Independence Day 2023: अखंड भारत में शामिल थे ये देश, वर्तमान परिदृश्य में हैं इन देशों की है अलग पहचान
Independence Day 2023 भारत की स्थापना के समय इसका नाम आर्यावर्त था। तब इस देश की सीमाएं हिमालय से लेकर दक्षिणी सागर तक फैली हुई थीं। समय के साथ-साथ अखंड भारत पर बाहरी आक्रमण हुए और धीरे- धीरे इससे कई देश अलग होते चले गए। वर्तमान परिदृश्य में यह देश अपनी एक अलग पहचान बनाकर विश्व पटल पर अपनी पहचान रखते हैं।

Independence Day 2023: हम सभी ने कभी न कभी 'अखंड भारत' शब्द अवश्य ही कहीं न कहीं सुना होगा या पढ़ा होगा। लेकिन क्या आपको पता है कि अखंड भारत है क्या? अगर नहीं तो आप यहां से अखंड भारत की पूरी जानकारी हासिल कर सकते हैं। भारत की स्थापना वैदिक काल से मानी जाती है लेकिन तब हमारा देश की सीमाएं विशाल क्षेत्र से लगती थीं। हमारे देश को 'आर्यावर्त' के नाम से जाना जाता था। समय के साथ-साथ अखंड भारत से कई देश अलग होते चले गए और अपनी अलग पहचान स्थापित करते रहे। इनमें से पाकिस्तान और बांग्लादेश तो देश की आजादी के बाद अलग होकर स्थापित हुए।
Independence Day 2023: ये देश अखंड भारत से अलग होकर बने नए देश
अखंड भारत को स्थापित करने का आखिरी जिम्मा गुप्त वंश ने उठाया था। गुप्त वंश ने 510 ई. तक अखंड भारत के कई हिस्सों पर राज्य किया लेकिन इनके पतन के बाद एक के बाद एक करके कई देश अखंड भारत से अलग होते चले गए। अखंड भारत से अलग होकर नई पहचान बनाने वाले देश निम्न हैं।
अफगानिस्तान | भूटान |
श्रीलंका | म्यांमार |
नेपाल | थाइलैंड |
ईरान | कंबोडिया |
मलेशिया | इंडोनेशिया |
तिब्बत | पाकिस्तान |
बांग्लादेश |
Independence Day 2023: कैसे हुआ अखंड भारत का पतन
इतिहासकारों के मुताबिक अखंड भारत के पहले शासक के रूप में गुप्त राजवंश के राजा समुद्रगुप्त को माना जाता है। इन्होंने कई छोटे-छोटे राज्यों पर कब्जा करने के बाद अखंड भारत का निर्माण किया। गुप्त वंश के शासनकाल 240/275 ई. 550 ई. तक माना गया। इसके बाद विदेशी आक्रांताओं ने भारत पर हमला करना शुरू कर दिया जिसके बाद इसका पतन शुरू हो गया है।
अखंड भारत के विघटन के बावजूद भारत आज दुनिया में क्षेत्रफल की दृष्टि से सातवां सबसे बड़ा देश है। भारत से आगे केवल रूस, कनाडा, चीन ,संयुक्त राज्य अमेरिका, ब्राजील व ऑस्ट्रेलिया ही आते हैं। नव भारत के निर्माण का सूत्रधार सरदार बल्लभ भाई पटेल को माना जाता है। उन्होंने आजादी के बाद भारत की कई रियासतों का भारत में विलय करवाकर नए भारत के निर्माण में अहम भूमिका निभाई थी।
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