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Baba Barfani: नीति घाटी में बढ़ने लगी रौनक, टिम्मरसैंण महादेव में बाबा बफार्नी ने ले लिया रुप; दर्शन के लिए लगी भीड़

Baba Barfani भारत-तिब्बत सीमा से लगा देश का अंतिम गांव नीती जहां वर्ष के छः माह भोटिया जनजाति के लोग निवास करते हैं और शीतकाल में ये लोग तराई वाले क्षेत्रों में निवास के लिए शीतकालीन प्रवास में निवास करने आ जाते है। वर्ष के छः महीने गर्मियों के सीजन में जब नीती गांव में लोग निवासरत होते है तो ये पूरा सीमांत गांव मानवीय चहल-पहल से आबाद रहा है।

By Devendra rawat Edited By: Swati Singh Published: Fri, 29 Mar 2024 06:33 PM (IST)Updated: Fri, 29 Mar 2024 06:33 PM (IST)
नीति घाटी में बढ़ने लगी रौनक, टिम्मरसैंण महादेव में बाबा बफार्नी ने ले लिया रुप

संवाद सूत्र, जोशीमठ। सीमांत नीती घाटी में टिम्मरसैंण महादेव के दर्शनों को भक्तों की भारी संख्या में भीड़ उमड़ रही है। जोशीमठ नीति मलारी हाइवे पर बर्फबारी के चलते बाधित हाइवे खुलते ही शिव भक्त हर रोज सैकड़ों की संख्या में बाबा बर्फानी के दर्शनों को पहुंच रहे हैं। जिससे स्थानीय नागरिकों के साथ साथ कारोबारियों में भी खासा उत्साह बना हुआ है।

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सीमांत विकासखंड जोशीमठ में भारत तिब्बत सीमा पर लगे नीती घाटी में स्थित एक अद्भुत दर्शनीय स्थल टिम्मरसैंण महादेव जहां बर्फ के शिवलिंग के रूप में भगवान शिव भक्तों को दर्शन देते है।

टिम्मरसैंण महादेव के दर्शन करने पहुंचते हैं लोग

भारत-तिब्बत सीमा से लगा देश का अंतिम गांव नीती जहां वर्ष के छः माह भोटिया जनजाति के लोग निवास करते हैं और शीतकाल में ये लोग तराई वाले क्षेत्रों में निवास के लिए शीतकालीन प्रवास में निवास करने आ जाते है। वर्ष के छः महीने गर्मियों के सीजन में जब नीती गांव में लोग निवासरत होते है तो ये पूरा सीमांत गांव मानवीय चहल-पहल से आबाद रहा है और लोग टिम्मरसैण महादेव के दर्शनों को भारी मात्रा में पहुंचते रहते है।

सड़क से बर्फ हटाने का काम हुआ पूरा

इन दिनों चमोली जनपद में मौसम साफ होने के साथ ही सीमा सड़क संगठन ने जोशीम नीति मलारी हाइवे से बर्फ हटाने का काम पूरा किया तो टिम्मरसैण महादेव के दर्शनों को पहुंचने वाले श्रद्धालुओं की तादाद दिन-प्रतिदिन बढ़ती जा रही है। घाटी अभी भी चारों तरफ से बर्फ से ढकी हुई है।

टिम्मरसैंण महादेव देश दुनिया से हैं ओझल

वहीं टिम्मरसैण में बर्फ के कई शिवलिंग अपने आकार में आ चुके हैं। ये बर्फ के बने शिवलिंग भक्तों को सीमांत क्षेत्र की तरफ खींच रही है। हालांकि उचित संसाधन और प्रचार-प्रसार न होने से टिम्मरसैण महादेव देश दुनिया की नजरों से ओझल है जिस कारण स्थानीय लोग ही टिम्मरसैण महादेव के दर्शनों को पहुंच पाते है।

भगवान के दर्शन कर दिल हुआ खुश

टिम्मरसैंण महादेव के दर्शन कर लौटे अशोक सकलानी का कहना है कि बर्फ से बने शिवलिंग के दर्शन कर और बर्फ से ढकी नीती घाटी में पहुंच कर उन्हें अदबुद्ध शांति और मन में भगवान के दर्शन कर काफी अच्छा महसूस हुआ। कहा कि नीती घाटी में स्थित टिम्मरसैण महादेव का प्रचार अमरनाथ की तर्ज पर होता है तो सीमांत क्षेत्र का विकास तो होगा ही साथ रोजगार के अवसर भी यहां स्थानीय लोगों को प्राप्त होंगे।

बर्फ से ढकी है घाटी

अशोक सकलानी ने बताया कि वे परिवार के साथ बाबा बर्फानी के दर्शनों के लिए गए थे,रास्ते में भारी हाईवे किनारे बर्फ के साथ बर्फ से लकदक चोटियां व शांति वादियां सच में एक अलग एहसास है। जो हमेशा टिम्मरसैंण महादेव की यात्रा को याद रखेगी।

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