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    उच्च शिक्षा में एनईपी के लक्ष्यों को पूरा किया जाए और अधिक बजट भी बढ़ाया जाए

    शिक्षा मंत्रालय से जुड़ी संसदीय समिति ने एनईपी को परखा। साथ ही विश्वविद्यालयों में इसके अमल को परखने सेंट्रलाइज ट्रैकर विकसित करने की जरूरत बताई। एनईपी के कुछ पहलुओं पर कई राज्यों की आपत्ति को देखते हुए उसके समाधान के लिए एक तंत्र भी विकसित किया गया। यहां देखें पूरी जानकारी।

    By Neha Singh Edited By: Neha Singh Updated: Tue, 19 Aug 2025 08:28 PM (IST)
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    एनईपी के लक्ष्यों को हासिल करने अधिक बजट की मांग।

    एजुकेशन डेस्क, नई दिल्ली: नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) पर अमल की दिशा में भले ही शिक्षा मंत्रालय तेजी से बढ़ रहा है, लेकिन शिक्षा मंत्रालय से जुड़ी संसदीय समिति का मानना है कि उच्च शिक्षा में इसे लागू करने के लिए जो बजट आवंटित किया जा रहा है वह पर्याप्त नहीं है। इसे बढ़ाया जाना चाहिए। समिति ने इसके अतिरिक्त देश भर के विश्वविद्यालयों में एनईपी के अमल को परखने के लिए एक सेंट्रलाइज ट्रैकर सिस्टम भी विकसित करने का सुझाव दिया है, ताकि इन संस्थानों में इनकी प्रगति को लगातार जांचा जा सके।

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    कांग्रेस के वरिष्ठ नेता व राज्य सभा सांसद दिग्विजय सिंह की अध्यक्षता वाली समिति ने अपनी यह रिपोर्ट संसद में पेश की है। समिति ने यह पाया है कि स्वायत्त कॉलेजों को विश्वविद्यालयों में अपग्रेड करने, कॉलेजों को क्लस्टर में बदलने, पाठ्यक्रम सुधार, कौशल विकास व परीक्षा सुधार जैसी सिफारिशों को लागू करने के लिए उच्च शिक्षा को मौजूदा वित्तीय वर्ष में जो बजट आवंटित किया गया था, वह पर्याप्त नहीं है। समिति ने सिफारिश है कि एनईपी के लक्ष्यों को हासिल करने के लिए और अधिक बजट दिया जाना चाहिए।

    समिति ने इसके साथ ही सभी उच्च शिक्षण संस्थानों में उद्योगों के साथ भागीदारी बढ़ाने एक मंच तैयार करने सहित अनुसंधान व नवाचार के लिए अनुसंधान नेशनल रिसर्च फाउंडेशन की स्थापना का भी सुझाव दिया। समिति ने इस दौरान एनईपी के कुछ सिफारिशों पर तमिलनाडु, केरल व पश्चिम बंगाल जैसे राज्यों की आपत्तियों को देखते हुए शिक्षा मंत्रालय से इसके समाधान के लिए एक समन्वय तंत्र स्थापित करने का सुझाव दिया है। साथ ही कहा है कि मंत्रालय ने पूछताछ में यह नहीं बताया कि वह इन राज्यों के साथ कैसे काम कर रही है। गौरतलब है कि चालू वित्त वर्ष में शिक्षा का कुल बजट 1.28 लाख करोड़ का था, जिसमें उच्च शिक्षा का बजट करीब पचास हजार करोड़ है। देश में एनईपी को 2020 में लागू किया गया था। 

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