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सेना के तीनों अंगों में 11,414 महिलाएं कार्यरत, बेंगलुरु में 756 अग्निवीरों ने पासिंग आउट परेड में लिया हिस्सा

रक्षा राज्यमंत्री अजय भट्ट ने लोकसभा में प्रश्न के उत्तर में बताया कि थलसेना में 1733 महिला सैन्य अधिकारी हैं। वायुसेना में एक जुलाई तक महिला अधिकारियों की संख्या 1654 है 155 अग्निवीर के रूप में काम कर रही हैं। 26 जुलाई तक नौसेना में 580 महिलाएं अधिकारी के रूप में तैनात हैं जबकि 726 महिलाएं नाविक के रूप में काम कर रही हैं।

By AgencyEdited By: Shashank MishraPublished: Sat, 05 Aug 2023 12:04 AM (IST)Updated: Sat, 05 Aug 2023 12:04 AM (IST)
सेना के तीनों अंगों में कुल 11,414 महिलाएं कार्यरत हैं।

नई दिल्ली, एजेंसियां। सेना के तीनों अंगों में कुल 11,414 महिलाएं कार्यरत हैं। इनमें अधिकारी, अन्य रैंक के साथ-साथ चिकित्सा, दंत चिकित्सा और नर्सिंग सेवाओं के अधिकारी भी शामिल हैं। लोकसभा में शुक्रवार को पेश किए गए सरकारी आंकड़ों के अनुसार चिकित्सा, दंत चिकित्सा और नर्सिंग सेवाओं को छोड़कर तीनों सेवाओं में कार्यरत महिला कर्मियों की संख्या 4,948 है।

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आर्मी मेडिकल कोर में 1,212 महिलाएं कार्यरत

रक्षा राज्यमंत्री अजय भट्ट ने लोकसभा में प्रश्न के उत्तर में बताया कि थलसेना में 1,733 महिला सैन्य अधिकारी हैं जबकि 100 महिला कर्मी अन्य रैंकों में कार्यरत हैं। थलसेना में महिला कर्मियों का डाटा एक जनवरी तक का है। वायुसेना में एक जुलाई तक महिला अधिकारियों की संख्या 1,654 है 155 अग्निवीर (वायुसेना) के रूप में काम कर रही हैं। 26 जुलाई तक नौसेना में 580 महिलाएं अधिकारी के रूप में तैनात हैं जबकि 726 महिलाएं नाविक (अग्निवीर) के रूप में काम कर रही हैं।

थलसेना में आर्मी मेडिकल कोर में 1,212 महिलाएं कार्यरत हैं, जबकि आर्मी डेंटल कोर और मिलिट्री नर्सिंग सर्विस में यह संख्या 168 और 3,841 है। नौसेना में 151 महिलाएं मेडिकल कोर में, 10 डेंटल कोर में और 380 नर्सिंग सेवा में हैं। वायुसेना में 274 महिलाएं मेडिकल कोर में, पांच डेंटल कोर में और 425 सैन्य नर्सिंग सेवा में हैं।

बेंगलुरु में 756 अग्निवीरों ने पासिंग आउट परेड में लिया हिस्सा

कर्नाटक की राजधानी बेंगलुरु स्थित सेना सेवा कोर (एएससी) और कालेज में शुक्रवार को अग्निवीरों की पासिंग आउट परेड आयोजित की गई। परेड में 756 अग्निवीरों ने हिस्सा लिया। अग्निपथ योजना के तहत युवाओं को चार वर्ष के लिए सेना में शामिल होकर देश की सेवा करने का मौका मिलता है। अग्निवीरों की भर्ती प्रक्रिया में युवाओं को छह महीने की ट्रेनिंग दी जाती है। ट्रेनिंग का समय भी चार साल में शामिल है। चार साल के सेवाकाल के बाद 75 प्रतिशत जवानों की सेवाएं समाप्त हो जाएंगी।

अधिकतम 25 प्रतिशत को ही स्थायी कैडर में शामिल किया जाएगा। इसके लिए सेवाकाल पूरा होने के बाद ऐच्छिक आधार पर स्थायी कैडर के लिए आवेदन करना होगा।

उल्लेखनीय है कि, इस वर्ष अप्रैल में गृह मंत्रालय ने केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल में पूर्व अग्निवीरों के लिए 1,29,929 स्वीकृत पदों में से 10 प्रतिशत सामान्य ड्यूटी कांस्टेबल पद आरक्षित करने का निर्णय लिया था।


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