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    UPPSC Success Story: असफलताओं से नहीं मानी हार, दो बार फेल होने के बावजूद दिव्या सिकरवार ने पायी पहली रैंक

    By Amit YadavEdited By: Amit Yadav
    Updated: Wed, 11 Oct 2023 09:13 PM (IST)

    UPPSC Success Story आगरा की रहने वाली दिव्या सिकरवार ने यूपीपीसीएस 2022 एग्जाम में राज्य पर में टॉप पोजीशन हासिल की। इससे पहले वे एक बार मुख्य परीक्षा से और एक बार इंटरव्यू से बाहर हो चुकी थीं। लेकिन उन्होंने इससे हार न मानते हुए तीसरी बार में सफलता प्राप्त की। उन्होंने अपनी सफलता का श्रेय माता-पिता और अपने परिवार को दिया।

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    UPPSC Success Story: दो बार फेल होने के बाद तीसरी बार में दिव्या सिकरवार ने पायी पहली रैंक।

    एजुकेशन डेस्क, नई दिल्ली। UPPSC Success Story: सफलता और असफलता जीवन का प्रमुख हिस्सा मानी जाती हैं। लेकिन कहा जाता है कोई भी असफलता बेकार नहीं जाती, असफलता से सीखकर ही हम सफलता की ओर एक कदम आगे बढ़ाते हैं और सफलता प्राप्त करते हैं। ऐसा ही करके दिखाया आगरा जिले के एत्मादपुर ब्लॉक के गांव नागला रामी की निवासी दिव्या सिकरवार। दिव्या ने UP PCS 2022 में राज्य भर में पहली रैंक हासिल कर अपना व अपने परिवार का नाम रोशन किया।

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    दो बार असफल होने के बाद प्राप्त की पहली रैंक

    दिव्या सिकरवार ने यूपीपीसीएस 2022 में टॉप रैंक हासिल करने से पहले दो बार असफलता का मुंह देखा। पहली बार में दिव्या ने प्रारंभिक परीक्षा तो पास कर ली लेकिन वे मुख्य परीक्षा में सफल नहीं हो पायीं। इसके बाद उन्होंने एक बार प्रीलिम और मेंस दोनों ही एग्जाम में सफलता प्राप्त करने के बाद इंटरव्यू तक का सफर पूरा किया लेकिन अंतिम परिणाम जारी होने के बाद वे उसमें जगह नहीं बना सकीं।

    दिव्या ने लेकिन इन दो असफलताओं से हार नहीं मानी और अपनी तैयारियों को पुख्ता करती गईं और अंत में उन्होंने यूपीपीसीएस 2022 में राज्य में पहली रैंक हासिल कर सफलता का स्वाद चखा।

    (Image-freepik)

    स्व-अध्ययन से प्राप्त हासिल की पहली रैंक

    दिव्या ने यूपीपीसीएस एग्जाम की तैयारी बिना कोचिंग के पास की। इसके लिए उन्होंने स्व-अध्ययन को चुना और इसके माध्यम से ही तैयारी की। दिव्या ने बताया कि तैयारी के समय उन्होंने फोन का इस्तेमाल बिल्कुल ही बंद कर दिया था, हालांकि तैयारी के समय वे मोबाइल का यूज करती थीं।

    परिवार और मां को दिया सफलता का श्रेय

    दिव्या सिकरवार ने अपनी सफलता का श्रेय अपनी मां के साथ अपने परिवार व अपने पिता को दिया। वे कहती हैं कि उनकी मां ने बहुत से परेशानियां देखने के बाद भी उनका साथ दिया और उन्हें प्रेरित किया जिसके चलते वे आज इस मुकाम तक पहुंचने में सफल हो पाई।

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