MBBS Course in Hindi: अगले सेशन से शुरू होगी एमबीबीएस की पढ़ाई, शिक्षा मंत्री ने दी ये जानकारी
MBBS Course in Hindi मध्य प्रदेश के भोपाल के गांघी मेडिकल कॉलेज में हिंदी में एमबीबीएस में दाखिला अगले सत्र से लिया जाएगा। सीएम शिवराज सिंह चौहान द्वारा गणतंत्र दिवस के अवसर पर की गयी घोषणा के बाद शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग ने 8 फरवरी 2022 को पुष्टि की।

नई दिल्ली, एजुकेशन डेस्क। MBBS Course in Hindi: हिंदी माध्यम के चिकित्सा क्षेत्र में उच्च शिक्षा प्राप्त करने के लिए छात्र-छात्राओं के लिए बड़ी खबर। हिंदी भाषा में एमबीबीएस कोर्स को अगले शैक्षणिक सत्र से ऑफर किए जाने की घोषणा की गयी है। हिंदी में एमबीबीएस में दाखिला अगले सत्र से मध्य प्रदेश के भोपाल के गांघी मेडिकल कॉलेज में लिया जाएगा। इस सम्बन्ध में मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने गणतंत्र दिवस के अवसर पर की थी। इसके बाद, राज्य सरकार में शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग ने 8 फरवरी 2022 को पुष्टि की।
भोपाल के गांधी मेडिकल कॉलेज में अगले शैक्षणिक सत्र से हिंदी में एमबीबीएस कोर्स के लिए दाखिले को लेकर, समाचार एजेंसी पीटीआइ के अपडेट के अनुसार, शिक्षा ने कहा, “भोपाल के गांधी मेडिकल कॉलेज में दो माह के भीतर अगले सत्र से हिंदी में एमबीबीएस पाठ्यक्रम शुरू करने के निर्देश जारी किए गए हैं। एमबीबीएस हिंदी पाठ्यक्रम की कार्य योजना तैयार करने के लिए चिकित्सा शिक्षा निदेशक डॉ. जितेन शुक्ला की अध्यक्षता में 14 सदस्यीय समिति गठित की गई है।”
एमबीबीएस हिंदी की दो चरणों में होगी पढ़ाई
एजेंसी के अपडेट के अनुसार मेडिकल छात्रों के लिए यह एमबीबीएस हिंदी कोर्स दो चरणों में शुरू किया जाएगा। पहले चरण में, हिंदी में एमबीबीएस पाठ्यक्रम का विकल्प चुनने वाले छात्रों को दो महीने के लिए हिंदी और अंग्रेजी दोनों में पढ़ाया जाएगा। वहीं, दूसरा चरण इस बात पर आधारित होगा कि छात्र अपने आकलन में कैसा प्रदर्शन करते हैं। दूसरे चरण में एनाटॉमी, फिजियोलॉजी और बायोकैमिस्ट्री के लिए पूरक पुस्तकों के शामिल किया जाएगा।
बता दें कि शिक्षा मंत्री ने कुछ दिन पहले अटल बिहारी हिंदी विश्वविद्यालय और गांधी मेडिकल कॉलेज के पदाधिकारियों की उपस्थिति में एमबीबीएस प्रथम वर्ष के छात्रों के लिए हिंदी में किताबें तैयार करने के लिए विषय विशेषज्ञों से बात की थी। साथ ही, शिक्षा मंत्री ने कहा था कि कोर्स के दौरान लेक्चर हिंदी में भी दिए जाएंगे। इस योजना को तैयार करने के लिए शिक्षा विभाग की ओर से तीन कमेटियां बनाई गई हैं।
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