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महाराष्ट्र में CBSE और ICSE स्कूलों में मराठी पढ़ाया जाना अनिवार्य, बनेगा कानून

महाराष्ट्र के स्कूलों में अब मराठी भाषा पढ़ाया जाना अनिवार्य होने जा रहा है। इन स्कूलों में सीबीएसई और आईसीएसई स्कूल भी शामिल हैं।

By Neel RajputEdited By: Published: Fri, 21 Jun 2019 02:31 PM (IST)Updated: Fri, 21 Jun 2019 02:31 PM (IST)
महाराष्ट्र में CBSE और ICSE स्कूलों में मराठी पढ़ाया जाना अनिवार्य, बनेगा कानून
महाराष्ट्र में CBSE और ICSE स्कूलों में मराठी पढ़ाया जाना अनिवार्य, बनेगा कानून

मुंबई, जेएनएन। महाराष्ट्र सरकार ने विधानसभा चुनाव से पहले एक बड़ा कदम उठाया है। राज्य सरकार ने स्थानीय भाषा को महत्व देते हुए मराठी भाषा को स्कूलों में अनिवार्य रूप से पढ़ाए जाने का आदेश दिया है और जो स्कूल इसका पालन नहीं करेंगे उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। महाराष्ट्र के सीबीएसई और आईसीएसई बोर्ड से संबद्ध स्कूलों में मराठी भाषा अनिवार्य कर दी गई है। राज्य के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने गुरुवार को कहा कि राज्य के सभी स्कूलों में मराठी भाषा पढ़ाया जाना अनिवार्य होगा। इन स्कूलों में CBSE और ICSE सं संबद्ध सकूल भी शामिल हैं। मुख्यमंत्री ने कहा है कि स्कूलों में मराठी भाषा पढ़ाना अनिवार्य बनाने के लिएराज्य सरकार एक कानून भी बनाएगी।

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सीएम ने विधान परिषद को सूचित किया कि राज्य शिक्षा बोर्ड से इतर अन्य बोर्ड से जुड़े़ स्कूलों में मराठी भाषा पढ़ाने के लिए एक प्रावधान पहले से ही है। इसके बावजूद, यदि कुछ ऐसे स्कूल हैं जो छात्रों को मराठी भाषा नहीं पढ़ा रहे हैं तो हम उनके खिलाफ कार्रवाई शुरू करेंगे।

उन्होंने कहा कि आवश्यकता पड़ने पर मौजूदा कानून में संशोधन किया जा सकता है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि राज्य के सभी स्कूलों में मराठी भाषा पढ़ाई जाए।

वर्तमान में, सीबीएसई (केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड) और काउंसिल फॉर द इंडियन स्कूल सर्टिफिकेट एक्जामिनेशंस (सीआईएससीई) से सम्बद्ध स्कूलों में कक्षा आठवीं तक मराठी एक अनिवार्य विषय है। सीआईएससीई एक निजी बोर्ड है जो आईसीएसई (इंडियन सर्टिफिकेट ऑफ सेकेंडरी एजुकेशन) परीक्षा संचालित करता है।

मुख्यमंत्री फडणवीस शिवसेना एमएलसी नीलम गोरहे के एक प्रश्न का जवाब दे रहे थे, जो राज्य बोर्ड से इतर अन्य बोर्ड के स्कूलों में मराठी भाषा की पढ़ाई अनिवार्य बनाने की स्थिति जानना चाहती थीं।

उन्होंने कहा कि कई लेखकों ने इस मांग को लेकर सोमवार को दक्षिण मुम्बई के आजाद मैदान में विरोध प्रदर्शन करने का फैसला किया है कि राज्य शिक्षा बोर्ड से इतर अन्य बोर्ड से जुड़े स्कूलों में मराठी को अनिवार्य बनाया जाए।

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