अब उच्च शिक्षण संस्थानों में पढ़ाए जाने वाले विषयों के लिए भी बनाए जाएंगे 'लर्निंग आउटकम'
एनईपी की सिफारिश पर स्कूलों की तर्ज पर विषयों के लर्निंग आउटकम यानी सीखने के परिणामों को लेकर यूजीसी ने मसौदा तैयार किया है। साथ ही गणित राजनीति विज्ञान सहित नौ विषयों के तैयार किए गए मसौदे को लेकर यूजीसी ने 20 सितंबर तक सुझाव भी मांगे है। यहां पढ़ें पूरी खबर।
एजुकेशन डेस्क, नई दिल्ली: एनईपी की सिफारिश पर स्कूलों की तर्ज पर विषयों के लर्निंग आउटकम यानी सीखने के परिणामों को लेकर यूजीसी ने मसौदा तैयार किया है। साथ ही गणित, राजनीति विज्ञान सहित नौ विषयों के तैयार किए गए मसौदे को लेकर यूजीसी ने 20 सितंबर तक सुझाव भी मांगे है।
उच्च शिक्षा की गुणवत्ता को बेहतर बनाने की दिशा में विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने एक अहम कदम उठाया है। जिसमें अब स्कूली शिक्षा की तर्ज पर पढ़ाए जाने वाले सभी विषयों को लेकर एक लर्निंग आउटकम निर्धारित किया जाएगा। यानी किसी विषय की पढ़ाई के दौरान छात्रों से क्या-क्या सीखने, समझने या जानने की उम्मीद की जाती है, यह निर्धारित होगा।
इस पहल के तहत यूजीसी ने पहले चरण में उच्च शिक्षण संस्थानों में स्नातक स्तर पर पढ़ाए जाने वाले नौ विषयों के लर्निंग आउटकम का एक मसौदा जारी किया है। साथ ही 20 सितंबर तक सभी से सुझाव देने को कहा है। यूजीसी ने इस दौरान स्नातक स्तर पर पढ़ाए जाने वाले जिन नौ विषयों के लर्निंग आउटकम को निर्धारित किया है, उनमें रसायन विज्ञान, गणित, अर्थशास्त्र, कॉमर्स, जियोग्राफी, गृह विज्ञान, मानव विज्ञान, फिजिकल एजुकेशन व राजनीति विज्ञान जैसे विषय शामिल है। इन सभी विषयों में किस अध्याय में क्या-क्या शामिल है और क्या-क्या इस दौरान छात्रों को सीखना, पढ़ना और जानना चाहिए।
इसके साथ ही यूजीसी ने यह भी बताया है कि इन विषयों की पढ़ाई के दौरान छात्रों को कौन-कौन सी किताबें पढ़नी चाहिए। यूजीसी ने इसके साथ ही उच्च शिक्षण संस्थानों में पढ़ाए जाने वाले दूसरे अन्य विषयों के भी जल्द ही लर्निंग आउटकम तैयार करने के संकेत दिए है। यूजीसी ने यह पहल नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति ( एनईपी) की सिफारिशों के तहत दी है, जिसमें स्कूलों के साथ ही उच्च शिक्षा में पढ़ाए जाने वाले विषयों का भी लर्निंग आउटकम तैयार करने की सिफारिश की थी। यूजीसी का मानना है, इससे उच्च शिक्षा की गुणवत्ता और बेहतर होगी। अभी तक उच्च शिक्षा में पढ़ाने जाने वाले विषयों को लेकर कोई लर्निंग आउटकम नहीं है। ऐसे में किसी भी विषय की पढ़ाई करने के बाद यह सुनिश्चित नहीं हो पाता था कि छात्रों ने इस विषय से जुड़े सभी महत्वपूर्ण बिंदुओं को सीख, जान और समझ लिया है। ऐसे में इन रेखा के खींचे जाने से यह साफ हो गया है कि उच्च शिक्षण संस्थान अब इसके आधार पर अपने पाठ्यक्रम तैयार करेंगे और छात्रों को पढ़ाएंगे भी।
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