World Sanskrit Day 2022: संस्कृत भाषा के पुनरूद्धार के लिए मनाया जाता है विश्व संस्कृत दिवस, जानें इतिहास और महत्व
World Sanskrit Day 2022 ‘विश्व संस्कृत दिवस’ को संस्कृत में ‘विश्वसंस्कृतदिनम्’ भी कहा जाता है। इस दिवस को विश्व में संस्कृत भाषा के पुनरूद्धार एवं उपयोग को प्रेरित करने के उद्देश्य से मनाया जाता है। इसे मनाए जाने की शुरूआत वर्ष 1969 में हुई थी।

नई दिल्ली, ऑनलाइन डेस्क। World Sanskrit Day 2022: आज, 12 अगस्त 2022 को एक अंतर्राष्ट्रीय युवा दिवस के साथ-साथ विश्व संस्कृत दिवस भी मनाया जा रहा है। हिंदू कैलेंडर के मुताबिक हर साल श्रावण मास की पूर्णिमा पर मनाए जाने वाले ‘विश्व संस्कृत दिवस’ को संस्कृत भाषा में ‘विश्वसंस्कृतदिनम्’ भी कहा जाता है। हिंदू कैलेंडर के अनुसार तिथि निर्धारित होने के कारण पिछले साल यानि 2021 में विश्व संस्कृत दिवस को 22 अगस्त को मनाया गया था। गैर-सरकारी संगठन, ‘संस्कृत भारती’ द्वारा ‘विश्व संस्कृत दिवस’ को मनाए जाने के लिए प्रेरित किया जाता है। विश्व संस्कृत दिवस को हमारी प्राचीन भारतीय भाषा संस्कृत के पुनरूद्धार और प्रचलन को बढ़ावा देने के उद्देश्य से मनाया जाता है।
World Sanskrit Day 2022: ‘संस्कृत भाषा’ और ‘विश्व संस्कृत दिवस’ का इतिहास
भले ही विद्वान संस्कृत की उद्गम को लेकर एकमत नहीं हैं। भारत की प्राचीनतम भाषाओं में से एक संस्कृत भाषा में संचार अनुमानत: 3,500 वर्षों से किया जा रहा है। हिंदू सभ्यता के कई शास्त्र, वेद, ग्रंथ, पुराण, कथाएं, आदि संस्कृत भाषा में ही लिखे गए हैं। भाषाविद् पाणिनी द्वारा संस्कृत के व्याकरण के आठ अध्यायों की रचना के बाद इसे आधिकारिक तौरपर भाषा के रूप से मान्यता दी गई। दूसरी तरफ, विश्व संस्कृत दिवस को वर्ष 1969 में पहली बार मनाया गया था। तत्कालीन सरकार द्वारा विश्व संस्कृत दिवस को हिंदू संस्कृति की जड़ की भांति पूरे विश्व में प्रचारित करने के लिए शुरू मनाए जाने की घोषणा की गई थी।
World Sanskrit Day 2022: ‘विश्व संस्कृत दिवस’ का महत्व
सावन माह की पूर्णिमा यानि श्रावणी पूर्णिमा के दिन पड़ने वाले राखी त्यौहार के साथ विश्व संस्कृत दिवस को भी पूरे देश में मनाया जाता है। इस अवसर पर विभिन्न शिक्षण संस्थानों एवं सरकारी/गैर-सरकारी संगठनों द्वारा इस भाषा के महत्व को प्रदर्शित व प्रचारित करने के लिए कई कार्यक्रम (जैसे- भाषण प्रतियोगिता, आदि) आयोजित किए जाते हैं। जगह-जगह पर संस्कृत भाषा को प्रमोट करने के लिए सेमिनार का भी आयोजन विश्व संस्कृत दिवस के अवसर पर किया जाता है।
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