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यूपी बोर्ड के स्टूडेंट्स के लिए खुशखबरी, नंबर बढ़ाने के लिए दोबारा दे सकेंगे हाईस्कूल व इंटरमीडिएट की परीक्षा

New education policy उत्तर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री डॉ. दिनेश शर्मा के सामने नई शिक्षा नीति के तहत यूपी बोर्ड की हाईस्कूल व इंटरमीडिएट की परीक्षा से संबंधिक कई फैसलों को टास्क फोर्स के सामने रखा गया। इस दौरान कई अहम फैसले किए गए।

By Umesh TiwariEdited By: Published: Fri, 05 Feb 2021 09:47 AM (IST)Updated: Fri, 05 Feb 2021 09:48 AM (IST)
यूपी बोर्ड के स्टूडेंट्स के लिए खुशखबरी, नंबर बढ़ाने के लिए दोबारा दे सकेंगे हाईस्कूल व इंटरमीडिएट की परीक्षा
यूपी बोर्ड हाईस्कूल व इंटरमीडिएट में अंक बढ़ाने के लिए दोबारा परीक्षा में शामिल होने का मौका देगा।

लखनऊ [राज्य ब्यूरो]। यदि आपके उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा परिषद (यूपी बोर्ड) की हाईस्कूल व इंटरमीडिएट की परीक्षा में कम अंक भी आते हैं, तो अब मायूस होने की जरूरत नहीं। यूपी बोर्ड अंक बढ़ाने के लिए दोबारा परीक्षा में शामिल होने का मौका देगा। बोर्ड परीक्षा पहले की ही तरह वर्ष में एक ही बार होगी। विद्यार्थी दूसरे वर्ष की बोर्ड परीक्षा में शामिल होकर अंक बढ़ा सकेगा। उसे सभी विषयों की परीक्षा में शामिल होने का मौका दिया जाएगा। वर्ष 2022 की बोर्ड परीक्षा से ही इसे लागू कराया जाएगा। सेंट्रल बोर्ड ऑफ सेकेंड्री एजुकेशन (सीबीएसई) और काउंसिल फॉर द इंडियन स्कूल सार्टिफिकेट एग्जामिनेशन (सीआइएससीई) की तर्ज पर यूपी बोर्ड भी दोबारा सभी विषयों में नंबर बढ़ाने का मौका देगा। राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 में भी इसे शामिल किया गया है। उप मुख्यमंत्री डॉ. दिनेश शर्मा की अध्यक्षता में राष्ट्रीय शिक्षा नीति को उत्तर प्रदेश में लागू कराने के लिए गठित टास्क फोर्स की बैठक में यह निर्णय लिया गया। 

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उत्तर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री डॉ. दिनेश शर्मा के सामने नई शिक्षा नीति के तहत यूपी बोर्ड की हाईस्कूल व इंटरमीडिएट की परीक्षा साल में दो बार कराने के स्टीयरिंग कमेटी के फैसले को टास्क फोर्स के सामने रखा गया। बैठक में सदस्यों ने कहा कि दोबारा परीक्षा कराने से काफी धन खर्च होगा। ऐसे में अभी जो व्यवस्था चल रही है, उसके तहत वर्ष में एक बार ही इम्तिहान कराया जाए। वहीं, दूसरे साल की बोर्ड परीक्षा में विद्यार्थी शामिल होकर अंक बढ़ा सके। यही आगे स्नातक व परास्नातक स्तर पर विश्वविद्यालयों में भी व्यवस्था है।

उच्च शिक्षा विभाग और सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम विभाग के बीच एमओयू भी हुआ। अब विश्वविद्यालय व कॉलेजों के विद्यार्थी इंटर्नशिप भी कर सकेंगे। बैठक में उत्तर प्रदेश कौशल विकास मिशन के निदेशक कुणाल सिल्कू ने बताया कि सीएम अप्रेंटिसशिप योजना के तहत कुल 2,500 रुपये दिए जा रहे हैं। 1,500 रुपये केंद्र सरकार व 1,000 रुपये यूपी सरकार दे रही है।

बैठक में अपर मुख्य सचिव उच्च शिक्षा मोनिका एस गर्ग ने कहा कि इंडस्ट्री-एकेडमिया सेल बनाई जाएगी। उद्योगों के लिए रिसर्च उच्च शिक्षण संस्थान करेंगे और उद्योग विद्यार्थियों को इंटर्नशिप का मौका देंगे। बैठक में अपर मुख्य सचिव माध्यमिक शिक्षा आराधना शुक्ला, लविवि की अंग्रेजी विभाग की प्रोफेसर डॉ. निशी पांडेय व अनएडेड स्कूल एसोसिएशन के अध्यक्ष अनिल अग्रवाल भी मौजूद रहे।

एक छत के नीचे कक्षा एक से इंटर तक की पढ़ाई : यूपी में अब कंपोजिट स्कूल खोलने पर जोर दिया जाएगा। यहां कक्षा एक से लेकर इंटरमीडिएट तक की पढ़ाई एक छत के नीचे होगी। बेसिक शिक्षा परिषद व माध्यमिक शिक्षा विभाग आपस में मिलकर इस योजना के तहत स्कूल स्थापित करेगा। ऐसे प्राइमरी स्कूल जो माध्यमिक स्कूलों के बगल में हैं, अब उन्हें एक कैंपस बनाकर आपस में जोड़ा जाएगा।


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