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    खुद को एक्सप्लोर कर करियर में पाएं सक्सेस: अभिनय चेपुरी, मेक इट मेमोरेबल फाउंडर

    By Nandini DubeyEdited By:
    Updated: Sun, 07 Feb 2021 06:49 AM (IST)

    ग्रेजुएशन से पहले अमूमन स्टूडेंट्स अपनी नौकरीआगे के करियर को लेकर चिंतित रहते हैं। मनचाहे मौके की तलाश करते हैं। लेकिन प्रतिस्पद्र्धा के इस दौर में लवली प्रोफेशनल यूनिर्विसटी के बीटेक (कंप्यूटर साइंस) फाइनल ईयर के छात्र अभिनय चेपुरी को दूसरे युवाओं की फिक्र सता रही थी।

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    ग्रेजुएशन से पहले अमूमन स्टूडेंट्स अपनी नौकरी, आगे के करियर को लेकर चिंतित रहते हैं।

    ग्रेजुएशन से पहले अमूमन स्टूडेंट्स अपनी नौकरी, आगे के करियर को लेकर चिंतित रहते हैं। मनचाहे मौके की तलाश करते हैं। लेकिन प्रतिस्पद्र्धा के इस दौर में लवली प्रोफेशनल यूनिर्विसटी के बीटेक (कंप्यूटर साइंस) फाइनल ईयर के छात्र अभिनय चेपुरी को दूसरे युवाओं की फिक्र सता रही थी, जिनके पास हुनर तो है, लेकिन पर्याप्त प्रशिक्षण के अभाव में उन्हें अवसर नहीं मिल पाता है। इसी को ध्यान में रखकर अभिनय ने शुरू किया है च्मेक इट मेमोरेबलज् (एमआइएम) स्टार्टअप, जो कम समय में अपना विशेष स्थान बना चुका है। इसके लिए ये यंगेस्ट इनोवेटिव एंटरप्रेन्योर के अवॉर्ड से नवाजे जा चुके हैं। इससे पहले इन्हें एसडब्ल्यूआइ इंटरनेशनल की ओर से इर्मंिजग एंटरप्रेन्योर अवॉर्ड (२०१९) एवं यंगेस्ट आइडियल एंटरप्रेन्योर (२०१८) का खिताब मिला था।

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    तेलंगाना के एक छोटे से गांव से आने वाले अभिनय चेपुरी ने देखा था कि कैसे काबिलियत एवं हुनर होने के बावजूद ग्रामीण युवाओं को आगे बढ़ने के मौके नहीं मिल पाते हैं। इसके बाद इन्होंने एक ऐसा प्लेटफॉर्म बनाने का सोचा, जिसकी मदद से हुनरमंद युवाओं का कौशल निखारकर उन्हें नई दिशा दी जा सके। अभिनय बताते हैं, च्एमआइएमज् वेंचर के जरिये हमने फोटोग्राफी एवं वीडियोग्राफी क्षेत्र से जुड़े युवाओं को टारगेट किया है, जिनके पास कौशल है, लेकिन वे शिक्षित नहीं। इससे नौकरी मिलने में उन्हें तमाम दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। ऐसे में फैकल्टी युवाओं को ट्रेन करती है। हम कॉरपोरेट्स के साथ मिलकर इवेंट्स ऑर्गेनाइज करते हैं। इसके बाद कंपनियों द्वारा उन्हें हायर किया जाता है।ज् यूनिर्विसटी फैकल्टी की मदद से अब तक ७० से अधिक युवाओं को नौकरी मिल चुकी है। इनका सालाना औसत पैकेज ५.५ लाख रुपये के आसपास है।

    किसानों को सर्मिपत एनवायरोप्रोमिस: अभिनय की मानें, तो कॉलेज में स्टूडेंट प्लेसमेंट को-र्ऑिडनेटर की जिम्मेदारी संभालते हुए उन्हें नेटर्वंिकग आदि का काफी एक्सपोजर मिला। वे कॉरपोरेट्स के अलावा विभिन्न स्वयंसेवी संगठनों से संपर्क स्थापित कर पाए। ग्रामीण एवं कारोबारी पृष्ठभूमि से आने वाले अभिनय ने बचपन में खेतों में काफी समय व्यतीत किया है। इससे उन्हें किसानों के समक्ष आने वाली समस्याओं का आभास है। वह बताते हैं, च्मैंने च्एनवायरोप्रोमिसज् नाम से एक स्टार्टअप शुरू किया है, जिसके माध्यम से किसानों को नवीनतम तकनीक की जानकारी दी जाती है। कॉलेज के कृषि विभाग के स्टूडेंट्स पंजाब के अलग-अलग इलाकों में जाते हैं और किसानों को खेती के आधुनिक तरीकों के बारे में बताने से लेकर उन्हें ऑर्गेनिक खेती के लिए प्रोत्साहित करते हैं। पंजाब के अलावा तेलंगाना में भी इस प्रोजेक्ट की शुरुआत हो चुकी है। अब तक ८० से अधिक किसानों को अर्बन फार्मिंग तकनीक से अवगत कराया गया है। उनके उत्पाद को बाजार तक भी पहुंचाने में मदद की जाती है। इन्होंने एक एप (फ्रेशस्पाउट्स) भी तैयार किया है, जिससे किसानों को नयी तकनीकों (जीरो बजट र्फांिमग), खाद, बीज आदि की जानकारी दी जाती है। साथ ही, वे अपने उत्पाद की खरीद-बिक्री भी कर पाते हैं।

    जीरो इनवेस्टमेंट से शुरुआत: अब तक अभिनय ने जीरो इनवेस्टमेंट से च्एमआइआमज् को ऑपरेट किया है। वन मैन आर्मी की तरह सब मैनेज करते हैं। लेकिन कॉलेज के सहयोगी स्टूडेंट्स के साथ फैकल्टी, स्वयंसेवी संगठन एवं कॉरपोरेट्स इन्हें हर मोड़ पर मदद देते हैं। अपने आगे के इरादे का खुलासा करते हुए वह बताते हैं, 'आगे भी मैं स्टार्टअप इकोसिस्टम में ही काम करूंगा। मैं ग्रामीण क्षेत्रों में होने वाले इनोवेशन, री-साइक्लिंग इनोवेशन, वेस्ट रीजेनरेशन आदि के बारे में सबको अवगत कराना चाहता हूं।'

    अभिनय चेपुरी

    फाउंडर, मेक इट मेमोरेबल

    इंटरैक्शन- अंशु सिंह

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