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    Jharkhand Assembly: अब सरकार करेगी कुलपतियों की नियुक्ति, झारखंड विधानसभा में 5 विधेयक पारित, जानें किसमें क्या है खास

    Updated: Tue, 26 Aug 2025 07:53 PM (IST)

    झारखंड के तमाम विश्वविद्यालयों में कुलपतियों की नियुक्ति अब राज्यपाल नहीं करेंगे। राज्य सरकार की अनुशंसा पर ये नियुक्तियां की जाएंगी। इसके लिए राज्य सरकार ने विधानसभा में झारखंड राज्य विश्वविद्यालय विधेयक-2025 को पारित कराया है। कोचिंग संस्थान विद्यार्थियों से मनमाना शुल्क वसूलते रहे हैं। इसे रोकने के लिए व्यावसायिक शिक्षण संस्थान शुल्क विनियमन विधेयक 2025 पेश किया।

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    अब राज्यपाल नहीं, राज्य सरकार कुलपति की नियुक्ति करेगी।

    राजय ब्यूरो,रांची । झारखंड के तमाम विश्वविद्यालयों में कुलपतियों की नियुक्ति अब राज्यपाल नहीं करेंगे। राज्य सरकार की अनुशंसा पर ये नियुक्तियां की जाएंगी।

    इसके लिए राज्य सरकार ने विधानसभा में झारखंड राज्य विश्वविद्यालय विधेयक-2025 को पारित कराया है। इस विधेयक से शिक्षा का राजनीतिकरण का आरोप लगाते हुए भाजपा विधायक नवीन जायसवाल ने विधेयक को प्रवर समिति में भेजने की मांग व संशोधन को लेकर प्रस्ताव दिया।

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    उनका कहना था कि इसके माध्यम से गवर्नर का पावर सीज किया जा रहा है। इस विधेयक से विश्वविद्यालय जैसे शिक्षण संस्थान में विसंगतियां होंगी।

    प्रभारी मंत्री सुदिव्य कुमार सोनू ने कहा कि पूरी कानूनी प्रक्रिया, विभिन्न राज्यों की व्यवस्था का विस्तृत अध्ययन करने के बाद सोच-समझकर यह विधेयक लाया गया है। इसके बाद झारखंड राज्य विश्वविद्यालय विधेयक 2025 सदन से स्वीकृत हो गया है।

    मनमाना शुल्क नहीं वसूल सकेंगे कोचिंग संस्थान

    झारखंड में विभिन्न प्रकार के कोचिंग संस्थान विद्यार्थियों से मनमाना शुल्क वसूलते रहे हैं। इसे रोकने के लिए राज्य सरकार ने व्यावसायिक शिक्षण संस्थान शुल्क विनियमन विधेयक 2025 पेश किया।

    इस विधेयक पर चर्चा शुरू करते हुए भाजपा विधायक राज सिन्हा ने शुल्क की संरचना में संशोधन का मामला उठाया। उन्होंने कहा कि शैक्षणिक सत्र शुरू होने से पहले शुल्क निर्धारित हो।

    उन्होंने इस विधेयक में तकनीकी शिक्षा भी जोड़ने की मांग रखी। हालांकि सदन ने उनके प्रस्ताव को खारिज कर दिया। इसके बाद झारखंड व्यावसायिक शिक्षण संस्थान शुल्क विनियमन विधेयक 2025 सदन से स्वीकृत हो गई।

    कोचिंग सेंटर नियंत्रण एवं विनियमन विधेयक भी पारित

    विधानसभा में मंगलवार को झारखंड कोचिंग सेंटर नियंत्रण एवं विनियमन विधेयक ध्वनिमत से पारित हो गया।इस मामले में विधायक नवीन जायसवाल ने सुझाव दिया कि कोचिंग भवन के भूतल में न संचालित हो। दिल्ली में बेसमेंट में जलभराव का मामला भी सदन के सामने रखा।

    दूसरा मामला कोचिंग संस्थान छात्रों से पैसा लेकर कोचिंग बंद करके भागने से संबंधित रहा। अभिभावकों का पैसा डूबा तो क्या होगा? इस विधेयक में पाठ्यक्रम फीस की सुरक्षा की गारंटी हो।

    जवाब देते हुए मंत्री सुदिव्य कुमार सोनू ने कहा कि बहुत बढ़िया सुझाव है। हमने इस विधेयक में वह सब प्रविधान किया है। ऐसे संस्थानों के लिए कोचिंग आइडी, स्टूडेंट आईडी जारी होगा।

    पैसा लेकर भागनेवाले अथवा उनके फ्रेंचाइजी पर केस होगा। एक साल का पैसा लेकर तीन महीना पढ़ाने वालों को शेष माह का पैसा लौटाना होगा।

    सभी प्रविधान विधेयक में है। इसके बाद झारखंड कोचिंग सेंटर नियंत्रण एवं विनियमन विधेयक 2025 सदन से स्वीकृत हो गया।

    नए उद्योगों को लाइसेंस की अनिवार्यता से मिलेगी छूट

    विधानसभा में मंगलवार को झारखंड सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम (विशेष छूट) विधेयक पास हो गया। इस विधेयक के लागू होने के बाद से झारखंड में नए उद्योगों को खोलने के लिए सिंगल विंडो सिस्टम के माध्यम से कई सहूलियतें दी गई हैं।

    भाजपा विधायक राज सिन्हा ने इस विधेयक में यह अनिवार्य करने की मांग की कि आवेदन के 30 दिनों के भीतर उद्योग के लिए प्रमाण पत्र लाइसेंस निर्गत हो। चर्चा के बाद झारखंड सूक्ष्म, लघु, एवम मध्यम उद्यम (विशेष छूट) विधेयक 2025 सदन से स्वीकृत हो गया।

    गिग वर्करों का ख्याल रखेगी सरकार

    झारखंड प्लेटफार्म आधारित गिग श्रमिक (निबंधन और कल्याण) विधेयक विधानसभा से पारित हो गया। इसके पारित होने के बाद से गिग वर्करों का राज्य सरकार ख्याल रखेगी और उनके कल्याण के लिए योजनाएं बना सकेगी।

    इस विधेयक को लेकर विधायक जयराम महतो ने एक संशोधन पेश किया जो अस्वीकृत हो गया। विधायक सरयू राय ने विधेयक के अंग्रेजी शब्द को हिंदी में लिखने की मांग की।

    उन्होंने कहा कि प्लेटफार्म को मंच और गिग को वाहक लिखा जाए। उनकी बातों को स्वीकार नहीं किया गया। चर्चा के बाद झारखंड प्लेटफार्म आधारित गिग श्रमिक (निबंधन और कल्याण) विधेयक 2025 सदन से स्वीकृत हो गया।