National Doctor's Day 2023: जानें प्रतिवर्ष 1 जुलाई को क्यों मनाया जाता है नेशनल डॉक्टर्स डे
National Doctors Day 2023 प्रतिवर्ष देशभर में 1 जुलाई को राष्ट्रीय डॉक्टर्स दिवस के रूप में मनाया जाता है। इस वर्ष नेशनल डॉक्टर्स डे सेलिब्रिटी रेजिलिएंस एंड हीलिंग हैंड्स थीम के साथ मनाया जा रहा है। आपको बता दें कि इसकी शुरुआत 1 जुलाई 1991 से की गयी थी। तबसे लेकर अब तक यह 33 बार सेलिब्रेट किया जा चुका है। इसके जरिये डॉक्टर्स के प्रति आभार जताया जाता है।

National Doctor's Day 2023: हमारे देश में हर वर्ष की भांति इस साल भी 1 जुलाई को राष्ट्रीय डॉक्टर दिवस के रूप में मनाया जा रहा है। इस वर्ष देशभर में 33वां नेशनल डॉक्टर्स डे सेलिब्रेट किया जा रहा है। पहली बार राष्ट्रीय डॉक्टर्स दिवस को वर्ष 1991 में मनाया गया था, तब से लेकर आज तक प्रतिवर्ष इस दिन को नेशनल डॉक्टर्स के लिए समर्पित किया जाता है। इस दिन को डॉक्टर्स को विशेष सम्मान देने के लिए मनाया जाता है क्योंकि वे हमेशा लोगों की सेवा करने के लिए तत्पर रहते हैं और समाज की सेवा बिना किसी मोह के करते हैं।
क्या है इस वर्ष की थीम
हर वर्ष राष्ट्रीय डॉक्टर्स डे किसी न किसी थीम को ध्यान में रखकर मनाया जाता है, इसी प्रकार इस वर्ष भी राष्ट्रीय डॉक्टर्स दिवस मनाने को लेकर थीम तय की गयी है। नेशनल डॉक्टर्स डे 2023 सेलिब्रिटी रेजिलिएंस एंड हीलिंग हैंड्स थीम के तहत मनाया जा रहा है।
यह भी पढ़ें- Yoga Day 2023: इन सरकारी संस्थानों से Free में ऑनलाइन करें योग में Certificate कोर्स, जानें कहां करें अप्लाई
डॉ. बीसी रॉय के सम्मान में शुरू हुआ था राष्ट्रीय डॉक्टर्स दिवस
डॉ. बीसी रॉय का पूरा नाम बिधान चंद्र रॉय था। वे एक स्वतंत्रता सेनानी, प्रसिद्ध चिकित्सक, शिक्षाविद के साथ ही पश्चिम बंगाल के दूसरे मुख्यमंत्री भी थे। डॉ. बीसी रॉय के 1976 में भारत रत्न से भी सम्मानित किया गया था। डॉ. बीसी रॉय का जन्म 1 जुलाई 1882 को हुआ था। उनके जन्म तिथि को ही वर्ष 1991 से प्रतिवर्ष राष्ट्रीय डॉक्टर्स दिवस के रूप में मनाया जा रहा है। आपको बता दें कि उनकी मृत्यु की तिथि भी 1 जुलाई है और उनका निधन वर्ष 1962 में हुआ था।
क्या है महत्व
नेशनल डॉक्टर्स डे को प्रतिवर्ष मनाने का प्रमुख उद्देश्य देशभर के डॉक्टर्स के प्रति सम्मान दिखाना है। इस दिन के जरिये डॉक्टर्स को आभार जताया जाता है जो देश में सभी व्यक्तियों को समान रूप से ख्याल रखते हैं और ईलाज प्रदान करते हैं। इसका जीता जागता उदाहरण कोविड-19 महामारी थी जिसमें डॉक्टर्स ने अपनी जान की परवाह किये बिना सबका ख्याल रखा था।
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।