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    सीबीएसई ने लागू किया हब एवं स्पोक माॅडल, स्टूडेंट्स की अच्छी मेंटल हेल्थ के लिए बनेगा काउंसलिंग नेटवर्क

    Updated: Sat, 30 Aug 2025 05:23 PM (IST)

    सीबीएसई ने शैक्षणिक सत्र 2025-26 से काउंसलिंग हब एंड स्पोक स्कूल मॉडल शुरू किया है। इसका उद्देश्य छात्रों के मानसिक स्वास्थ्य को बेहतर बनाना है। इस मॉडल में कुछ हब स्कूल चुने गए हैं जिनसे 8-10 स्पोक स्कूल जुड़े होंगे। हब स्कूल परामर्श और मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रमों के लिए संसाधन केंद्र बनेंगे और स्पोक स्कूलों को सहायता देंगे। यह पहल राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के अनुरूप है।

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    छात्रों के बीच तनाव और दबाव से निपटने के लिए स्कूलों में तैयार होगा परामर्श नेटवर्क।

    जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) ने छात्रों के Mental Health और Welfare को मजबूत बनाने के लिए शैक्षणिक सत्र 2025-26 से Counseling Hub and Spoke स्कूल मॉडल लागू कर दिया है।

    इस माॅडल का उद्देश्य विद्यार्थियों को काउंसलिंग सुविधाएं सुलभ कराना, शिक्षकों और परामर्शदाता की क्षमता बढ़ाना और परामर्श सेवाओं का दायरा हर स्कूल तक पहुंचाना है।

    सीबीएसई सचिव हिमांशु गुप्ता ने कहा कि कोरोना महामारी के बाद से छात्रों में पढ़ाई का दबाव, सामाजिक चुनौतियां और मानसिक तनाव काफी बढ़ा है।

    ऐसे समय में स्कूल केवल पढ़ाई का केंद्र नहीं बल्कि छात्रों के भावनात्मक व सामाजिक विकास का सुरक्षित माहौल भी बनें, यही इस माॅडल का उद्देश्य है।

    उन्होंने बताया कि यह पहल राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 की सिफारिशों पर आधारित है, जिसके तहत हर छात्र को करियर मार्गदर्शन और मानसिक-भावनात्मक सहयोग सुनिश्चित किया जाना आवश्यक है।

    क्या है हब और स्पोक माॅडल

    इस माॅडल में सीबीएसई ने कुछ हब स्कूल चिह्नित किए हैं। प्रत्येक हब स्कूल से आठ से 10 स्पोक स्कूल जुड़े होंगे। हर हब स्कूल का काउंसलर लगभग 8-10 स्पोक स्कूलों को मार्गदर्शन देगा।

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    हब स्कूल परामर्श और मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रमों का संसाधन केंद्र की तरह काम करेंगे और स्पोक स्कूलों को प्रशिक्षण, काउंसलिंग माॅडल, मानसिक स्वास्थ्य संबंधी कार्यक्रम और सहयोग उपलब्ध कराएंगे।

    स्पोक स्कूल इन गतिविधियों को अपने वातावरण और जरूरत के अनुसार लागू करेंगे। बोर्ड की ओर से बताया गया है कि इस प्रक्रिया से नेटवर्क आधारित सहयोगी तंत्र बनेगा, जहां परामर्शदाता, प्रधानाचार्य और शिक्षक मिलकर छात्रों की मानसिक भलाई के लिए एक मजबूत तंत्र खड़ा करेंगे।

    कम से कम 10 वर्ष पुराने होंगे हब स्कूल

    हब स्कूलों के लिए यह आवश्यक होगा कि वे कम से कम 10 वर्ष पुराने हों, पूर्णकालिक परामर्शदाता नियुक्त करें और मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रमों में अनुभव रखते हों। वहीं, स्पोक स्कूलों के लिए आवश्यक होगा कि वे सक्रिय रूप से परामर्श गतिविधियों में हिस्सा लें और हब स्कूल से प्राप्त सहयोग का उपयोग करें।

    वहीं, स्पोक स्कूल हर गतिविधि की रिपोर्ट और दो से तीन फोटो गूगल फार्म के माध्यम से जमा करेंगे। हब स्कूल नेटवर्क की मासिक समेकित रिपोर्ट तैयार कर बोर्ड को भेजेंगे। वहीं, प्रत्येक माह के पहले सप्ताह में हब-स्पोक बैठक होगी, जिनमें से सात बैठकें ऑफलाइन और तीन ऑनलाइन आयोजित की जाएंगी।

    चार मुख्य फोकस क्षेत्र

    • मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम : विभिन्न आयु समूहों के लिए वेलनेस और तनाव प्रबंधन गतिविधियां।
    • संसाधन साझा करना : केस स्टडी, काउंसलिंग सामग्री और अनुभवों का आदान-प्रदान।
    • सामुदायिक नेटवर्किंग : मासिक बैठकें और परामर्शदाताओं के बीच सहयोग।
    • क्षमता निर्माण : परामर्शदाता व शिक्षकों के लिए प्रशिक्षण और कार्यशालाएं।

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