जागरण संवाददाता, देहरादून। गर्मी बढ़ने के साथ ही कई क्षेत्रों से पेयजल किल्लत की शिकायतें आने लगी हैं। प्रदेश के अन्य जिलों में भी यही स्थिति है। ऐसे में अगले कुछ माह भीषण गर्मी पड़ने के आसार हैं, जिनमें पानी की खपत के साथ ही उपलब्धता भी कम हो जाती है।
इसे देखते हुए पेयजल संकट से निपटने के लिए जल संस्थान तैयारी में जुट गया है। क्षतिग्रस्त पेयजल लाइनों को दुरुस्त करने के साथ ही जल स्रोतों की मरम्मत भी की जा रही है। शहरों में भीषण गर्मी के दौरान पानी का संकट न हो, इसके लिए आगामी एक अप्रैल से तीन माह तक नए व्यावसायिक कनेक्शन देने पर रोक लगाई जा रही है।
शहरी क्षेत्रों में लगातार हो रहे निर्माण के चलते भारी मात्रा में पानी की डिमांड रहती है। सामान्य दिनों में तो पानी उपलब्धता अधिक और मांग कम होने के कारण कोई परेशानी नहीं होती, लेकिन गर्मियों में स्थिति विपरीत हो जाती है। जिसके चलते निर्माण कार्यों के लिए पानी उपलब्ध नहीं कराया जाता।
जिसके लिए एक अप्रैल से व्यावसायिक कनेक्शन बंद कर दिए जाएंगे।
मानसून की दस्तक के बाद फिर चालू होंगे कनेक्शन मिलना
मानसून की दस्तक के बाद पेयजल आपूर्ति सामान्य होने के बाद ही जुलाई से व्यवसायिक कनेक्शन दिए जाएंगे। ऐसे में अगले तीन माह शहरी क्षेत्रों में भवन निर्माण की योजना बना रहे व्यक्तियों को परेशानी हो सकती है।
उन्हें अब वर्षाकाल तक का इंतजार करना होगा। जल संस्थान की ओर से घरेलू कनेक्शन तो वर्षभर प्रदान किए जाते हैं, लेकिन गर्मियों में तीन माह के लिए व्यावसायिक कनेक्शन पर रोक लगा दी जाती है।
पानी के बिल में भी होगी वृद्धि
जल संस्थान की मुख्य महाप्रबंधक नीलिमा गर्ग ने कहा कि हर वर्ष एक अप्रैल से पानी की दरों में नौ से 15 प्रतिशत तक की श्रेणीवार वृद्धि की जाती है।
साथ ही तीन माह के लिए व्यावसायिक कनेक्शन देने पर रोक लगा दी जाती है। पानी की दरों में वृद्धि का शासनादेश वर्ष 2013 में किया गया था, जिसके बाद से प्रतिवर्ष यह स्वत: लागू होता है।
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