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    छपरा जयप्रकाश विश्वविद्यालय में शैक्षणिक अराजकता के खिलाफ आरएसए का प्रदर्शन

    Updated: Wed, 10 Sep 2025 05:05 PM (IST)

    बिहार के छपरा के जयप्रकाश विश्वविद्यालय में आरएसए कार्यकर्ताओं ने शैक्षणिक अव्यवस्था के खिलाफ तीसरे दिन भी प्रदर्शन किया। छात्रों ने विश्वविद्यालय प्रशासन पर भ्रष्टाचार और लापरवाही का आरोप लगाते हुए अर्धनग्न होकर विरोध जताया। उन्होंने प्रमाणपत्र वितरण में देरी अवैध शुल्क वसूली और परीक्षा प्रणाली में गड़बड़ी का मुद्दा उठाया।

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    जेपी विश्वविद्यालय में छात्रों किया अर्द्धनग्न प्रदर्शन

    जागरण संवाददाता, छपरा(सारण)। जयप्रकाश विश्वविद्यालय प्रशासन के खिलाफ छात्र संगठन आरएसए का चल रहा आंदोलन तीसरे दिन बुधवार को और तीखा हो गया। कुलपति कार्यालय के सामने कार्यकर्ताओं ने अर्द्धनग्न होकर विरोध प्रदर्शन किया। छात्रों ने विश्वविद्यालय प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि लगातार उपेक्षा, भ्रष्टाचार और लापरवाही के कारण वे मानसिक, आर्थिक और शैक्षणिक संकट से जूझ रहे हैं।

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    प्रदर्शनकारियों का कहना था कि प्रमाणपत्र और अंक पत्र वितरण में महीनों की देरी, बार-बार अवैध शुल्क की वसूली और परीक्षा प्रणाली में अव्यवस्था अब असहनीय हो चुकी है। छात्र नेताओं ने साफ कहा कि गरीब और वंचित वर्ग के छात्रों को शिक्षा से वंचित करने का षड्यंत्र चल रहा है। यही कारण है कि मजबूरी में उन्हें अर्द्धनग्न प्रदर्शन का सहारा लेना पड़ा।

    आरएसए नेताओं ने आरोप लगाया कि नामांकन, परीक्षा फार्म, अंक पत्र, डिग्री प्रमाणपत्र, खेल और प्रयोगशाला सुविधाओं में व्यापक भ्रष्टाचार और लापरवाही फैली हुई है। उनका कहना था कि विश्वविद्यालय प्रशासन छात्रों की आवाज सुनने के बजाय उन्हें और परेशान कर रहा है।

    छात्रों ने 14 सूत्री मांगपत्र जारी करते हुए चेतावनी दी कि अगर त्वरित कार्रवाई नहीं की गई तो आंदोलन और व्यापक होगा। छात्रों ने गलत अंक व अनुपस्थिति की त्रुटियों को दूर करने, स्नातक व स्नातकोत्तर स्तर पर लंबित परीक्षाओं के आयोजन, महाविद्यालयों में खेल व प्रयोगशाला सुविधाओं की नियमित उपलब्धता और विश्वविद्यालय परिसर में हेल्प डेस्क की स्थापना जैसी मांगें रखीं।

    छात्र नेताओं ने कहा कि शिक्षा उनका मौलिक अधिकार है। विश्वविद्यालय प्रशासन की उदासीनता ने उन्हें आंदोलन के लिए विवश कर दिया है। उनका कहना था कि जब तक पारदर्शिता नहीं लाई जाती और छात्रों की समस्याओं का स्थायी समाधान नहीं होता, तब तक आंदोलन जारी रहेगा।

    छात्र नेताओं ने यह भी स्पष्ट किया कि यदि विश्वविद्यालय प्रशासन ने उनकी समस्याओं को गंभीरता से नहीं लिया तो आने वाले दिनों में आंदोलन और उग्र रूप लेगा। इस दौरान छात्र किसी को कुलपति के कार्यालय कक्ष में जाने नहीं दे रहे थे। विश्वविद्यालय प्रशासन इसकी सूचना पुलिस को मौके पर मुफस्सिल थाने की पुलिस पहुंच कर छात्रों को समझा बूझकर आंदोलन को खत्म कराया।

    इस मौके पर उज्ज्वल कुमार सिंह, आशीष यादव उर्फ गुलशन यादव, विवेक कुमार विजय, विशाल सिंह, परमजीत सिंह कुशवाहा, पर्मेंद्र सिंह, कर्णजीत कुशवाहा, रमेश मांझी समेत अन्य कार्यकर्ता उपस्थित थे।