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मिलिए सबसे बुजुर्ग छात्रा से, 105 की उम्र में चौथी कक्षा की परीक्षा देकर बनाया ये रिकॉर्ड

मां की मृत्‍यु के बाद भागीरथी अम्मा को महज नौ साल की उम्र में अपने छोटे भाई-बहनों की देखभाल के लिए पढाई छोड़नी पड़ी थी।

By Manish PandeyEdited By: Published: Wed, 20 Nov 2019 06:20 PM (IST)Updated: Wed, 20 Nov 2019 10:05 PM (IST)
मिलिए सबसे बुजुर्ग छात्रा से, 105 की उम्र में चौथी कक्षा की परीक्षा देकर बनाया ये रिकॉर्ड
मिलिए सबसे बुजुर्ग छात्रा से, 105 की उम्र में चौथी कक्षा की परीक्षा देकर बनाया ये रिकॉर्ड

तिरुअनंतपुरम, पीटीआइ। एक कहावत है- जब जागो, तभी सवेरा। केरल की 105 वर्षीय भागीरथी अम्मा के जीवन में साक्षरता का सवेरा भले ही देर से आया है, लेकिन यह उनकी लगन और दृढ़ इच्छाशक्ति शिक्षा के संदेश को दूर तक पहुंचाएगी। उम्र के इस पड़ाव पर अम्मा राज्य साक्षरता मिशन की तरफ से आयोजित चौथी कक्षा के समकक्ष साक्षरता परीक्षा में शामिल होकर उन लोगों के लिए प्रेरणा साबित होंगी जो काले अक्षरों से अब तक दूर हैं।

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भागीरथी अम्मा बचपन से ही पढ़ना-लिखना और जानकारी हासिल करना चाहती थीं। लेकिन, बचपन में ही उनकी मां की मौत हो गई और छोटे भाई-बहनों की देखभाल की जिम्मेदारी आने के कारण शिक्षा का सपना अधूरा रह गया। 30 की उम्र में पति की मौत ने एक और बड़ा झटका दिया, क्योंकि उनके बाद चार बेटियों और दो बेटों को पालने की जिम्मेदारी अकेले उन्हीं के कंधों पर आ गई।

राज्य साक्षरता मिशन के रिसोर्स पर्सन विशांत कुमार ने बताया कि अम्मा को लिखने में परेशानी होती है। इसलिए, उन्होंने पर्यावरण, गणित व मलयालम के तीन प्रश्न-पत्रों की तैयारी में तीन दिन लगाए। इस कार्य में उन्हें उनकी छोटी बेटी ने मदद की। उन्होंने बताया कि इस उम्र में भी अम्मा की याददाश्त काफी अच्छी है और देखने में भी कोई परेशानी नहीं होती। परीक्षा में शामिल होकर वह बहुत खुश थीं, क्योंकि नौ साल की उम्र में जब वह कक्षा तीन में थीं, तब उन्हें पढ़ाई छोड़नी पड़ी थी।

मिशन निदेशक पीएस श्रीकला ने कहा, 'भागीरथी अम्मा ने कोल्लम स्थित अपने घर पर चौथी कक्षा की परीक्षा दी है। इस प्रकार वह अब तक की सबसे उम्रदराज समतुल्य शिक्षार्थी (इक्वीवैलेंसी लर्नर) बन गई हैं।

भागीरथी अम्मा के छह बच्चे, 15 नाती-पोते-परपोते

अम्मा के छह बच्चों में से एक की मौत हो चुकी है। उनके 15 नाती-पोते थे। इनमें तीन की मौत हो चुकी है। अभी उनके 12 नाती-पोते-परपोते हैं।

न आधार कार्ड न ही मिलती है कोई पेंशन

भागीरथी अम्मा को एक मलाल है। उनका अब तक आधार कार्ड नहीं बन पाया है। इसके कारण न तो वृद्धा पेंशन मिलती है, न ही विधवा पेंशन। लेकिन, उन्हें उम्मीद है कि अधिकारी उन्हें आधार कार्ड उपलब्ध करवा देंगे और इसके बाद पेंशन मिलने लगेगी।


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