सुप्रीम कोर्ट के निर्देशानुसार होगी नए शिक्षकों की भर्ती, 30 मई को जारी होगा नोटिफिकेशन; Age Limit को लेकर आया बड़ा अपडेट
ममता ने स्पष्ट कर दिया गया नौकरी गंवाने वाले योग्य शिक्षकों को भी नई भर्ती प्रक्रिया में परीक्षा में बैठना ही होगा। ममता की यह घोषणा सरकारी स्कूलों के उन शिक्षण और गैर-शिक्षण कर्मचारियों द्वारा बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन के बीच आया है जिन्होंने स्कूल सेवा आयोग (एसएससी) भर्ती घोटाले में सुप्रीम कोर्ट के आदेश के कारण अपनी नौकरी खो दी थी।
राज्य ब्यूरो, कोलकाता। बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने मंगलवार को कहा कि उनकी सरकार सुप्रीम कोर्ट के निर्देशानुसार शिक्षकों की नई भर्ती प्रक्रिया 31 मई तक शुरू कर देगी, साथ ही नौकरी गंवाने वालों की बहाली के लिए शीर्ष अदालत में पुनर्विचार याचिका भी दायर की जा चुकी है। ममता ने कहा कि गर्मी की छुट्टी पड़ जाने के कारण सुप्रीम कोर्ट में पुनर्विचार याचिका लंबित है।
शाम में राज्य सचिवालय नवान्न में संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए ममता ने कहा कि जिन शिक्षकों की नौकरी चली गई है, उन्हें नई भर्ती प्रक्रिया में उनके अनुभव और आयु में छूट का लाभ दिया जाएगा। ममता ने कहा कि नई नियुक्ति प्रक्रिया शुरू करने के लिए सुप्रीम कोर्ट ने 31 मई तक की समय सीमा दी है, जिसके मद्देनजर नई भर्ती के लिए अधिसूचना 30 मई को जारी कर दी जाएगी। इससे संबंधित विज्ञापन भी 30 मई को प्रकाशित किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार की ओर से कुल 44,203 रिक्त पदों पर नियुक्ति के लिए अधिसूचना जारी की जाएगी। इसमें सुप्रीम कोर्ट के आदेश के कारण रद हुई 24,203 रिक्तियां शामिल हैं। इसके अलावा मंगलवार को राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में कक्षा नौ से 12 तक के शिक्षक व गैर-शिक्षक पद पर नियुक्ति के लिए अतिरिक्त 20,000 नए पदों का सृजन किया गया है।
ममता ने कहा कि हम चाहते हैं कि जिन शिक्षकों की नौकरी चली गई है, उन्हें वापस नौकरी मिल जाए। लेकिन हमें 31 मई तक अधिसूचना जारी करने के उच्चतम न्यायालय के निर्देश का भी पालन करना होगा। पुनर्विचार याचिका और अधिसूचना जारी करने की प्रक्रिया दोनों एक साथ चलेंगी। हम दोनों विकल्प खोलकर रखना चाहते हैं।
सुप्रीम कोर्ट ने 25,752 शिक्षकों और गैर-शिक्षण कर्मियों की नियुक्ति को कर दिया था रद
मालूम हो कि सुप्रीम कोर्ट ने बीते तीन अप्रैल को कलकत्ता हाई कोर्ट के फैसले को बरकरार रखते हुए 2016 में स्कूल सेवा आयोग (एसएससी) द्वारा बंगाल में सरकारी स्कूलों में 25,752 शिक्षकों और गैर-शिक्षण कर्मियों की नियुक्ति को रद कर दिया था और पूरी चयन प्रक्रिया को त्रुटिपूर्ण करार दिया था।
उम्र कोई बाधा नहीं रहेगी
नौकरी गंवाने वाले शिक्षकों के लिए राहत की घोषणा करते हुए ममता ने कहा कि उम्र कोई बाधा नहीं होगी। जिन लोगों की नौकरी चली गई है, उन्हें परीक्षा में बैठने की अनुमति दी जाएगी, भले ही वे सामान्य आयु सीमा पार कर चुके हों। उन्हें अपने अनुभव का भी लाभ मिलेगा।
20 हजार अतिरिक्त पदों का सृजन
ममता ने बताया कि कक्षा 9-10 में शिक्षकों के लिए 11,517 पद और कक्षा 11-12 में 6,912 पद, गु्रप सी के लिए 571 पद और गु्रप डी के लिए 1,000 अतिरिक्त पद सृजित किए गए हैं। इस प्रकार, राज्य सरकार की ओर से कक्षा नौ-10 के लिए कुल 23,212, कक्षा 11-12 के लिए कुल 12514, गु्रप सी के लिए कुल 2,989 व गु्रप डी के लिए कुल 5,488 पदों पर नई नियुक्ति के लिए अधिसूचना जारी की जाएगी।
हम सुप्रीम कोर्ट का निर्णय मानने को बाध्य
ममता ने कहा कि हमने एसएससी फैसले के मामले में सुप्रीम कोर्ट में समीक्षा याचिका पहले ही दायर की है। इस समय सुप्रीम कोर्ट में गर्मी की छुट्टियां हैं। इसलिए सुप्रीम कोर्ट के पिछले आदेश को मानने के लिए हम बाध्य हैं। अगर हम इसका पालन नहीं करते हैं तो यह कोर्ट की अवमानना होगी। अगर समीक्षा याचिका के दौरान सुप्रीम कोर्ट कहता है कि नौकरी गंवाने वाले शिक्षकों के लिए परीक्षा की जरूरत नहीं है तो हम उसका पालन करेंगे। हम नहीं चाहते कि किसी की नौकरी जाए, लेकिन अब चूंकि समीक्षा याचिका लंबित है, इसलिए हम भर्ती के लिए नई अधिसूचना जारी कर रहे हैं।
हमें न्याय नहीं मिला : आंदोलकारी शिक्षक
इधर, नौकरी गंवाने वाले आंदोलकारी शिक्षकों ने ममता की घोषणा पर निराशा व्यक्त करते हुए कहा कि हमें न्याय नहीं मिला। एक महिला शिक्षिका ने कहा- मुख्यमंत्री से हमने यह अपेक्षा नहीं की थी। हमें योग्यता से नौकरी मिली थी। अब नई भर्ती प्रक्रिया में हमें फिर से परीक्षा में बैठने के लिए कहा जा रहा है। हमें दोबारा नौकरी मिलेगी इसकी क्या गारंटी है। राज्य सरकार व मंत्रियों के दोष (भ्रष्टाचार) के कारण हमलोगों की नौकरी गईं। फिर से मैं परीक्षा क्यों दूं?
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