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UGC Guideline 2020 for PhD/MPhil: कोविड-19 दौर में शोधार्थियों के लिए क्या कहते हैं विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के जारी निर्देश

UGC Guideline 2020 for PhD MPhil आयोग ने निर्देश दिया कि डिजर्टेशन या थीसीस जमा करने की अंतिम तिथि समाप्त हुए शोधार्थियों को छह माह का एक्सटेंशन दिया जाएगा।

By Rishi SonwalEdited By: Published: Thu, 30 Apr 2020 10:48 AM (IST)Updated: Thu, 30 Apr 2020 11:43 AM (IST)
UGC Guideline 2020 for PhD/MPhil: कोविड-19 दौर में शोधार्थियों के लिए क्या कहते हैं विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के जारी निर्देश
UGC Guideline 2020 for PhD/MPhil: कोविड-19 दौर में शोधार्थियों के लिए क्या कहते हैं विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के जारी निर्देश

नई दिल्ली, ऑनलाइन डेस्क। UGC Guideline 2020 for PhD/MPhil: ऐसे समय में जबकि पूरे देश में कोरोना वायरस (कोविड-19) की महामारी से बचाव के उपायों के तहत लॉक डाउन लागू किया गया है, विश्वविद्यालय अनुदान आयोग ने शैक्षणिक शोध कार्यों में हुई रुकावटों के मद्देनजर कई महत्वपूर्ण दिशा-निर्देश जारी किये। ये निर्देश आयोग द्वारा विश्वविद्यालयों एवं उच्च शिक्षण संस्थानों में परीक्षाओं के आयोजन, नये शैक्षणिक सत्र की शुरुआत और प्रवेश प्रक्रिया जैसी अन्य निर्देशों के साथ ही 29 अप्रैल 2020 को जारी किये गये।

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यूजीसी द्वारा जारी निर्देशों के अनुसार देश भर के विश्वविद्यालयों, सम्बद्ध महाविद्यालयों और अन्य उच्च शिक्षण संस्थानों में वर्तमान में विभिन्न विषयों में शोध कर रहे शोधार्थियों को एमफिल और पीएचडी डिग्री अवार्ड करने हेतु बनाये गये यूजीसी रेग्यूलेशन, 2016 के क्लॉज 9.6 से 9.9 को पूरा करने के लिए आवश्यक वाइवा-वॉयस को वीडियो कॉफ्रेंसिग से कराये जाने को कहा है।

आयोग ने कहा कि एमफिल और पीएचडी डिग्री अवार्ड के लिए आवश्यक वाइवा-वॉयस को वीडियो कॉफ्रेंसिग से कराने के लिए गूगल, स्काइप, माइक्रोसॉफ्ट टेक्नोलॉजीस या किसी अन्य विश्वसनीय तकनीकी साधन का इस्तेमाल किया जा सकता है। निर्देशों के अनुसार, हालांकि ये तकनीकी साधन विश्वविद्यालय की शोधार्थियों और विश्वविद्यालय दोनो के लिए सुगम होने चाहिए और विश्वविद्यालय की सन्बन्धित समिति को मान्य होना चाहिए।

यह भी पढ़ें - UGC Calendar 2020-21: विश्वविद्यालयों में नये सत्र और परीक्षाओं को लेकर के लिए यूजीसी ने जारी किये दिशा-निर्देश

साथ ही, यूजीसी दिशा-निर्देश के अनुसार, वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से वाइवा-वॉयस कराते समय सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि कॉन्फ्रेंसिंग के दौरान इसमें शोधार्थी और विशेषज्ञ या परीक्षक के साथ-साथ रिसर्च एडवाइजरी कमेटी और विभाग के अन्य सभी फैकल्टी मेंबर्स के लिए भी ज्वाइन करने का ऑप्शन ओपेन रहे। इस पूरी प्रक्रिया का रिकॉर्ड रखा जाना चाहिए और इस रिपोर्ट की विशेषज्ञ या परीक्षक द्वारा हस्ताक्षरित कॉपी को भी रिकॉर्ड में रखना होगा।

आयोग ने अपने निर्देशों में एक अन्य महत्वपूर्ण पहलू को शामिल करते हुए कहा कि ऐसे सभी शोधार्थियों, जिनकी एमफिल या पीएचडी की डिजर्टेशन या थीसीस जमा करने की अंतिम तिथि कोविड-19 के दौरान समाप्त हो चुकी है, को छह माह का एक्सटेंशन दिया जाएगा। इस तिथि की गणना समाप्त हुई तिथि से की जाएगी।


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