Back Image

Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck

    देश के 100 करोड़ मतदाताओं को मिलेगा अनूठा पहचान नंबर, ट्रांसफर होने पर भी नहीं बदलेगा, और क्या होंगी खूबियां?

    Updated: Thu, 06 Mar 2025 11:24 PM (IST)

    देश के करीब सौ करोड़ मतदाता जल्द ही एक अनूठी पहचान से लैस होंगे। आधार नंबर की तरह चुनाव आयोग अनूठा इपिक नंबर मुहैया कराएगा। इससे फायदा यह होगा कि कहीं भी शिफ्ट होने पर आसानी से किया जा सकेगा ट्रैक किया जा सकेगा। एक बार जारी होने के बाद पूरे समय वही यूनिक नंबर उपयोग में रहेगा। एक देश-एक मतदाता सूची की पहल में भी इससे मदद मिलेगी।

    Hero Image
    देश के 100 करोड़ मतदाताओं को मिलेगा अनूठा पहचान नंबर।

    अरविंद पांडेय, नई दिल्ली। मतदाताओं की पहचान में अब किसी तरह का घालमेल या दोहराव नहीं हो सकेगा। चुनाव आयोग जल्द ही देश के सभी मतदाताओं को एक अनूठे मतदाता फोटो पहचान पत्र ( यूनिक इपिक ) से लैस करेगा। जिसमें मतदाताओं को आधार की तरह एक अनूठा नंबर मुहैया कराया जाएगा। जो उनके एक स्थान से दूसरे स्थान पर स्थानांतरित होने पर भी नहीं बदलेगा।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    जब तक वह मतदाता रहेंगे तब तक वे उसी अनूठे इपिक नंबर से पहचाने जाएंगे। मतदाताओं के पास वैसे तो अभी भी एक इपिक नंबर है लेकिन ये अनूठे नंबर नहीं है। राज्यों ने इसे अपने स्तर पर ही अलग-अलग पैटर्न पर जारी किए गए है। चुनाव आयोग ने मतदाता सूची को त्रुटिरहित बनाने की दिशा में यह कदम ऐसे समय बढ़ाया है, जब मतदाता सूची में गड़बडि़यों को लेकर शिकायतों की बाढ़ आयी हुई है।

    चुनाव आयोग की इपिक नंबर को लेकर तैयारियां तेज

    हरियाणा, महाराष्ट्र के बाद हाल ही में दिल्ली विधानसभा चुनाव में भी राजनीतिक दलों ने मतदाता सूची में गड़बड़ी के आरोप लगाए गए है। यह बात अलग है कि इनमें से ज्यादातर शिकायतों के गलत पाए जाने के बाद आयोग उनके आरोपों को खारिज कर चुका है। इस बीच आयोग ने यूनिक इपिक नंबर को लेकर अपनी तैयारियों को रफ्तार दी है।

    अगले कुछ महीनों में शुरू हो जाएगा काम

    • सूत्रों की मानें तो अगले कुछ महीनों में देश भर में इसे लेकर काम शुरू हो जाएगा। मौजूदा समय में देश में मतदाताओं की संख्या 99 करोड़ से अधिक है। ऐसे में इससे लैस करने में आयोग को दो से तीन साल तक का समय लग सकता है।
    • अनूठे इपिक नंबर की तरह हाल ही में स्कूलों में पढ़ने वाले प्रत्येक बच्चों को भी अपार (आटोमेटिक परमामेंट एकेडमिक अकाउंट रजिस्ट्री) नंबर से लैस किया जा रहा है। अब तक 31 करोड़ स्कूली बच्चों को इससे जोड़ा जा चुका है।

    कहीं तबादला होने पर भी नहीं आएगी परेशानी

    • आयोग से जुड़े सूत्रों की मानें तो अनूठे ईपिक नंबर से मिलने के बाद मतदाता कहीं भी स्थानांरित होता है तो उसे उसे उसी यूनिक नंबर से दूसरी जगह मतदाता सूची में जोड़ दिया जाएगा। साथ ही वह पहले जहां से मतदाता था वहां से उसके नाम को स्वत: ही हटा दिया जाएगा।
    • मतदाता अभी कहीं स्थानांतरित होने पर अपना नाम मतदाता सूची में नई जगह तो दर्ज करा लेते है लेकिन वह पहले जहां से मतदाता रहते है उसे कटाते नहीं है।
    • ऐसे में जब भी ऐसे लोगों का सर्वे के बाद नाम कटता है तो उनकी संख्या अचानक से काफी हो जाती है। बाद में राजनीतिक दल उसे ही मुद्दा बनाते है और बड़ी संख्या में लोगों के नाम काटने का आयोग पर आरोप लगाते है।

    खत्म हो जाएगा इपिक नंबरों में एकरूपता का मुद्दा भी

    मतदाताओं के अनूठे इपिक नंबर से लैस होते ही पश्चिम बंगाल जैसे कई राज्यों में इपिक नंबरों की एकरूपता का मुद्दा भी खत्म हो जाएगा। अभी पश्चिम बंगाल, गुजरात व हरियाणा जैसे कई राज्यों ने अपने यहां एक- दूसरे राज्यों से मिलती जुलती इपिक नंबर की सीरीज जारी कर रखी है। अब तक राज्य इस बात से अनभिज्ञ थे लेकिन हाल ही में यह मुद्दा तब बना जब आयोग ने सभी राज्यों के इपिक नंबरों को एक जगह पर केंद्रीकृत किया।

    पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने हाल ही में इसे मुद्दे को प्रमुखता से उठाया। आयोग ने इस पर सारी स्थिति स्पष्ट की थी और कहा था कि एकसमान इपिक नंबर होने का मतलब फर्जी मतदाता नहीं है। आयोग से जुड़े अधिकारियों का कहना है कि यूनिक इपिक नंबर से यह समस्या भी खत्म हो जाएगी।