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    HECI: भारतीय उच्च शिक्षा आयोग विधेयक जल्द ही होगा संसद में पेश, जानें इसके बारे में

    By Rishi SonwalEdited By: Rishi Sonwal
    Updated: Thu, 12 Oct 2023 11:33 AM (IST)

    Explainer on HECI Bill केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने जानकारी साझा करते हुए बताया कि भारतीय उच्च शिक्षा आयोग के गठन को लेकर विधेयक को जल्द ही संसद में पेश किया जाएगा। यूजीसी एआइसीटीई और एनसीटीई की स्थान पर अब संसद द्वारा HECI विधेयक पारित हो जाने के बाद गठित किया जाने वाला भारतीय उच्च शिक्षा आयोग कार्य करेगा।

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    Explainer on HECI Bill: एनईपी 2020 के प्रावधानों के अनुरूप केंद्र सरकार द्वारा किया जा रहा प्रयास।

    एजुकेशन डेस्क, नई दिल्ली। Explainer on HECI Bill: राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के प्रावधानों के अनुरूप विद्यालयी शिक्षा से लेकर उच्च शिक्षा स्तर पर कई बदलाव किए जा रहे हैं। बात करें उच्च शिक्षा की तो गैर-तकनीकी, तकनीकी और टीचिंग एजुकेशन को लेकर अलग-अलग नियामक फिलहाल देश के संस्थानों को विनियमित करते हैं। इस व्यवस्था अब बदलाव होने जा रहा है। केंद्र सरकार द्वारा उच्च शिक्षा के अलग-अलग विनियामकों की बजाय एक ही निमायक की स्थापना की तैयारियां की जा रही है।

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    HECI: भारतीय उच्च शिक्षा आयोग विधेयक जल्द ही होगा संसद में पेश

    एनईपी 2020 के प्रावधानों के अनुरूप केंद्र सरकार द्वारा प्रयास किए जा रहे हैं जल्द ही भारतीय उच्च शिक्षा आयोग (Higher Education Comission of India) का गठन किया जाए। यह आयोग देश में सभी गैर-तकनीकी व तकनीकी उच्च शिक्षा संस्थानों के साथ-साथ और अध्यापक शिक्षा संस्थानों को विनियमित करेगा। समाचार एजेंसी पीटीआइ को हाल ही में दिए गए इंटरव्यू में केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने जानकारी साझा करते हुए बताया कि भारतीय उच्च शिक्षा आयोग के गठन को लेकर विधेयक को जल्द ही संसद में पेश किया जाएगा।

    HECI: क्या हैं भारतीय उच्च शिक्षा आयोग?

    इस समय देश में सभी गैर-तकनीकी उच्च शिक्षा संस्थानों का नियामक विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) है। देश के सभी केंद्रीय विश्वविद्यालय, राज्य विश्वविद्यालय, डीम्ड विश्वविद्यालय, निजी विश्वविद्यालय और इन सभी सम्बद्ध महाविद्यालय एवं अन्य उच्च शिक्षा संस्थान (HEIs) यूजीसी के नियमों के अनुसार संचालित होते हैं।

    इसी प्रकार, तकनीकी शिक्षा के लिए सभी संस्थानों को मान्यता देने से लेकर पाठ्यक्रम निर्धारण, प्रवेश प्रक्रिया, सिलेबस, परीक्षा, आदि से सम्बन्धित मानक और नियम अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (AICTE) द्वारा बनाए जाते हैं। दूसरी तरफ, अध्यापक शिक्षा (बीएड, डीएलएड, बीपीएड, एमएड, बीईएलएड, आदि) प्रदान करने वाले संस्थानों के नियमन का काम राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद (NCTE) द्वारा किया जाता है।

    यूजीसी, एआइसीटीई और एनसीटीई की स्थान पर अब संसद द्वारा HECI विधेयक पारित हो जाने के बाद गठित किया जाने वाला भारतीय उच्च शिक्षा आयोग कार्य करेगा। ऐसे में एचईसीआइ देश के सभी तकनीकी, गैर-तकनीकी और अध्यापक शिक्षा संस्थानों को नियमित करेगा।

    यह भी पढ़ें - IIT, NIT भी आएंगे भारतीय उच्च शिक्षा आयोग के दायरे में, मानसून सत्र में लाया जा सकता है इससे संबंधित विधेयक

    HECI: मेडिकल और लॉ भारतीय उच्च शिक्षा आयोग के दायरे से बाहर

    हालांकि, नए गठित किए जाने वाले भारतीय उच्च शिक्षा आयोग के कार्यक्षेत्र दायरे से चिकित्सा शिक्षा और विधि शिक्षा व्यवस्था को बाहर रखा जाएगा। ऐसे में मेडिकल एजुकेशन से सम्बन्धित संस्थानों को विनियमित करने का काम भारतीय चिकित्सा परिषद (MCI) व अन्य नियामकों द्वारा पहले की ही किया जाता रहेगा। इसी प्रकार, विधि शिक्षा के संस्थानों का भारतीय बार परिषद (BCI) द्वारा ही पहले की तरह नियमन जारी रहेगा।

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