NAAC: शिक्षण संस्थानों को 'मान्यता प्राप्त' या 'मान्यता प्राप्त नहीं' रूप में वर्गीकृत करेगा नैक, कॉलेज छात्रों और अभिभावकों को नहीं दे पाएंगे धोखा
देशभर में उच्च शिक्षण संस्थानों को अब एक्रीडिटेशन सिस्टम (मान्यता प्रणाली) के तहत ग्रेड नहीं दिया जाएगा बल्कि अब उन्हें सिर्फ मान्यता प्राप्त या मान्यता प्राप्त नहीं के रूप में वर्गीकृत किया जाएगा। राष्ट्रीय मूल्यांकन और प्रत्यायन परिषद (नैक) की शनिवार को आयोजित कार्यकारी परिषद की बैठक में यह अहम निर्णय लिया गया। शैक्षणिक सत्र 2024-25 से ये व्यवस्था लागू हो जाएगी।

पीटीआई, नई दिल्ली। देशभर में उच्च शिक्षण संस्थानों को अब एक्रीडिटेशन सिस्टम (मान्यता प्रणाली) के तहत ग्रेड नहीं दिया जाएगा बल्कि अब उन्हें सिर्फ 'मान्यता प्राप्त' या 'मान्यता प्राप्त नहीं' के रूप में वर्गीकृत किया जाएगा।
नैक की कार्यकारी परिषद की बैठक में यह अहम निर्णय लिया गया
राष्ट्रीय मूल्यांकन और प्रत्यायन परिषद (नैक) की शनिवार को आयोजित कार्यकारी परिषद की बैठक में यह अहम निर्णय लिया गया। इसमें यह भी निर्णय लिया गया कि मान्यता प्राप्त संस्थानों को शिक्षण का उच्चतम स्तर हासिल करने के लिए प्रोत्साहित करने को एक से पांच के बीच स्तर दिए जाएंगे।
असल में केंद्र सरकार ने शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार के मकसद से नैक के ग्रेड सिस्टम को ही खत्म कर दिया है। नैक के इस कदम से अब कोई भी यूनिवर्सिटी या कॉलेज छात्रों और अभिभावकों को इस आधार पर धोखा नहीं दे पाएंगे कि उनके शिक्षण संस्थान को नैक की ओर से ए या ए प्लस ग्रेड हासिल है। शैक्षणिक सत्र 2024-25 से ये व्यवस्था लागू हो जाएगी। इसे दो चरणों में लागू किया जाएगा।
शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार होगा
अगले चार महीनों में बाइनरी एक्रीडिटेशन (मान्यता प्राप्त या गैर-मान्यता प्राप्त) प्रणाली लागू होगी और दिसंबर तक परिपक्वता आधारित ग्रेडेड मान्यता (स्तर एक से पांच) तक की व्यवस्था लागू हो जाएगी। शिक्षा मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि बाइनरी एक्रीडिटेनशन दुनिया के कई अग्रणी देशों में अपनाई जाने वाली सर्वोत्तम प्रथाओं के अनुरूप है। इससे शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार होगा।
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