Explainer: जानें क्या होता है अध्यादेश, यहां से समझें कानून और अध्यादेश में क्या है अंतर
Explainer आपने किसी न किसी रूप में अध्यादेश और कानून के बारे में जरूर सुना होगा लेकिन क्या आप जानते हैं कि अध्यादेश और कानून में क्या अंतर है। अगर नहीं तो इस आर्टिकल में दिए आसान बिंदुओं से आप लॉ और ऑर्डिनेंस में अंतर समझ सकते हैं।

Explainer: आपने कभी न कभी अध्यादेश और कानून की बारीकियां तो पढ़ी होंगी और समय-समय पर यह भी सुना होगा कि केंद्र सरकार या किसी राज्य सरकार ने नया अध्यादेश पेश किया है या संसद की सदन में कोई नया कानून प्रस्तुत किया गया है। लेकिन क्या अपने कभी यह सोचा है कि अध्यादेश और कानून में क्या अंतर है, यह किस प्रकार से लागू किये जाते हैं और इन दोनों में क्या अंतर होता है। अगर नहीं पता है तो आप यहां आसान भाषा में समझ सकेंगे कि अध्यादेश और कानून क्या होता है जिससे आप आसानी से इसमें अंतर ज्ञात कर सकते हैं।
क्या होता है अध्यादेश
अध्यादेश किसी विशेष परिस्तिथि में केंद्र सरकार या राज्य सरकार द्वारा लाया जाता है। अध्यादेश उस समय लाया जाता है जब संसद का सत्र न चल रहा हो या जो राज्य सरकार लागू करना चाहती है उसका विधानसभा सत्र न चल रहा हो। अध्यादेश की ज्यादा से ज्यादा अवधि 6 सप्ताह के लिए हो सकती है और इसको लागू करने की शक्तियां देश के राष्ट्रपति एवं किसी राज्य के राज्यपाल के पास होती हैं। अगर अध्यादेश को कानून बनाना है तो सरकार को अगले 6 महीने के अंदर संसद सत्र का आयोजन कर उस अध्यादेश को बिल के रूप में पेश कर पारित करना होता है। ध्यान रखें कि कोई भी अध्यादेश को लागू करने के लिए राष्ट्रपति की मंजूरी जरूरी होती है और इसके जरिए आम आदमी के मूल अधिकारों का हनन नहीं किया जा सकता है।
जानें क्या होता है कानून
हमारे देश में कानून पारित करने की शक्तियां संसद के पास होती हैं। किसी अध्यादेश की अवधि 6 हफ्ते होती है इसलिए इसे आगे कानून का रूप दिया जाता है। यह कानून तभी बनता है जब इसे लोकसभा, राज्यसभा एवं राष्ट्रपति की मंजूरी नहीं मिल जाती। अध्यादेश को लागू होने के 6 महीने के अंदर संसद में पेश किया जाता है। जहां यह लोकसभा एवं राज्यसभा द्वारा पास किया जाता है और अंत में राष्ट्रपति की मंजूरी के लिए भेज दिया जाता है। राष्ट्रपति की मंजूरी के बाद अध्यादेश एक परमानेंट कानून का रूप ले लेता है।
यहां से आसान बिंदुओं में समझें अध्यादेश और कानून में अंतर
अध्यादेश और कानून में कुछ प्रमुख अंतर अग्रलिखित हैं। अध्यादेश को लागू करने का आदेश राष्ट्रपति द्वारा दिया जाता है जबकि कानून लागू करने की शक्तियां सदन के पास होती हैं। अध्यादेश को तब लाया जाता है जब देश की सदन या राज्य का विधानसभा सत्र न चल रहा हो, वहीं कानून को तभी लाया जाता है जब देश की संसद या किसी राज्य का विधानसभा सत्र चल रहा हो। इसके अलावा अध्यादेश की अवधि केवल 6 सप्ताह के लिए होती है जबकि कानून संसद एवं राष्ट्रपति द्वारा पास होने के बाद परमानेंट रूप ले लेता है।
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