Nursery Admissions 2020: निजी स्कूलों में दाखिले आज से होंगे शुरू, जानें इससे जुड़ी अहम बातें
दिल्ली के नर्सरी केजी और पहली कक्षा के दाखिले के दौड़ शुक्रवार से राजधानी के सभी निजी स्कूलों में शुरू हो रही है।
नई दिल्ली [राहुल मानव]। दिल्ली के नर्सरी, केजी और पहली कक्षा के दाखिले के दौड़ शुक्रवार से राजधानी के सभी निजी स्कूलों में शुरू हो रही है। दिल्ली के कुल 1750 निजी स्कूलों में डेढ़ लाख बच्चों की सीटों के लिए अभिभावक स्कूलों की वेबसाइट में जाकर ऑनलाइन आवेदन कर सकेंगे। इसके अलावा कुछ स्कूलों में ऑफ लाइन भी अभिभावक स्कूल में जाकर बच्चों का दाखिल करा सकेंगे।
इस साल करीब 16 दिन पहले दाखिला प्रक्रिया शुरू हो रही है। पिछले साल 15 दिसबंर के करीब दाखिला शुरू किया गया था। दिल्ली सरकार के शिक्षा निदेशालय का तर्क है कि इससे समय से दाखिला प्रक्रिया पूरा करने में मदद मिलेगा। दिव्यांग और गरीब बच्चों को एडमिशन समय से मिल सकेगा।
नियम पालन न करने वाले स्कूलों को भेजा जाएगा नोटिस
शिक्षा निदेशालय की तरफ से सभी स्कूलों को 28 नवंबर के दिन तक निदेशालय की वेबसाइट पर बच्चों को दाखिले के लिए निर्धारित प्वाइंट को अपलोड करने का अंतिम समय दिया गया था। कई स्कूलों ने 28 नवंबर को निदेशालय की वेबसाइट में दाखिले के प्वाइंट को अपलोड कर दिया। जिन स्कूलों ने गुरुवार तक नहीं किया है। उसे शिक्षा निदेशालय की तरफ से कारण बताओ नोटिस जारी किया जाएगा और उन्हें दो से तीन का समय दिया जाएगा। जवाब ना आने पर कि इन स्कूलों ने निर्धारित तीथि तक क्यों प्वाइंट अपलोड नहीं किए हैं। तो इनके नर्सरी, केजी एवं पहली कक्षा के दाखिले की प्रक्रिया को रोक दिया जाएगा। निदेशालय की तरफ से दिल्ली के सभी उप शिक्षा निदेशकों को इन नियमों का पालन करने के लिए कह दिया गया है। यह उप शिक्षा निदेशक उन स्कूलों को कारण बताओ नोटिस भेजेंगे।
घर के नजदीक, भाई-बहन स्कूल में पढ़ता है तो मिलेंगे ज्यादा अंक
दिल्ली के ज्यादातर स्कूलों ने अपने स्कूल से अभिभावकों के घर नजदीक होने के सबसे ज्यादा अंक दिए हैं। कई स्कूल ऐसे भी हैं जिन्होंने सबसे ज्यादा घर नजदीक होने के अंक को निर्धारित किया है। कुछ स्कूलों ने अभिभावकों के घर 0 से 3 किलोमीटर के दायरे में स्कूल से नजदीक होने पर हैं उन्हें 100 में से 50 अंक निर्धारित देने के लिए निर्धारित किए हैं। तो कुछ स्कूलों ने 0 से 4 किलोमीटर के लिए 50 अंक निर्धारित किए हैं। वहीं स्कूलों ने 3.1 से 6 किलोमीटर के लिए 45 अंक, 6.1 से 14 किलोमीटर के लिए 40 अंक निर्धारित किए हैं। इसके अतिरिक्त पहला बच्चा जिस भी स्कूल में पढ़ता है तो उसके भाई-बहन को भी नर्सरी दाखिले के लिए 30 अंक मिलेंगे। अभिभावक स्कूल के पूर्व छात्र रहे हैं तो उनके बच्चे के लिए नर्सरी दाखिले में 10 अंक मिलेंगे।
स्कूलों पर रहेगी नजर
वहीं निदेशालय के अधिकारियों ने कहा कि दिल्ली के सभी उप शिक्षा निदेशकों को कहा गया है कि वह अपने जिले में स्कूलों पर नजर रखें और लगातार अभिभावकों की शिकायतों को भी सुनते रहें। नर्सरी दाखिला प्रक्रिया शुरू होने के बाद कई बार ऐसा होता है कि अभिभावकों की तरफ से स्कूलों द्वारा मनमाने पाइंट प्रणाली को निर्धारित किया जाता है। ऐसे में जो नियम पाइंट प्रणाली के तहत निर्धारित किए गए हैं। उसी का पालन स्कूलों द्वारा किया जा रहा है या नहीं, इसको अच्छे तरीके से देखा जाएगा।
बच्चों की उम्र की सीमा की महत्वपूर्ण जानकारी
नर्सरी के लिए - 31 मार्च 2020 तक बच्चे की उम्र 4 साल से कम होनी चाहिए
केजी के लिए - 31 मार्च 2020 तक बच्चे की उम्र 5 साल से कम होनी चाहिए
पहली कक्षा के लिए - 31 मार्च 2020 तक बच्चे की उम्र 6 साल से कम होनी चाहिए
नर्सरी दाखिले से जुड़ी अहम तारीखें
29 नवंबर 2019 - नर्सरी दाखिला प्रक्रिया शुरू होगी और इसके लिए फॉर्म मिलने लगेंगे।
27 दिसंबर 2019 - नर्सरी दाखिले के लिए फॉर्म जमा कराने की अंतिम तारीख।
10 जनवरी 2020 - स्कूलों में दाखिले के लिए आवेदन करने वाले बच्चों की जानकारी स्कूलों द्वारा जारी की जाएगी।
17 जनवरी 2020 - पाइंट प्रणाली के अधीन स्कूलों को बच्चों के अंकों को अपनी वेबसाइट में अपलोड करना होगा।
24 जनवरी 2020 - नर्सरी, केजी और पहली कक्षा के दाखिले के लिए चयनित बच्चों की पहली सूची जारी की जाएगी।
27 जनवरी 2020 से 3 फरवरी 2020 तक - बच्चों को स्कूल द्वारा दिए गए पाइंट को लेकर अभिभावक इमेल व पत्र लिखकर स्कूलों से बात कर सकते हैं।
12 फरवरी 2020 - नर्सरी दाखिले के लिए चयनित बच्चों की दूसरी सूची जारी की जाएगी।
13 फरवरी 2020 से 19 फरवरी 2020 - बच्चों को स्कूल द्वारा दिए गए पाइंट को लेकर अभिभावक इमेल व पत्र लिखकर स्कूलों से बात कर सकते हैं।
6 मार्च 2020 - चयनित बच्चों की दाखिले के लिए कोई सूची है तो जारी कर सकते हैं।
16 मार्च 2020 - नर्सरी दाखिला प्रक्रिया समाप्त हो जाएगी।
नर्सरी दाखिले के लिए ये दस्तावेज आवास के सबूत के तौर पर मान्य होंगे
- अभिभावकों (माता-पिता) के नाम पर राशन कार्ड, स्मार्ट कार्ड होना चाहिए।
- अभिभावकों के पास आवास प्रमाण पत्र होना चाहिए।
- अभिभावकों का वोटर आइडी कार्ड
- बिजली, पानी, टेलिफोन बिल, पासपोर्ट अभिभावकों के नाम पर होना चाहिए।
- अभिभावकों का आधार कार्ड।
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