Eligible Candidates उपलब्ध तो फिर क्यों नहीं जारी किया गया पूरा Result...सहायक आचार्य नियुक्ति मामले में सरकार और जेएसएससी से मांगा जवाब
झारखंड हाई कोर्ट में सहायक आचार्य (कक्षा छह-आठ) नियुक्ति के खिलाफ दाखिल याचिका पर सुनवाई हुई। सुनवाई के बाद अदालत ने सरकार और जेएसएससी से जवाब मांगा है। अदालत ने जेएसएससी से पूछा है कि जब प्रार्थी सभी तरह की आहर्ता पूरा करते हैं और सीटें रिक्त थीं तो प्रार्थियों का परिणाम क्यों नहीं जारी किया गया।
राज्य ब्यूरो, रांची। झारखंड हाई कोर्ट के जस्टिस आनंद सेन की अदालत में सहायक आचार्य (कक्षा छह-आठ) नियुक्ति के खिलाफ दाखिल याचिका पर सुनवाई हुई। सुनवाई के बाद अदालत ने सरकार और जेएसएससी से जवाब मांगा है।
अदालत ने जेएसएससी से पूछा है कि जब प्रार्थी सभी तरह की आहर्ता पूरा करते हैं और सीटें रिक्त थीं, तो प्रार्थियों का परिणाम क्यों नहीं जारी किया गया।
अदालत ने अगली सुनवाई तक बची सीटों के हस्तांतरण पर रोक लगा दी है। मामले में अगली सुनवाई दिसंबर में होगी। इस संबंध में महेंद्र रवानी सहित 355 अभ्यर्थियों की ओर से हाई कोर्ट में याचिका दाखिल की गई है।
सब कुछ सही पाया लेकिन अंतिम परिणाम में चयन नहीं
प्रार्थियों की ओर से अधिवक्ता अमृतांश वत्स ने अदालत को बताया कि जेएसएससी की ओर से सहायक आचार्य की नियुक्ति के लिए विज्ञापन जारी किया गया था।
प्रार्थियों की ओर से विज्ञान शिक्षक पद के लिए आवेदन दिया गया था। चयन होने के बाद सभी के दस्तावेजों का सत्यापन भी किया गया।
1119 पदों के लिए नहीं जारी किया परिणाम
सत्यापन के बाद आयोग ने सभी अभ्यर्थियों के प्रमाणपत्रों को सही माना। लेकिन अंतिम परिणाम में इनका चयन नहीं किया गया। जबकि 2504 शिक्षकों के पद गैर पारा टीचर के लिए थे।
इसमें मात्र 1385 अभ्यर्थियों का ही परिणाम जारी किया गया। प्रार्थियों की ओर से यह भी कहा गया कि अभ्यर्थियों से कम और बराबर अंक प्राप्त करने वालों का परिणाम जारी किया गया है।
प्रार्थी सभी तरह की अहर्ता को पूरा करते हैं। आयोग ने भी इनके आवेदन सहित प्रमाणपत्रों को सही माना है। तब भी इनका परिणाम जारी नहीं किया गया है।
इस पर अदालत ने कहा कि यदि सीटें खाली हैं और प्रार्थियों के दस्तावेज का सत्यापन किया गया है, जिसमें कोई त्रुटि नहीं है, तो इनका परिणाम क्यों नहीं जारी किया गया है। अदालत ने उक्त बिंदु पर सरकार और जेएसएससी से जवाब मांगा है।
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