Move to Jagran APP

परीक्षा है पर्व की तरह

परीक्षा तो एक तरह का पर्व है, जिसे हमें पूरे आत्मविश्वास तथा सकारात्मक सोच के साथ मनाना चाहिए...

By Srishti VermaEdited By: Published: Sat, 01 Apr 2017 02:18 PM (IST)Updated: Sat, 01 Apr 2017 04:47 PM (IST)
परीक्षा है पर्व की तरह
परीक्षा है पर्व की तरह

वास्तव में परीक्षा एक तरह का पर्व ही है। एक ऐसा पर्व, जो अपने साथ ढेर सारी जागरूकता, आत्मविश्वास तथा जिज्ञासा लेकर आता है। किंतु मित्रो, यह बात मुझे तब पता चली जब मैं कक्षा 8 की वार्षिक परीक्षा देने जा रहा था। मैंने सभी विषयों को बहुत अच्छी तरह से पढ़ा था, लेकिन मुझे एक तरह का डर सता रहा था। वह डर इस आशंका को लेकर था कि कहीं मैं फेल न हो जाऊं! अगर मैं फेल हो जाऊंगा, तो क्या होगा? मेरे अंदर आत्मविश्वास की बहुत कमी थी, उसी कमी के कारण मैंने परीक्षा के दिन सुबह अपने आपको कमरे में बंद कर लिया। मां ने बुलाया, तो कहा कि मुझे आज विद्यालय नहीं जाना। मुझे परीक्षा नहीं देनी।

loksabha election banner

मुझे डर लग रहा है। फिर मां ने मुझे समझाया, ‘बेटा परीक्षा तो एक तरह का पर्व है, जिसे हमें पूरे आत्मविश्वास तथा सकारात्मक सोच के साथ मनाना चाहिए।’ मां की इस बात ने मुझे नए जोश से भर दिया। मैं परीक्षा देने निकल गया। उसके बाद मैंने अपनी सभी परीक्षाएं पूरी लगन से दीं। उसका परिणाम यह हुआ कि मैंने अपनी कक्षा में प्रथम स्थान प्राप्त किया। इसलिए मित्रो, हमे परीक्षा का सामना बिना घबराए करना चाहिए। जब आपकी तैयारी सही है, तो डरना क्यों?

- सुधांशु त्रिपाठी, जौनपुर

यह भी पढ़ें : अच्छे श्रोता बनेंगे तो होंगे ये अनगिनत फायदे


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.