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    कपड़ों से बदलें खुद का मूड, ड्रेसिंग सेंस ही व्यक्तित्व की असल पहचान

    By Dhyanendra SinghEdited By:
    Updated: Mon, 06 May 2019 03:39 PM (IST)

    सामान्य आदमी से लेकर किसी बड़े पद पर बैठे व्यक्ति के कपड़ों पर लगभग सभी की निगाहें होती हैं। ऐसे में आपका पहनावा ही आपके आकर्षक और व्यक्तित्व को निखारता ...और पढ़ें

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    कपड़ों से बदलें खुद का मूड, ड्रेसिंग सेंस ही व्यक्तित्व की असल पहचान

    रेणु जैन। जिस तेजी से हर क्षेत्र में बदलाव आया है, उसे देखते हुए खुद को भी अपडेट रखना जरूरी हो गया है। कई बार देखा जाता है कि कुछ लोगों में कोई बात ऐसी होती है कि सामने वाला उसको देखकर प्रभावित हो जाता है। उसकी खासियत यह होती है कि वह जहां जाता है अपना एक विशेष प्रभाव छोड़ता है। वैसे, हर किसी की यह चाह होती है कि उनकी शख्सियत का जादू सब पर चले। अगर आप भी ऐसा चाहते हैं, तो आपको अपने पहनावे पर पूरा ध्यान देने की जरूरत है।

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    ‘एक नूर आदमी, सौ नूर कपड़ा, हजार नूर नखरा।’ मतलब साफ है कि कोई व्यक्ति कदकाठी से खूबसूरत तो लग सकता है मगर उसने अपने पर फबने वाले कपड़े पहन रखे हों, तो फिर उसके जलवे के क्या कहने। वैसे भी, यह ड्रेस सेंस का युग है। सामान्य आदमी से लेकर किसी बड़े पद पर बैठे व्यक्ति के कपड़ों पर लगभग सभी की निगाहें होती हैं। ऐसे में वस्त्र आदमी को आकर्षक और प्रेजेंटेबल बनाते हैं। इस स्थिति में जो चाहा पहन लिया और एक बार भी यह नहीं सोचा कि वह आप पर फब भी रहा है या नहीं, यह अब नहीं चल सकता है। अब कई बातों का ध्यान रखना पड़ता है। वरना देखा-देखी के चक्कर में हंसी के पात्र बनते देर नहीं लगती। आइए जानें, थोड़ी सजगता और अपनी वेश-भूषा के प्रति कुछ बातों का ध्यान रखकर कैसे अपनी छवि को बेहतर बनाया जा सकता है।

    ड्रेसिंग सेंस से तरक्की
    ड्रेस सेंस हर उम्र के लोगों के लिए मायने रखता है। यह व्यक्तित्व को एक आकर्षक पहचान देता है। इससे आप इंटरव्यू, पार्टी, फंक्शन, मीटिंग, स्कूल, कॉलेज तथा दफ्तर आदि में लोगों का ध्यान अपनी ओर आकर्षित कर सकते हैं और प्रेजेंटेबल बन सकते हैं। जर्नल ऑफ फैशन मार्केटिंग ऐंड मैनेजमेंट की हालिया रिपोर्ट में बताया गया है कि कहीं भी सबसे पहले कपड़ों से ही आपको आंका जाता है। इसीलिए कहा गया है कि ‘फस्र्ट इंप्रेशन द लास्ट इंप्रेशन’ यानी पहले प्रभाव में आपके कपड़े अहम भूमिका निभाते हैं। इसलिए जो भी ड्रेस पहनें, वह संबंधित जगह के अनुकूल होनी चाहिए।

    कपड़ों से पहचान
    यूनिवर्सिटी ऑफ हर्टफोर्डशायर के प्रोफेसर कैरे पाइन अपनी किताब ‘माइंड व्हाट यू वियर: द साइकोलॉजी ऑफ फैशन’ में कहती हैं कि आप जो कुछ पहनते हैं उससे आपकी पर्सनैलिटी के बारे में पता चलता है यानी  पर आपके कपड़ों का असर पड़ता है। अक्सर यह देखा जाता है कि कई बार सजे-धजे होने के बावजूद लोग अपना प्रभाव नहीं जमा पाते हैं, जबकि एक साधारण-सा व्यक्ति आपको पीछे छोड़कर लोगों के दिलों पर राज कर जाता है। इसका कारण है अच्छा ड्रेस सेंस, जो आपको हमेशा आकर्षक बनाए रखता है।

     प्रोडक्टिविटी बढ़ाते हैं कपड़े
    ग्रुमिंग एक्सपर्ट के मुताबिक हर फैशन और स्टाइल के पीछे एक साइकोलॉजी होती है। रोजमर्रा के कामकाज, कॉलेज या ऑफिस के कपड़ों का चुनाव भी हमारे दिनभर के काम को प्रभावित करता है। अच्छे मनपसंद कपड़ों से हमारा खराब मूड भी बदल जाता है।

     

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