GSHSEB: सीबीएसई की तर्ज पर गुजरात बोर्ड भी करेगा 9वीं से 12वीं तक के सिलेबस में कटौती
GSHSEB गुजरात सरकार ने सेकेंडरी एंड हायर सेकेंडरी एजुकेशन बोर्ड को कक्षा 9 से 12 तक के पाठ्यक्रमों में सीबीएसई की तर्ज पर ही कटौती करने का निर्देश दिया है।
GSHSEB: कोविड-19 के बढ़ते मामलों के कारण देश भर के स्कूल बंद हैं। इसी बीच केंद्रीय मानव संसाधन मंत्री डॉ. रमेश पोखरियाल ने सीबीएसई बोर्ड के सिलेबस में कमी की घोषणा की है। जिसमें सीबीएसई की कक्षा 9 से 12 तक के पाठ्यक्रमों में 30 प्रतिशत की कमी की गई है। अब सीबीएसई की तर्ज पर ही गुजरात सरकार ने भी बड़ा निर्णय लिया है। गुजरात सरकार ने सेकेंडरी एंड हायर सेकेंडरी एजुकेशन बोर्ड (GSHSEB) को कक्षा 9 से 12 तक के पाठ्यक्रमों में सीबीएसई की तर्ज पर ही कटौती करने का निर्देश दिया है। जिसमें केवल सबसे आवश्यक विषयों को छोड़ कर छात्रों के लिए पाठ्यक्रम को कम करने की बात कही गई है।
इस संबंध में राज्य के शिक्षा मंत्री भूपेंद्र सिंह चुडासमा ने जानकारी देते हुए बताया कि बोर्ड को सिलेबस में कटौती करने के लिए कार्य शुरू करने के निर्देश दिए गए हैं। इसे लेकर विषय विशेषज्ञों से सुझाव मांगे जाएंगे, जिसके बाद निर्णय लिया जाएगा कि पाठ्यक्रमों में क्या छोड़ा जाना है, और क्या बरकरार रखा जाना है। वहीं, बोर्ड के अध्यक्ष ने बताया कि संशोधित पाठ्यक्रम को लेकर राज्य सरकार के साथ परामर्श करके जल्द ही फैसला लिया जाएगा। हमारा प्रयास यह सुनिश्चित करना होगा कि छात्र किसी भी विषय से चूक न जाएं, जो कि उनके लिए महत्वपूर्ण हैं।
बता दें कि गुजरात बोर्ड सिलेबस में कटौती को लेकर शिक्षाविदों से एक वेबिनार के माध्यम से सलाह मांगी जाएगी और पाठ्यक्रम के विषयों पर चर्चा की जाएगी। सिलेबस में बदलाव को लेकर एक सप्ताह के भीतर छात्रों और शिक्षकेत्तर कर्मचारियों को सूचित किए जाने की संभावना है। बता दें कि सिलेबस के लिए एक वेबिनार 6 जुलाई, 2020 को ही आयोजित हो चुका है। छात्र गुजरात बोर्ड के लिए भी जल्द ही सीबीएसई की तर्ज पर कम सिलेबस की उम्मीद कर सकते हैं।
गौरतलब है कि कोरोना वायरस महामारी के कारण छात्रों की पढ़ाई में हुए नुकसान की भरपाई करने के लिए सीबीएसई ने कक्षा 9 से 12वीं तक के पाठ्यक्रमों को 30 प्रतिशत तक घटाने का निर्णय लिया है। यह कटौती केवल वर्ष 2020-21 के लिए निश्चित की गई है। बता दें कि महामारी संकट को देखते हुए पूरे देश में छात्रों के सिलेबस में कटौती को लेकर चर्चा हो रही थी। इसे लेकर अभिभावकों ने भी सोशल मीडिया के माध्यम से सिलेबस को घटाने की पुरजोर मांग की थी। अब देखना ये है कि कितने राज्य सिलेबस में कटौती करते हैं।