सारण के जेपी विश्वविद्यालय में छात्रों का आंदोलन तेज, आरएसए ने किया बुद्धि-शुद्धि यज्ञ
छपरा के जयप्रकाश विश्वविद्यालय में छात्र संगठन विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। छात्रों ने बुद्धि-शुद्धि यज्ञ का आयोजन किया ताकि प्रशासन छात्र हित में निर्णय ले। उनकी 14 सूत्री मांगें हैं जिनमें अवैध शुल्क वसूली पर रोक और परीक्षा परिणाम में सुधार शामिल हैं। छात्रों ने चेतावनी दी है कि अगर उनकी मांगें पूरी नहीं हुईं तो वे आंदोलन को और उग्र करेंगे।

जागरण संवाददाता, छपरा(सारण)। जयप्रकाश विश्वविद्यालय में छात्र संगठनों का विरोध प्रदर्शन अब धार्मिक अनुष्ठानों तक पहुंच गया है। शुक्रवार को अनशन के दूसरे दिन राष्ट्रीय छात्र एकता (आरएसए) के कार्यकर्ताओं ने विश्वविद्यालय परिसर में बुद्धि-शुद्धि यज्ञ आयोजित किया। छात्रों ने कहा कि यह अनुष्ठान प्रशासन की उदासीनता को दूर करने और पदाधिकारियों को छात्र हित में निर्णय लेने की प्रेरणा देने के उद्देश्य से किया गया है।
छात्र नेताओं ने आरोप लगाया कि विश्वविद्यालय प्रशासन लगातार छात्र हितों की अनदेखी कर रहा है। नामांकन से लेकर परीक्षा परिणाम और अंक पत्र तक हर स्तर पर अव्यवस्था और शोषण व्याप्त है। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि उनकी मांगों का समाधान शीघ्र नहीं किया गया तो आंदोलन को जिला और राज्य स्तर पर व्यापक किया जाएगा।
14 सूत्री मांगों को लेकर दबाव
आरएसए ने विश्वविद्यालय प्रशासन के सामने 14 प्रमुख मांगें रखी हैं। इनमें स्नातक सत्र 2025-29 में अवैध शुल्क वसूली पर रोक, स्नातकोत्तर 2018-20 और 2019-21 सत्र के अंक पत्र की उपलब्धता, स्नातक 2019-22 और 2020-23 में दोबारा शुल्क वसूली पर रोक तथा अंक पत्र सुधार के नाम पर हो रही अवैध वसूली बंद करना प्रमुख है। इसके अलावा स्नातक तृतीय खंड (2020-23 और 2021-24) के अंक पत्र जल्द कॉलेजों तक भेजने, स्नातक 2023-27 के दूसरे और तीसरे सेमेस्टर का परिणाम शीघ्र जारी करने और चौथे सेमेस्टर का परीक्षा फॉर्म तुरंत शुरू करने की मांग भी शामिल है।
छात्रों ने प्रथम सेमेस्टर (2024-28) का अंक पत्र समय पर उपलब्ध कराने, नान-कॉलेजिएट छात्रों को परीक्षा का अवसर देने, विशेष परीक्षा आयोजित करने और लंबित स्नातकोत्तर परीक्षाओं व परिणामों को प्रकाशित करने पर जोर दिया।
शिक्षा को बताया मौलिक अधिकार
आरएसए नेताओं ने स्पष्ट कहा कि शिक्षा प्रत्येक छात्र का मौलिक अधिकार है और प्रशासनिक उदासीनता से उन्हें इस अधिकार से वंचित नहीं किया जा सकता। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय में प्रयोगशाला और खेल सुविधाओं को बहाल किया जाए तथा छात्र समस्याओं के समाधान के लिए हेल्प डेस्क की स्थापना की जाए।
छात्र नेताओं ने चेतावनी दी कि यदि विश्वविद्यालय प्रबंधन ने तत्काल कार्रवाई नहीं की तो यह आंदोलन और उग्र हो जाएगा। अनशन और बुद्धि-शुद्धि यज्ञ में बड़ी संख्या में छात्र-छात्राएं मौजूद रहे। इस दौरान प्रशांत बजरंगी, उज्जवल कुमार सिंह, सुजीत दुबे, आशीष यादव उर्फ गुलशन यादव, विवेक कुमार विजय, विशाल सिंह, आकाश सिंह, अंकित सिंह, मनीष पांडेय समेत अनेक छात्र-छात्राएं मौजूद थे।
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