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    Success Mantra: ईमानदार रहने से मिलती है कामयाबी

    By Jagran NewsEdited By: Dheerendra Pathak
    Updated: Sat, 26 Nov 2022 06:29 AM (IST)

    मुंबई के 30 वर्षीय सुमेर गिहानी एक बिजनेस घराने से ताल्लुक रखते हैं। उद्यमिता का रुख करने से पहले उन्होंने बाकायदा पेशेवर अनुभव प्राप्त किए। सुमेर कहते हैं ‘कोई भी कारोबार तभी मुनाफे में होता है जब उद्यमी अपने ग्राहकों के प्रति ईमानदार रहते हैं।’

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    टेक्नोलाजी ने बेशक ग्राहकों को एक विकल्प दे दिया है, लेकिन उससे फायदा कम, नुकसान ज्यादा अधिक होता है।

    अंशु सिंह। मुंबई के 30 वर्षीय सुमेर गिहानी एक बिजनेस घराने से ताल्लुक रखते हैं। उन्होंने पढ़ाई के दौरान ही उद्यमिता में जाना तय कर लिया था। लेकिन पारिवारिक कारोबार से जुड़ने के बजाय वह कुछ अपना शुरू करना चाहते थे। उद्यमिता का रुख करने से पहले उन्होंने बाकायदा पेशेवर अनुभव प्राप्त किए और अब से दो वर्ष पहले साल 2020 में लग्जरी लेबल ‘सिमसम फाइन ज्वेलरी’ लांच की। सिमसम फाइन ज्वेलरी के संस्थापक सुमेर कहते हैं, ‘मेरे लिए आर्थिक रूप से सफलता हासिल करना प्राथमिकता नहीं है। मैं मानता हूं कि कोई भी कारोबार तभी मुनाफे में होता है, जब उद्यमी अपने ग्राहकों के प्रति ईमानदार रहते हैं।’

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    सुमेर की मां फैशन इंडस्ट्री से जुड़ी रही हैं और पिता ज्वेलरी डिजाइनिंग से। इस कारण उनका रुझान भी ज्वेलरी डिजाइनिंग की ओर हुआ। सुमेर बताते हैं, ‘मुझे याद है बचपन के वे दिन जब मैं मां के स्टूडियो में तमाम रंगों के बीच बैठा होता था और एक से बढ़कर एक खूबसूरत एवं बारीक एंब्रायडरी डिजाइन को देखा करता था। आज जब ‘सिमसम’ में अपनी डिजाइन टीम के साथ बैठता हूं, तो बचपन की सारी पुरानी यादें एकदम से ताजा हो जाती हैं। जहां तक काम की बात है, उसमें मैं पिता एवं बहन की राय को काफी महत्व देता हूं। उन दोनों की स्वीकृति मिलने के बाद ही कोई डिजाइन फाइनल होता है।’

    स्टार्टअप में काम करके बढ़ा आत्मविश्वास : सुमेर ने अमेरिका के बोस्टन स्थित बैबसन कालेज से एंटरप्रेन्योरशिप एवं फाइनेंस में स्नातक किया है। वहीं पर उन्होंने स्टार्टअप इकोसिस्टम में शामिल होने का निर्णय कर लिया था। हालांकि, अपना वेंचर शुरू करने से पहले उन्होंने अपने पिता से बाकायदा सलाह-मशविरा किया कि क्या उन्हें इंडस्ट्री का अनुभव लेने के लिए किसी अन्य कंपनी में काम करना चाहिए या नहीं? वह बताते हैं, ‘मैंने न्यूयार्क में एक ऐसे टेक्नोलाजी कंसल्टिंग स्टार्टअप के साथ जुड़ने का फैसला किया, जो अपने शुरुआती दौर में था। मैंने उसे अपना मानकर वहां काम करना शुरू किया। दो वर्ष के बाद नौ सदस्यों वाला यह स्टार्टअप 50 लोगों की एक कंपनी बन गई। इसका रेवेन्यू चार गुना बढ़ गया। कंपनी के इस विकास से मेरा आत्मविश्वास बढ़ा और लगा कि मैं अपना वेंचर शुरू कर सकता हूं।’

    पारिवारिक कारोबार को देख मिली प्रेरणा : बैबसन कालेज के स्टार्टअप इकोसिस्टम एवं उद्यमिता में मिले एक्सपोजर से सुमेर ने जाना कि किसी भी स्टार्टअप की सफलता के लिए उद्यमी के पास अपने प्रतिस्पर्धियों से अलग ग्राहकों को देने के लिए कुछ होना चाहिए। वह कहते हैं, ‘शुरुआत में मैंने कई सारे आइडिया पर काम किया। लेकिन फिर एहसास हुआ कि जिस चीज की मुझे तलाश थी, वह मेरे सामने ही थी। दरअसल, आज से करीब 30 वर्ष पूर्व दादाजी ने ज्वेलरी मैन्युफैक्चरिंग कंपनी ‘सावरेन डायमंड्स लिमिटेड’ की नींव रखी थी। वहां निर्मित ज्वेलरी की क्वालिटी का कोई जवाब नहीं था। वे विदेश में निर्यात की जाती थीं। सारा फोकस सिर्फ बीटुबी सेगमेंट पर था। बीटुसी एवं आनलाइन मार्केट की ओर कोई ध्यान नहीं था। मैंने इस पर काम करना शुरू किया और करीब एक वर्ष के बाद ‘सिमसम’ लांच कर दी।’

    टेक्नोलाजी के बजाय ग्राहकों को प्राथमिकता : टेक्नोलाजी कंसल्टिंग इंडस्ट्री में काम करते हुए सुमेर पूरी तरह टेक्नोलाजी की दुनिया में ही रमे हुए थे। उन्हें लगता था कि तकनीक सभी समस्याओं का समाधान है। लेकिन जब उन्होंने लग्जरी इंडस्ट्री में कदम रखा, तो वहां की कहानी कुछ और दिखी। वहां प्रोडक्ट की बारीकियों पर काफी ध्यान देना होता था। वह कहते हैं, ‘फाइन ज्वेलरी की आनलाइन बिक्री करना सबसे चुनौतीपूर्ण होता है। हमने देखा था कि कैसे ग्राहक खरीदारी से पहले गहने को स्पर्श करना पसंद करते हैं। टेक्नोलाजी ने बेशक ग्राहकों को एक विकल्प दे दिया है, लेकिन उससे फायदा कम, नुकसान ज्यादा अधिक होता है। इसलिए हम टेक्नोलाजी का सहारा लेने के बजाय अपनी जड़ों, परंपराओं पर अधिक ध्यान दे रहे हैं। आने वाले कुछ वर्षों में हमें अपने ब्रांड की विश्वसनीयता बढ़ानी है और ग्राहकों में यह विश्वास जगाना है कि वे जो आनलाइन देखेंगे, उन्हें वही मिलेगा। कहने के लिए यह एक सामान्‍य रणनीति हो सकती है, लेकिन इससे हम ग्राहकों के साथ एक दीर्घकालीक संबंध स्थापित करने का इरादा रखते हैं।’

    टीम के साथ मेंटर का सहयोग महत्वपूर्ण : सुमेर और उनके वेंचर ने कम समय में अपना एक मुकाम बना लिया है। फिलहाल उनका पूरा ध्यान ग्राहकों को संतुष्ट करने पर है। वह उनके साथ विश्वास से भरा रिश्ता कायम करना चाहते हैं। उन्हें जो चाहिए, वह देना चाहते हैं। वह कहते हैं कि कारोबार में चुनौतियां एवं तमाम प्रकार के संघर्ष होते हैं। हालांकि पूर्व के पेशेवर अनुभवों के कारण उन्हें टीम बनाने में अधिक चुनौती नहीं आई। उन्होंने कौशल एवं भावनात्मक गुणों के आधार पर टीम के सदस्यों का चयन किया। सभी की निर्धारित भूमिकाएं भी तय कीं। इससे टीम के लिए एक सकारात्मक वातावरण का निर्माण हो सका और सभी को समान रूप से आगे बढ़ने का अवसर मिल सका। वह आगे कहते हैं, ‘टीम के अलावा मेंटर्स का सहयोग एवं मार्गदर्शन भी काफी मायने रखता है। वे आपको आपकी कमी के अलावा खूबियों से भी अवगत कराते हैं। इसलिए ऐसे किसी व्यक्ति को जरूर अपना मेंटर बनाएं, जिन पर आप पूर्ण भरोसा करते हों। जिनके विचारों एवं सुझावों से आपको चुनौतियों का सामना करने में मदद मिलती हो। ‘सिमसम’ के साथ शुरू हुई इस यात्रा में मेरी मां ने बड़ी भूमिका निभायी है। उन्हें न सिर्फ डिजाइन, बल्कि भारतीय बाजार में इंटरनेशनल लग्जरी ब्रांड्स लांच करने का अनुभव था। मुझे उन सभी का पूरा फायदा मिला।’

    कोविड के बाद बदली रणनीति : आज ज्वेलरी इंडस्ट्री में कड़ी प्रतिस्पर्धा है। कीमत को आधार बनाकर हर कोई एक-दूसरे को कमतर साबित करने की कोशिश में लगा है। लेकिन सुमेर का विश्वास यूनीक डिजाइन एवं फिनिश के कारण अपने ग्राहकों का दिल जीतने में है। वह कहते हैं, ‘मैंने महसूस किया है कि युवा पीढ़ी गिफ्ट के रूप में फाइन ज्वेलरी देने से संकोच करती है। उसे लगता है कि यह उनके बजट के बाहर है। मैं इस सोच को बदलना चाहता हूं।’ ब्रांड के विजन के बारे में सुमेर बताते हैं कि लग्जरी सेगमेंट निरंतर बदलता रहता है। कोविड महामारी के कारण जिन कई इंडस्ट्रीज को अपनी रणनीति के ऊपर दोबारा से विचार करना पड़ा है, उसमें ज्वेलरी इंडस्ट्री भी है। लोग अब वर्तमान में जीने पर अधिक जोर दे रहे हैं। ऐसे में उन्हें भी ग्राहकों की इस बदली मानसकिता एवं प्राथमिकता का ध्यान रखकर प्रोडक्ट बनाना पड़ रहा है। वह‍ कहते हैं, ‘हम बदलते चलन पर गहरी एवं पैनी नजर रखते हैं। उसके अनुसार ही अपने प्रोडक्ट लाइन एवं सेल्स की रणनीति में आवश्यक बदलाव करते रहते हैं।’

    सुमेर गिहानी

    संस्थापक

    ‘सिमसम फाइन ज्वेलरी’

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