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    विदेशी जेलों में बंद हैं 10 हजार से ज्यादा भारतीय, 49 को मिली मौत की सजा; सरकार ने सामने रखे आंकड़े

    विदेश राज्य मंत्री कीर्ति वर्धन सिंह ने राज्यसभा को एक सवाल के लिखित जवाब में में यह जानकारी दी। सरकार के मुताबिक 2024 में कुवैत और सऊदी अरब में तीन-तीन भारतीय नागरिकों को मृत्युदंड की सजा दी गई। आंकड़ों के अनुसार 2020 से कुवैत में 25 भारतीयों को मौत की सजा सुनाई गई है। वहीं 10000 से अधिक भारतीय विभिन्न विदेशी जेलों में बंद हैं।

    By Jagran News Edited By: Shubhrangi Goyal Updated: Fri, 21 Mar 2025 01:24 PM (IST)
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    विदेशी जेलों में बंद हैं हजारों भारतीय (फाइल फोटो)

    डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने संसद में विदेशों में बंद भारतीयों के मुद्दे पर बात की। उन्होंने कहा, वर्तमान में 10,000 से अधिक भारतीय विभिन्न विदेशी जेलों में बंद हैं और उनमें से 49 को मौत की सजा सुनाई गई है। 

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    विदेश राज्य मंत्री कीर्ति वर्धन सिंह ने लिखित जवाब में बताया, सबसे ज्यादा 2,633 भारतीय सऊदी अरब में कैद हैं, जबकि दूसरे नंबर पर 2,518 संयुक्त अरब अमीरात में कैद हैं। सरकार विदेशी जेलों में बंद भारतीय नागरिकों सहित विदेशों में भारतीय नागरिकों की सुरक्षा,संरक्षा और कल्याण को उच्च प्राथमिकता देती है।

    नेपाल में 1 हजार से ज्यादा भारतीय 

    • विदेश में भारतीय मिशन/केंद्र सतर्क रहते हैं और स्थानीय कानूनों के उल्लंघन या कथित उल्लंघन के लिए विदेशी देशों में भारतीय नागरिकों को जेल में डाले जाने की घटनाओं पर बारीकी से नजर रखते हैं।
    • मंत्री की तरफ से प्रस्तुत आंकड़ों के अनुसार, नेपाल में तीसरे नंबर पर सबसे अधिक 1,317 भारतीय हैं जो इस हिमालयी देश में बंद हैं।
    • जिन अन्य देशों की जेलों में बड़ी संख्या में भारतीय बंद हैं, उनमें कतर के 611, कुवैत 387, मलेशिया 338 पाकिस्तान 266, चीन के 173 शामिल हैं।
    • संयुक्त राज्य अमेरिका 169, ओमान के148 रूस और म्यांमार 27 कैद हैं।

    2020 में 25 भारतीयों को मौत की सजा

    आंकड़ों के अनुसार, 2020 से कुवैत में 25 भारतीयों को फांसी की सजा दी गई है। यह उन देशों में सबसे अधिक है जहां मौत की सजा पाए दोषियों को रखा जाता है। इसके बाद सऊदी अरब में नौ, जिम्बाब्वे में सात, मलेशिया में पांच और जमैका में एक व्यक्ति को फांसी दी गई।

    मंत्रालय ने कहा कि यूएई ने वहां मारे गए भारतीयों की संख्या का खुलासा नहीं किया है, लेकिन 2020 और 2024 के बीच किसी भी भारतीय को फांसी नहीं दी गई। इस साल फरवरी में यूएई में तीन भारतीयों को फांसी दी गई, जिनमें उत्तर प्रदेश की एक नर्स और केरल का एक व्यक्ति शामिल है।