते शामिल हैं। बुधवार को जहां अहमदाबाद और गंवागझोउ के बीच सिस्टर सिटी संबंध स्थापित करने का समझौता हुआ था तो वहीं गुरुवार को शंघाई और मुंबई को सिस्टर सिटी बनाने का करार हुआ।
जानकारों का कहना है कि भारत व चीन ने बहुत सोच समझ कर इन द्विपक्षीय समझौतों को अंजाम दिया है। फिल्म और अंतरिक्ष विज्ञान के क्षेत्र में दोनों देशों ने हाल के दिनों में काफी प्रगति की है और इन दोनों क्षेत्रों में आपसी सहयोग का करार किया गया है। इसी तरह से सांस्कृतिक क्षेत्र में जो समझौते हुए हैं वह दोनों देशों की जनता को एक-दूसरे को समझने-बूझने का ज्यादा बेहतर मौका उपलब्ध कराएंगे। पहली बार भारत और चीन के बीच फिल्म निर्माण में सहयोग स्थापित किया जाएगा। इसके लिए दोनों देशो की सरकारें भी मदद करेंगी। भारत की तरह ही चीन के पास विशाल व फलता-फूलता फिल्म उद्योग है। चीन में भारतीय फिल्मों की दीवानों की संख्या भी लगातार बढ़ रही है।
इस तरह से भारत और चीन के बीच पिछले दो दिनों में कुल 16 समझौते हो चुके हैं। तीन समझौते बुधवार को अहमदाबाद में किए गये थे।
भारत और चीन के बीच हुए अहम समझौते
1. धार्मिक : कैलाश मानसरोवर के लिए नया रास्ता खुलेगा
2. रेलवे क्षेत्र : हाई-स्पीड ट्रेन चलाने से लेकर रेलवे स्टेशनों के विकास में चीन करेगा मदद
3. निवेश : भारत में पांच वर्षो में 20 अरब डॉलर का निवेश होगा
4. व्यापार : भारतीय कंपनियों को चीन के बाजार में मिलेगी बड़ी हिस्सेदारी
5. फिल्म निर्माण : दोनो देश आपसी सहयोग से करेंगे फिल्म निर्माण
6. अपराध : सीमा पार आर्थिक अपराधों को रोकने में करेंगे एक दूसरे का सहयोग
7. अंतरिक्ष विज्ञान : शांतिपूर्ण कार्यो के लिए अंतरिक्ष विज्ञान में करेंगे सहयोग
8. सांस्कृतिक : दोनो देशों के सांस्कृतिक संगठनों के बीच होगा आदान-प्रदान
9. पुस्तक : वर्ष 2016 में नई दिल्ली विश्व पुस्तक मेला में चीन होगा हिस्सेदार
10. शहर विकास : मुंबई व शंघाई बनेंगे सिस्टर सिटी।
11. औद्योगिक पार्क : महाराष्ट्र के पुणे में चीन लगाएगा औद्योगिक पार्क। रोजगार के अवसर मिलेंगे।
12. फार्मास्यूटिक्लस क्षेत्र : दोनों देश पारंपरिक व गैर पारंपरिक दवा क्षेत्र में गहरे संबंध बनाएंगे।