देश के सभी राज्यों के स्कूलों में पीएम-श्री स्कीम के अपग्रेडेशन का काम शुरू, अब चार स्टेट को मनाने में जुटा केंद्र
तमिलनाडु पश्चिम बंगाल दिल्ली और केरल को छोड़ दें तो बाकी सभी राज्यों ने अपने स्कूलों को पीएम-श्री स्कीम के तहत अपग्रेड करने का काम शुरू कर दिया है। इनमें पंजाब झारखंड आंध्र प्रदेश और हिमाचल प्रदेश जैसे राज्य भी शामिल है जिनके रुख में शुरूआत में कुछ बदलाव आया था। इस पहल के तहत केंद्र ने सबसे पहले तमिलनाडु के साथ चर्चा शुरू की है।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। तमिलनाडु, पश्चिम बंगाल, दिल्ली और केरल को छोड़ दें तो बाकी सभी राज्यों ने अपने स्कूलों को पीएम-श्री स्कीम के तहत अपग्रेड करने का काम शुरू कर दिया है। इनमें पंजाब, झारखंड, आंध्र प्रदेश और हिमाचल प्रदेश जैसे राज्य भी शामिल है, जिनके रुख में शुरूआत में कुछ बदलाव आया था, लेकिन बच्चों के हितों को देखते हुए बाद में इन राज्यों ने राजनीतिक मतभेदों को भूलकर स्कीम से जुड़ने का ऐलान किया।
ऐसे में बाकी बचे चार राज्यों को भी केंद्र ने अब सहमत करने की कोशिशें नए सिरे से तेज की है। फिलहाल इस पहल के तहत केंद्र ने सबसे पहले तमिलनाडु के साथ चर्चा शुरू की है। साथ ही राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) -2020 को लेकर उनकी गलतफहमियों को दूर करने की कोशिश शुरू की है।
दोनों राज्यों के अधिकारियों के बीच चर्चा
सूत्रों की मानें तो इसको लेकर दोनों राज्यों के अधिकारियों के बीच चर्चा लगातार जारी है। वैसे भी तमिलनाडु की आपत्ति पीएम-श्री स्कीम से नहीं है, वह इसमें शामिल होना चाहता है। उसकी आपत्ति इसके जरिए होने वाले करार के बिंदुओं को लेकर है, जिसमें एनईपी को उसे लागू करना होगा। सूत्रों की मानें तो तमिलनाडु की इसमें भी आपत्ति सिर्फ त्रिभाषा फार्मूले पर है, क्योंकि उसके यहां द्विभाषा फार्मूला लागू है।
यानी तमिल और अंग्रेजी ही पढ़ाई जाती है। जबकि एनईपी में तीन भाषाओं को, जिनमें से दो भारतीय भाषाएं हो, को पढ़ाने की सिफारिश करती है। केंद्र अब इस मुद्दे पर उसे समझाने में जुटी है।
केंद्र ने राज्यों के साथ बातचीत शुरू करने के दिए संकेत
माना जा रहा है कि जल्द ही कोई रास्ता निकलेगा। तमिलनाडु को छोड़कर पीएम-श्री स्कूलों पर बाकी के तीन राज्यों की आपत्ति किसी मुद्दे की जगह राजनीतिक ही ज्यादा है। हालांकि केंद्र की ओर से नीति के अमल के लिए समग्र शिक्षा के तहत राशि न मिलने से उनकी दिक्कतें बढ़ी हुई है।
वह इस संबंध में केंद्र से लगातार वित्तीय मदद जारी करने की बात कर रहे है। ऐसे में केंद्र ने राज्यों के साथ ही फिर से बातचीत शुरू करने के संकेत दिए है। इस स्कीम के तहत देश के करीब 14500 सरकारी स्कूलों को अपग्रेड किया जाना है। पहले चरण में आठ हजार से अधिक स्कूलों में काम शुरू हो गया है।