Independence Day 2025: स्वतंत्रता दिवस पर ध्वजारोहण के नियम कर लें चेक, नहीं होगा तिरंगे का अपमान
इस 15 अगस्त को देशभर में 79वां स्वतंत्रता दिवस सेलिब्रेट किया जा रहा है। पिछले कुछ सालों से सरकार ने हर घर तिरंगा अभियान के तहत घरों में भी ध्वज को फहराने की अनुमति दी है। ऐसे में झंडा फहराने के लिए सभी लोग नियम अवश्य चेक कर लें ताकी राष्ट्रीय ध्वज का किसी भी प्रकार से अपमान न हो सके।

एजुकेशन डेस्क, नई दिल्ली। स्वतंत्रता दिवस भारत देश का एक ऐसा राष्ट्रीय पर्व है जो धर्म, जाति, क्षेत्र के बंधनों से परे देशभर हर जगह धूम-धाम से मनाया जाता है। इस वर्ष हमारा देश 15 अगस्त को 79वां स्वतंत्रता दिवस सेलिब्रेट कर रहा है। इस दिन लाल किले के साथ ही देशभर के स्कूल, कॉलेज, सरकारी दफ्तरों में ध्वजारोहण किया जाता है। पिछले कुछ सालों में सरकार ने "हर घर तिरंगा" अभियान के तहत घरों और सार्वजनिक जगहों पर भी झंडा फहराने की अनुमति दी है। ऐसे में यह जानना जरूरी है कि झंडे को फहराने, उतारने और इसे सुरक्षित कैसे रखा जाये ताकी किसी भी प्रकार से इसका अपमान न हो सके।
तिरंगे को फहराने का नियम
- झंडा फहराने से पहले चेक करें कि वह फटा हुआ या गंदा न हो।
- जब भी तिरंगे को फहराया जाये तो उसे सम्मानपूर्ण और उचित सम्मान दिया जाना चाहिए।
- इस बात का ध्यान रखा जाना चाहिए कि झंडा हर किसी को उस जगह से दिखाई दे।
- अगर झंडा किसी मंच पर फहराया जा रहा है तो ध्यान रखना है कि वक्ता का मुंह श्रोताओं की ओर हो और झंडा उसके दाहिनी ओर होना चाहिए।
- तिरंगे के बगल में अगर किसी भी झंडे को लगाना है तो उसका स्थान तिरंगे के नीचे होना चाहिए।
- तिरंगा किसी भी प्रकार से जमीन को नहीं छूना चाहिए।
- अशोक चक्र झंडे की बिल्कुल बीच में और सफेद पट्टी पर होना चाहिए और उसमें 24 तीलियां होनी चाहिए।
ध्वज को उतारने के क्या हैं नियम
- ध्वज को फहराने के बाद उसे उतारने के लिए भी कुछ नियम बनाये गए हैं।
- सबसे पहले राष्ट्रीय ध्वज को क्षैतिज रूप से रखें।
- केसरिया और हरे रंग की पट्टियों को बीच की सफेद पट्टियों के नीचे मोड़ें।
- सफेद पट्टी को इस प्रकार से मोड़ें कि केसरिया और हरे रंग की पट्टियों के साथ केवल अशोक चक्र दिखाई दे।
- मोड़े हुए झंडे को हथेलियों या हाथों पर रखें और उसे सुरक्षित स्थान पर रख दें।
इसके अलावा ध्वजारोहण के बाद तिरंगे को उतारते समय भारतीय ध्वज संहिता के तहत निर्धारित नियमों का पालन करना चाहिए। आपको ध्यान रखना है कि झंडा उतारते समय उसका पूरा ध्यान रखा गया हो। तिरंगा किसी प्रकार से नीचे जमीन को नहीं छूना चाहिए और न ही गिरना चाहिए। अगर झंडा फहरते समय या उतारते समय किसी भी प्रकार से कट-फट जाये हो तो उसे अकेले में ले जाकर नष्ट करना चाहिए।
भारतीय ध्वज संहिता
भारतीय ध्वज संहिता को 26 जनवरी 2002 को लागू किया गया। था। इसके अंतर्गत विभिन्न ऐसे नियमों को लागू किया गया जिससे किसी भी प्रकार से तिरंगे झंडे का अपमान न हो। इस नियम के अनुसार जिस भी झंडे का उपयोग ध्वजारोहण के लिए किया जा रहा है वो आयताकार होना चाहिए और उसकी लंबाई और चौड़ाई का अनुपात 3:2 होगा। झंडे पर किसी भी प्रकार से कुछ भी लिखा हुआ नहीं होना चाहिए। अगर झंडा किसी भी प्रकार से क्षतिग्रस्त है और कटा-फटा है तो उसको उपयोग में नहीं लाना चाहिए।
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