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    Sharda Sinha: म्यूजिक में पीएचडी धारक थी लोक गायिका शारदा सिन्हा, जानिए कब गाया था पहला गाना

    शारदा सिन्हा मैथिली भोजपुरी और मगही में लोकगीत गाती थीं। हालांकि उन्होंने बॉलीवुड में भी कई गाने गए हैं जो कि काफी लोकप्रिय हुए हैं। इनमें कहे तोसे सजना ये तोहरी सजनिया बाबलु जो तुमने सिखाया तार बिजली से पतले हैं हमार पिया शामिल हैं। गायिका के कई गाने ऐसे हैं जिन्हें सुनकर लोग छठ का पर्व बड़ी धूमधाम से मनाते हैं।

    By Nandini Dubey Edited By: Nandini Dubey Updated: Wed, 06 Nov 2024 01:21 PM (IST)
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    लोकगायिका शारदा सिन्हा का सुपौल के हुलास जिले में हुआ था जन्म

    एजुकेशन डेस्क, नई दिल्ली। अपनी अनूठी आवाज से बिहार ही नहीं बल्कि पूरे देश में अपनी एक अलग छाप छोड़ने वाली लोक गायिका शारदा सिन्हा का निधन हो गया है। बीते दिन एम्स अस्पताल में उन्होंने 72 वर्ष की उम्र में आखिरी सांस ली थी। अपने गीतों से सबको मंत्रमुग्ध करने वाली गायिका शारदा सिन्हा संगीत के साथ-साथ पढ़ाई में भी अव्वल थीं। उन्होंने संगीत में पीएचडी की डिग्री हासिल की थी। आइए डालते हैं उनके करियर पर एक नजर।

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    Sharda Sinha Life and Education: सुपैल के इस जिले में हुआ था जन्म 

    बिहार की स्वर कोकिला के नाम से मशहूर हुई शारदा सिन्हा का जन्म सुपौल जिले के हुलास में हुआ था। उनके पिता खुद शिक्षा विभाग में सीनियर ऑफिसर थे। घर में उनके पढ़ाई- लिखाई का अच्छा माहौल था। गायिका ने भी बैचलर ऑफ एजुकेशन की डिग्री ली थी। इसके बाद उन्होंने पोस्टग्रेजुएशन किया था। शारदा सिन्हा ने मगध महिला कॉलेज, प्रयाग संगीत समिति और ललित नारायण मिथिला यूनिवर्सिटी से पढ़ाई पूरी की है। उन्होंने पीएचडी की डिग्री हासिल की थी।

    Sharda Sinha Career: इस कॉलेज में रही थीं प्रोफेसर

    लोकगायिका शारदा सिन्हा समस्तीपुर के महिला महाविद्यालय में संगीत विभाग की प्रोफेसर रहीं थीं। इसके बाद संगीत वे यहीं इसी विभाग की एचओडी (HOD) भी बनीं। गायिका ने कई स्टूडेंट्स का मार्गदर्शन किया था। 

    Sharda Sinha: लोक गायिका शारदा सिन्हा को मिल चुके हैं ये अवॉर्ड्स

    - साल 1974 में पहली बार भोजपुरी गीत गाना शुरू किया था।

    - शारदा सिन्हा को 1991 में पद्मश्री अवॉर्ड मिल चुका है।

    - साल 2000 में शारदा सिन्हा संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया था।

    - वर्ष 2006 में बिहार कोकिला को राष्ट्रीय अहिल्या देवी अवॉर्ड से सम्मानित किया गया था।

    - साल 2015 में बिहार सरकार ने उन्हें बिहार सरकार पुरस्कार से नवाजा।

    - साल 2018 में भारत सरकार ने शारदा सिन्हा को पद्मभूषण पुरस्कार से सम्मानित किया था।

    साल 1974 में पहली बार गाया था गाना

    साल 1974 में पहली बार शारदा सिन्हा ने अपना पहला भोजपुरी गाना गाया था, लेकिन इस गाने से उन्हें ज्यादा फायदा नहीं हुआ। इसके बाद फिर साल 1978 में उन्होंने छठ गीत ‘उग हो सुरुज देव’ गाया। इस गीत ने शानदार प्रदर्शन किया। इसके बाद से उनके करियर की बेहतरीन शुरुआत हो गई थी।

    छठ पर सुने जाते हैं गायिका के गाने 

    साल 1978 में छठ पर्व पर आया ‘उग हो सुरुज देव गीत आज भी घाटों पर सुना जाता है। लोग गायिका के गाए हुए ज्यादातर गीतों को सुनकर ही लोग छठ का त्योहार बड़ी धूमधाम से मनाते हैं। 

    बॉलीवुड गाने भी हुए खूब पॉप्यूलर 

    लोकगायिका शारदा सिन्हा के गाए हुए बॉलीवुड गानों ने भी खूब धमाल मचाया। इनके गाए हुए गीत कहे तोसे सजना ये तोहरी सजनिया, तार बिजली से पतले हमार पिया, बाबलुु जो तुमने सिखाया गीतों को लोगों ने खूब पसंद किया था। ये सभी गाने आज भी लोगों की जुबां पर रहते हैं।