Republic Day 2025: गणतंत्र दिवस पर गायें ये बेहतरीन कविताएं, स्कूल-कॉलेज में तालियों से होगा अभिवादन
इस वर्ष 26 जनवरी को देशभर में भारत का 76वां गणतंत्र दिवस (76th Republic Day) मनाया जा रहा है। अगर आप भी इस दिन स्कूल कॉलेज या किसी अन्य जगह पर कविता सुनाना चाहते हैं तो आप इस पेज से विभिन्न प्रसिद्ध हस्तियों की कविताएं पढ़कर तैयार कर सकते हैं। इन कविताओं से अवश्य ही तालियों से आपका अभिवादन किया जायेगा।

एजुकेशन डेस्क, नई दिल्ली। देशभर में 26 जनवरी 2025 को देश का 76वां गणतंत्र दिवस मनाया जा रहा है। इस दिन स्कूल/ कॉलेज से लेकर जगह-जगह पर सांस्कृतिक कार्यक्रम, परेड, गीत-संगीत, भाषण प्रतियोगिता, कविता मंचन आदि होता है। अगर आप इस वर्ष गणतंत्र दिवस के मौके पर कविता सुनाना चाहते हैं तो यह पेज आपके लिए बेहद उपयोगी है। आप यहां से विभिन्न प्रसिद्ध शख्सियतों की कविताएं प्राप्त कर सकते हैं और कार्यक्रम में इन्हें पढ़ सकते हैं। इन बेहतरीन कविताओं को सुनकर अवश्य ही आपका तालियों से अभिवादन किया जायेगा।
एक और जंजीर तड़कती है, भारत मां की जय बोलो
- इन जंजीरों की चर्चा में कितनों ने निज हाथ बंधाए,
- कितनों ने इनको छूने के कारण कारागार बसाए,
- इन्हें पकड़ने में कितनों ने लाठी खाई, कोड़े ओड़े,
- और इन्हें झटके देने में कितनों ने निज प्राण गंवाए!
- किंतु शहीदों की आहों से शापित लोहा, कच्चा धागा।
- एक और जंजीर तड़कती है, भारत मां की जय बोलो।
- जय बोलो उस धीर व्रती की जिसने सोता देश जगाया,
- जिसने मिट्टी के पुतलों को वीरों का बाना पहनाया,
- जिसने आज़ादी लेने की एक निराली राह निकाली,
- और स्वयं उसपर चलने में जिसने अपना शीश चढ़ाया,
- घृणा मिटाने को दुनिया से लिखा लहू से जिसने अपने,
- “जो कि तुम्हारे हित विष घोले, तुम उसके हित अमृत घोलो।”
- एक और जंजीर तड़कती है, भारत मां की जय बोलो।
- कठिन नहीं होता है बाहर की बाधा को दूर भगाना,
- कठिन नहीं होता है बाहर के बंधन को काट हटाना,
- ग़ैरों से कहना क्या मुश्किल अपने घर की राह सिधारें,
- किंतु नहीं पहचाना जाता अपनों में बैठा बेगाना,
- बाहर जब बेड़ी पड़ती है भीतर भी गाँठें लग जातीं,
- बाहर के सब बंधन टूटे, भीतर के अब बंधन खोलो।
- एक और जंजीर तड़कती है, भारत मां की जय बोलो।
- कटीं बेड़ियां औ’ हथकड़ियां, हर्ष मनाओ, मंगल गाओ,
- किंतु यहां पर लक्ष्य नहीं है, आगे पथ पर पांव बढ़ाओ,
- आजादी वह मूर्ति नहीं है जो बैठी रहती मंदिर में,
- उसकी पूजा करनी है तो नक्षत्रों से होड़ लगाओ।
- हल्का फूल नहीं आजादी, वह है भारी जिम्मेदारी,
- उसे उठाने को कंधों के, भुजदंडों के, बल को तोलो।
- एक और जंजीर तड़कती है, भारत मां की जय बोलो।
हरिवंश राय बच्चन
ये देश है वीर जवानों का
- ये देश है वीर जवानों का
- अलबेलों का मस्तानों का
- इस देश का यारों क्या कहना
- ये देश है दुनिया का गहना
- यहां चौड़ी छाती वीरों की
- यहां भोली शक्लें हीरों की
- यहां गाते हैं रांझे मस्ती में
- मस्ती में झूमें बस्ती में
- पेड़ों में बहारें झूलों की
- राहों में कतारें फूलों की
- यहां हंसता है सावन बालों में
- खिलती हैं कलियां गालों में
- कहीं दंगल शोख जवानों के
- कहीं कर्तब तीर कमानों के
- यहां नित नित मेले सजते हैं
- नित ढोल और ताशे बजते हैं
- दिलबर के लिये दिलदार हैं हम
- दुश्मन के लिये तलवार हैं हम
- मैदां में अगर हम डट जाएं
- मुश्किल है के पीछे हट जाएं
साहिर लुधियानवी
देखो फिर से गणतंत्र दिवस आ गया
- देखो फिर से गणतंत्र दिवस आ गया,
- जो आते ही हमारे दिलो-दिमाग पर छा गया।
- यह है हमारे देश का राष्ट्रीय त्यौहार,
- इसलिए तो सब करते हैं इससे प्यार।
- इस अवसर का हमें रहता विशेष इंतजार,
- क्योंकि इस दिन मिला हमें गणतंत्र का उपहार।
- आओ लोगों तक गणतंत्र दिवस का संदेश पहुचाएं,
- लोगों को गणतंत्र का महत्व समझाएं।
- गणतंत्र द्वारा भारत में हुआ नया सवेरा,
- इसके पहले तक था देश में तानाशाही का अंधेरा।
- क्योंकि बिना गणतंत्र देश में आ जाती है तानाशाही,
- नहीं मिलता कोई अधिकार वादे होते हैं हवा-हवाई।
- तो आओ अब इसका और ना करें इंतजार,
- साथ मिलकर मनाये गणतंत्र दिवस का राष्ट्रीय त्यौहार।।
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हम उस देश के वासी हैं
- हम उस देश के वासी हैं, जिस देश में गंगा रहती है
- होठों पे सच्चाई रहती है, जहां दिल में सफाई रहती है
- हम उस देश के वासी हैं, हम उस देश के वासी हैं
- जिस देश में गंगा बहती है
- मेहमां जो हमारा होता है, वो जान से प्यारा होता है
- ज्यादा की नहीं लालच हमको, थोड़े मे गुजारा होता है
- बच्चों के लिये जो धरती मां, सदियों से सभी कुछ सहती है
- हम उस देश के वासी हैं, हम उस देश के वासी हैं
- जिस देश में गंगा बहती है
- कुछ लोग जो ज्यादा जानते हैं, इंसान को कम पहचानते हैं
- ये पूरब है पूरबवाले, हर जान की कीमत जानते हैं
- मिल जुल के रहो और प्यार करो, एक चीज यही जो रहती है
- हम उस देश के वासी हैं, हम उस देश के वासी हैं
- जिस देश में गंगा बहती है
- जो जिससे मिला सिखा हमने, गैरों को भी अपनाया हमने
- मतलब के लिये अन्धे होकर, रोटी को नही पूजा हमने
- अब हम तो क्या सारी दुनिया, सारी दुनिया से कहती है
- हम उस देश के वासी हैं, हम उस देश के वासी हैं
- जिस देश में गंगा बहती है।
- शैलेन्द्र
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वन्दे मातरम
वन्दे मातरम्
वन्दे मातरम्, वन्दे मातरम्
वन्दे मातरम्, वन्दे मातरम्
वन्दे मातरम्
वन्दे मातरम्, वन्दे मातरम्
वन्दे मातरम्, वन्दे मातरम्
वन्दे मातरम्, वन्दे मातरम्
वन्दे मातरम्, वन्दे मातरम्
सुजलां सुफलाम्
मलयजशीतलाम्
शस्यश्यामलाम्
मातरम्… वन्दे
सुजलां सुफलाम्
मलयजशीतलाम्
शस्यश्यामलाम्
मातरम्…
वन्दे मातरम्
वन्दे मातरम्, वन्दे मातरम्
वन्दे मातरम्, वन्दे मातरम्
वन्दे मातरम्, वन्दे मातरम्
वन्दे मातरम्, वन्दे मातरम्
शुभ्रज्योत्स्नापुलकितयामिनीम्
फुल्लकुसुमितद्रुमदलशोभिनीम्
सुहासिनीं सुमधुर भाषिणीम्
सुखदां वरदां मातरम्
वन्दे मातरम्, वन्दे मातरम्
वन्दे मातरम्, वन्दे मातरम्
सप्त-कोटि-कण्ठ-कल-कल-निनाद-कराले
द्विसप्त-कोटि-भुजैर्धृत-खरकरवाले
सप्त-कोटि-कण्ठ-कल-कल-निनाद-कराले
द्विसप्त-कोटि-भुजैर्धृत-खरकरवाले
अबला केन मा एत बॅले
बहुबलधारिणीं
नमामि तारिणीं
रिपुदलवारिणीं
मातरम्
वन्दे मातरम्
वन्दे मातरम्, वन्दे मातरम्
वन्दे मातरम्, वन्दे मातरम्
त्वम् हि दुर्गा दशप्रहरणधारिणी
कमला कमलदलविहारिणी
वाणी विद्यादायिनी
नमामि त्वाम्
नमामि कमलाम्
अमलां अतुलाम्
सुजलां सुफलाम्
मातरम्
श्यामलाम् सरलाम्
सुस्मिताम् भूषिताम्
धरणीं भरणीं
मातरम्
वन्दे मातरम्
वन्दे मातरम्, वन्दे मातरम्
वन्दे मातरम्, वन्दे मातरम्
वन्दे मातरम्, वन्दे मातरम्
वन्दे मातरम्, वन्दे मातरम्
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दे दी हमें आजादी
- दे दी हमें आजादी बिना खड़ग बिना ढाल
- साबरमती के सन्त तूने कर दिया कमाल
- आंधी में भी जलती रही गांधी तेरी मशाल
- साबरमती के सन्त तूने कर दिया कमाल
- दे दी हमें आजादी बिना खड़ग बिना ढाल
- साबरमती के सन्त तूने कर दिया कमाल
धरती पे लड़ी तूने अजब ढब की लड़ाई दागी न कही तोप न बंदूक चलाई दुश्मन के किले पर भी न की तूने चढ़ाई वाह रे फकीर खुब करामात दिखाई चुटकी में दुश्मनों को दिया देश से निकाल साबरमती के सन्त तूने कर दिया कमाल दे दी हमें आजादी बिना खड़ग बिना ढाल साबरमती के सन्त तूने कर दिया कमाल |
- शतरंज बिछा कर यहां बैठा था जमाना
- लगता था मुश्किल है फिरंगी को हराना
- टक्कर थी बड़े जोर की दुश्मन भी था ताना
- पर तू भी था बापू बड़ा उस्ताद पुराण
- मारा वो कास के दांव के उल्टी सभी की चाल
- साबरमती के सन्त तूने कर दिया कमाल
- दे दी हमें आजादी बिना खड़ग बिना ढाल
- साबरमती के सन्त तूने कर दिया कमाल
जब जब तेरा बिगुल बजा जवान चल पड़े मजदूर चल पड़े थे और किसान चल पड़े हिन्दू वो मुसलमान कदमों पे तेरे कोटि कोटि प्राण चल पड़े फूलों की सेज छोड के दौडे जवाहर लाल साबरमती के सन्त तूने कर दिया कमाल दे दी हमें आजादी बिना खड़ग बिना ढाल साबरमती के सन्त तूने कर दिया कमाल |
- मन में थी अहिंसा की लगन तन पे लंगोटी
- लाखो में घूमता था लिए सताय की सोती
- वैसे तो देखने में थी हस्ती तेरी छोटी
- लेकिन तुझे झुकाती थी हिमालय की भी छोटी
- दुनिया में तू बेजोड़ था इंसान बेमिसाल
- साबरमती के सन्त तूने कर दिया कमाल
- दे दी हमें आजादी बिना खड़ग बिना ढाल
- साबरमती के सन्त तूने कर दिया कमाल
जग में कोई जिया है तो बापू तू ही जिया तूने वतन की राह पे सब कुछ लुटा दिया माँगा न कोई तख्त न तो ताज ही लिया अमृत दिया सभी को मगर खुद जहर पिया जिस दिन तेरी चिता जली साबरमती के सन्त तूने कर दिया कमाल दे दी हमें आजादी बिना खड़ग बिना ढाल साबरमती के सन्त तूने कर दिया कमाल |
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ऐ मेरे वतन के लोगों
- ऐ मेरे वतन के लोगोंतुम खूब लगा लो नारा
- ये शुभ दिन है हम सब का
- लहरा लो तिरंगा प्यारा
पर मत भूलो सीमा पर वीरों ने है प्राण गंवाए कुछ याद उन्हें भी कर लो कुछ याद उन्हें भी कर लो जो लौट के घर ना आये |
- ऐ मेरे वतन के लोगों
- जरा आंख में भर लो पानी
- जो शहीद हुए हैं उनकी
- जरा याद करो कुर्बानी
- तुम भूल ना जाओ उनको
- इसलिए सुनो ये कहानी
- जो शहीद हुए हैं उनकी
- जरा याद करो कुर्बानी
- जब घायल हुआ हिमालय
- खतरे में पड़ी आजादी
- जब तक थी सांस लड़े वो
- फिर अपनी लाश बिछा दी
संगीन पे धर कर माथा सो गए अमर बलिदानी जो शहीद हुए हैं उनकी जरा याद करो क़ुरबानी कोई सिख, कोई जाट मराठा कोई सिख, कोई जाट मराठा कोई गुरखा, कोई मदरासी कोई गुरखा, कोई मदरासी सरहद पर मरनेवाला सरहद पर मरनेवाला हर वीर था भारतवासी |
- जो खून गिरा पर्वत पर
- वो खून था हिंदुस्तानी
- जो शहीद हुए हैं उनकी
- जरा याद करो क़ुरबानी
- थी खून से लथ-पथ काया
- फिर भी बंदुक उठाके
- दस-दस को एक ने मारा
- फिर गिर गए होश गँवा के
- जब अंत समय आया तो
- कह गए के अब मरते हैं
- खुश रहना देश के
- प्यारों
- खुश रहना देश के
- प्यारों
- अब हम तो सफ़र करते हैं
- अब हम तो सफ़र करते हैं
- क्या लोग थे वो दीवाने
- क्या लोग थे वो अभिमानी
- जो शहीद हुए हैं उनकी
- जरा याद करो क़ुरबानी
मेरा मुल्क मेरा देश मेरा ये वतन, शांति का उन्नति का प्यार का चमन, मेरा मुल्क मेरा देश मेरा ये वतन, शांति का उन्नति का प्यार का चमन, इसके वास्ते निसार है मेरा तन मेरा मन, ऐ वतन ऐ वतन ए वतन, जानेमन जानेमन जानेमन, ऐ वतन ऐ वतन ए वतन, जानेमन जानेमन जानेमन, मेरा मुल्क मेरा देश मेरा यह वतन, शांति का उन्नति का प्यार का चमन, इसकी मिटटी से बने तेरे मेरे ये बदन, इसकी धरती तेरे मेरे वास्ते गगन, इसने ही सिखाया हमको जीने का चलन, जीने का चलन, इसके वास्ते निसार है मेरा तन मेरा मन, ऐ वतन ऐ वतन ए वतन, जानेमन जानेमन जानेमन, मेरा मुल्क मेरा देश मेरा यह वतन, शांति का उन्नति का प्यार का चमन, अपने इस चमन को स्वर्ग हम बनायेंगे, कोना कोना अपने देश का सजायेंगे, जश्न होगा जिन्दगी का होंगे सब मगन, होंगे सब मगन, इस के वास्ते निसार है मेरा तन मेरा मन, ऐ वतन ऐ वतन ए वतन, जानेमन जानेमन जानेमन, मेरा मुल्क मेरा देश मेरा यह वतन, शांति का उन्नति का प्यार का चमन, मेरा मुल्क मेरा देश मेरा यह वतन, शांति का उन्नति का प्यार का चमन, इस के वास्ते निसार है मेरा तन मेरा मन, ऐ वतन ऐ वतन ए वतन, जानेमन जानेमन जानेमन, ऐ वतन ऐ वतन ए वतन, जानेमन जानेमन जानेमन..- |
मेरा रंग दे
- मेरा रंग दे बसंती चोला माये रंग दे
- मेरा रंग दे बसंती चोला माये रंग दे
- निकले हैं वीर जिया ले
- यूं अपना सीना ताने
- हंस-हंस के जान लुटाने
- आजाद सवेरा लाने
- मर के कैसे जीते हैं, इस दुनिया को बतलाने
- तेरे लाल चलें हैं माये, अब तेरी लाज बचाने
- मर के कैसे जीते हैं, इस दुनिया को बतलाने
- तेरे लाल चलें हैं माये, अब तेरी लाज बचाने
- आजादी का शोला बन के खून रगों में डोला
- मेरा रंग दे
- मेरा रंग दे बसंती चोला माये रंग दे
- मेरा रंग दे बसंती चोला माये रंग दे
- दिन आज तो बड़ा सुहाना
- मौसम भी बड़ा सुनहरा
- हम सर पे बांध के आये
- बलिदानों का ये सेहरा
- बेताब हमारे दिल में इक मस्ती सी छायी है
- ऐ देश अलविदा तुझको कहने की घडी आई है
- महकेंगे तेरी फिज़ा में हम बन के हवा का झोंका
- किस्मत वालों को मिलता ऐसे मरने का मौका
- निकली है बरात सजा है इंकलाब का डोला
- मेरा रंग दे
- मेरा रंग दे बसंती चोला माये रंग दे
- मेरा रंग दे बसंती चोला माये रंग दे।
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