यूपी बोर्ड के 27 हजार से अधिक कॉलेजों में अंग्रेजी व कॉमर्स की पढ़ाई पर संकट, नए सत्र के लिए नहीं हैं किताबें
UP Board New Academic Session यूपी बोर्ड से संबद्ध 27 हजार से अधिक माध्यमिक कॉलेजों में हाईस्कूल और इंटरमीडिएट में अंग्रेजी जैसे अहम विषय की पढ़ाई का संकट है। एक पखवारे में नया शैक्षिक सत्र शुरू होना है अभी किताबों का इंतजाम नहीं हो सका है।

प्रयागराज [धर्मेश अवस्थी]। उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा परिषद (यूपी बोर्ड) से संबद्ध 27 हजार से अधिक माध्यमिक कॉलेजों में हाईस्कूल और इंटरमीडिएट में अंग्रेजी जैसे अहम विषय की पढ़ाई का संकट है। एक पखवारे में नया शैक्षिक सत्र शुरू होना है, अभी किताबों का इंतजाम नहीं हो सका है। इसी तरह से कॉमर्स (वाणिज्य) का एनसीईआरटी का पाठ्यक्रम 11वीं से लागू होना है। उसकी भी किताबों का टेंडर नहीं किया जा सका है। ऐसे हालात में स्कूल खुलने पर भी इन विषयों की पढ़ाई लाखों छात्र-छात्राएं नहीं कर सकेंगे।
माध्यमिक शिक्षा परिषद (यूपी बोर्ड) से संबद्ध माध्यमिक कॉलेजों के लिए पाठ्यक्रम तय करना और किताबों का इंतजाम करने की जिम्मेदारी बोर्ड प्रशासन की है। इधर, समान शिक्षा की दिशा में कदम बढ़ाते हुए यूपी बोर्ड में एनसीईआरटी का पाठ्यक्रम चरणबद्ध तरीके से लागू हो रहा है। पिछले साल शासन ने दो अहम विषयों अंग्रेजी व कॉमर्स का पाठ्यक्रम एनसीईआरटी की तर्ज पर करने पर मुहर लगाई थी। संबद्ध कालेजों में कक्षा 9 व 11 में अंग्रेजी का नया पाठ्यक्रम पिछले सत्र से ही लागू कर दिया गया। नए सत्र में बदले पाठ्यक्रम की पढ़ाई 10वीं (हाईस्कूल) व 12वीं (इंटर) में शुरू होनी है।
इसी तरह से शासन ने इंटरमीडिएट में कॉमर्स का पाठ्यक्रम बदलने पर मुहर लगाई थी। असल में, वाणिज्य वर्ग में रेगुलेशन में संशोधन होना था इसलिए शासन के निर्देश का इंतजार किया जा रहा था। 18 सितंबर 2020 को ही ये आदेश जारी हुआ। लेकिन, तब कहा गया कि पढ़ाई व पंजीकरण शुरू हो चुका है और अभी किताबें नहीं हैं, इसलिए 11वीं में कॉमर्स पाठ्यक्रम नए शैक्षिक सत्र से लागू होगा। शैक्षिक सत्र शुरू होने से पहले बोर्ड प्रशासन हर साल किताबों का टेंडर करता आ रहा है लेकिन, इस बार बदले पाठ्यक्रम की किताबों का टेंडर नहीं हो सका है। ऐसे में हाईस्कूल व इंटर में अंग्रेजी और 11वीं में कॉमर्स की पढ़ाई पर संकट खड़ा हो गया है।
एनसीईआरटी किताबों का कर रहे इंतजाम : यूपी बोर्ड सचिव दिव्यकांत शुक्ल का कहना है कि अंग्रेजी व कॉमर्स की किताबों का नियमित टेंडर नहीं हो सका है। इसका प्रस्ताव पिछले साल शासन को गया था। अब एनसीईआरटी को रॉयल्टी देकर किताबों का इंतजाम करने के लिए पत्राचार किया गया है। किताबें समय पर मिलने की उम्मीद है।
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