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    MP के डिग्री कॉलेजों में ऑनलाइन दाखिले की प्रक्रिया शुरू, छात्र जानें कब तक कर सकते हैं आवेदन

    MP मध्य प्रदेश के सभी सरकारी और अनुदान प्राप्त डिग्री कॉलेजों में यूजी और पीजी प्रोगाम में ऑनलाइन दाखिले की प्रक्रिया शुरू हो गई है।

    By Nandini DubeyEdited By: Updated: Thu, 06 Aug 2020 10:36 AM (IST)
    MP के डिग्री कॉलेजों में ऑनलाइन दाखिले की प्रक्रिया शुरू, छात्र जानें कब तक कर सकते हैं आवेदन

    MP: मध्य प्रदेश के सभी सरकारी और अनुदान प्राप्त डिग्री कॉलेजों में यूजी और पीजी प्रोगाम में ऑनलाइन दाखिले की प्रक्रिया शुरू हो गई है। इसके तहत पहले फेज में छात्र-छात्राएं 20 अगस्त 2020 तक ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन कर सकते हैं। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार उच्च शिक्षा विभाग की ओर से जारी निर्देशों के अनुसार पोस्ट ग्रेजुएशन में स्टूडेंट्स को अस्थायी दाखिला दिया जाएगा। इस कोर्स में स्टूडेंट्स को मेरिट के आधार पर कॉलेज अलाॅट किया जाएगा। इसके बाद जब यूजी की फाइनल ईयर की परीक्षा हो गई जाएगी और उसके बाद उसका रिजल्ट जारी होने के बाद स्टूडेंट्स को इसका प्रमाण देने के बाद इसकी जानकारी उच्च शिक्षा विभाग को भेजने के बाद फिर छात्र या छात्रा का एडमिशन फाइनल किया जाएगा। बता दें कि मध्यप्रदेश में 100 सरकारी और सहायता प्राप्त डिग्री कॉलेज हैं। इनमें 18 से ज्यादा कोर्सेज संचालित किए जाते हैं। इनमें अनुमानति 3 लाख स्टूडेंट्स को प्रवेश दिया जाएगा।

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    कोविड-19 संक्रमण को देखते हुए डॉक्यूमेंट्स वैरीफिकेशन के लिए सेंटर की संख्या बढ़ाई जाएगी, जिससे सोशल डिस्टेंसिंग का पूरी तरह पालन किया जा सके। वहीं इस दौरान छात्र-छात्राओं को मास्क पहनकर आना होगा और सैनिटाइजर लाना होगा।

    इस बार कोरोना वायरस की वजह से शैक्षणिक सत्र लेट हो रहा है। आमतौर पर मई-जून में दाखिले की प्रक्रिया शुरू हो जाती है। इसके बाद जुलाई में प्रवेश प्रक्रिया पूरी करके नए सत्र की कक्षाएं शुरू हो जाती हैं लेकिन इस बार मार्च में कोरोना वायरस के कारण पढ़ाई प्रभावित हुई है। हालांकि ऑनलाइन कक्षाएं संचालित की गई हैं। लेकिन इंटरनेट की बेहतर कनेक्टविटी नहीं होने की वजह से भी कक्षाएं बेहतर तरीके से नहीं हो पा रही हैं। वहीं दूसरी तरफ यूजीसी के निर्देशानुसार सितंबर में फाइनल ईयर की परीक्षाएं आयोजित की जाएंगी। हालांकि अभी इस पर विवाद चल रहा है, क्योंकि स्टूडेंट्स और अभिभावकों का कहना है कि सितंबर में परीक्षा कराना एक जोखिम भरा कदम हो सकता है।