UGC Guidelines 2023: पुस्तक अनुवाद के लिए यूजीसी के दिशा-निर्देश जारी, Al टूल ANUVADINI और CSTT कोश की सलाह
UGC Guidelines 2023 उच्च शिक्षा संस्थानों में कोर्स के स्ट्रक्चर सिलेबस और स्टडी मैटेरियल को भारतीय भाषाओं में स्टूडेंट्स सुलभ कराया जाने के NEP 2020 के प्रावधानों के अनुरूप विश्वविद्यालय अनुदान ने स्तरीय अंग्रेजी भाषा के पुस्तकों का भारतीय भाषाओं में अनुवाद को लेकर दिशा-निर्देश सभी विश्वविद्यालयों के उप-कुलपतियों और महाविद्यालयों के प्रधानाचार्यों को 13 जुलाई 2023 को जारी किए है।

UGC Guidelines 2023: राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) 2020 के प्रावधानों के अंतर्गत उच्च शिक्षा संस्थानों में भारतीय भाषाओं के प्रोत्साहन को बढ़ावा दिया जाना है। इस क्रम में विश्वविद्यालयों और डिग्री कॉलेजों द्वारा कोर्स के स्ट्रक्चर से लेकर सिलेबस और स्टडी मैटेरियल तक को भारतीय भाषाओं में स्टूडेंट्स सुलभ कराया जाना है। इसके लिए स्तरीय अंग्रेजी भाषा के पुस्तकों का इन भाषाओं में अनुवाद महत्वपूर्ण है, जिसे लेकर विश्वविद्यालय अनुदान आयोग ने दिशा-निर्देश जारी किए है। आयोग द्वारा सभी विश्वविद्यालयों के उप-कुलपतियों और महाविद्यालयों के प्रधानाचार्यों को 13 जुलाई 2023 को लिखे पत्र में क्वालिटी ट्रासलेशन के लिए सुझाव दिए गए हैं।
UGC Guidelines 2023: पुस्तक अनुवाद के लिए Al टूल ANUVADINI और CSTT कोश की सलाह
यूसीजी सचिव प्रोफेसर मनीष जोशी की तरफ से विश्वविद्यालयों और महाविद्यालयों को जारी निर्देशों में अंग्रेजी से भारतीय भाषाओं में पुस्तकों के अनुवाद के लिए आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस (एआइ) आधारित टूल ANUVADINI के इस्तेमाल की सलाह दी गई है। इस टूल को अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (AICTE) द्वारा तैयार किया गया है और इसकी मदद से सोर्स टेक्स्ट फाइल, स्पीच टू टेक्स्ट टाइपिंग, आदि जैसे फीचर्स शामिल किए हैं। इसके अतिरिक्त, यूजीसी ने HEIs को वैज्ञानिक और तकनीकी शब्दावली आयोग (CSTT) द्वारा तैयार किए गए विभिन्न शब्दकोशों (Glossaries) के इस्तेमाल की भी सलाह दी है।
UGC Guidelines 2023: पुस्तक अनुवाद के लिए यूजीसी के दिशा-निर्देश
यूजीसी द्वारा ANUVADINI और CSTT शब्दकोश के इस्तेमाल के साथ-साथ कई अन्य दिशा-निर्देश जारी किए गए, जो कि निम्नलिखित हैं:-
- अनुवाद के लिए आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस (एआइ) आधारित टूल ANUVADINI के इस्तेमाल कर सकते हैं।
- CSTT के शब्दकोशों (Glossaries) को भी इस्तेमाल किया जा सकता है।
- विभिन्न राज्यों के ग्रंथ एकेडेमी और तमाम विश्वविद्यालयों के भाषा विभागों द्वारा प्रकाशित क्षेत्रीय भाषाओं के शब्दकोशों का भी प्रयोग किया जा सकता है।
- कठिन और जटिल टर्म के अनुवाद के साथ कोष्ठक में उनके सम्बन्धित अंग्रेजी के टर्म को भी दिया जाना चाहिए।
- यदि किसी टर्म का सम्बन्धित भारतीय भाषा में शब्द नहीं है तो मूल शब्द का ट्रांसलिट्रेशन करते हुए भारतीय भाषा की स्क्रिप्ट में दिया जा सकता है।
- नंबर और बुलेट को ओरिजिनल फॉर्म में ही रखा जाएगा।
- इसी प्रकार, समीकरण और संकेतों को भी ओरिजिनल फॉर्म में ही रखा जाएगा।

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