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    Explainer: प्लास्टिक कैसे प्रदूषण पैदा कर रहा है? विश्व पर्यावरण दिवस 2023 का थीम है बीट प्लास्टिक पॉल्यूशन

    By Rishi SonwalEdited By: Rishi Sonwal
    Updated: Mon, 05 Jun 2023 11:15 AM (IST)

    How Plastic is Causing Pollution? आइयूसीएन के मुताबिक समुद्री तलछट के कचरे में 80 फीसदी प्लास्टिक ही है। समुद्रों में इतनी मात्रा में प्लास्टिक की मौजूदगी जलीय पारिस्थितिकीय तंत्र को प्रभावित करती है जीवों के पेट में प्लास्टिक भर जाता है। इससे पूरी समुद्री जैव-विविधता प्रभावित हो रही है।

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    How Plastic is Causing Pollution? प्लास्टिक में कार्सिनोजेनिक रसायन से प्रजनन, न्यूरोलॉजिकल और प्रतिरक्षा से सम्बन्धित बीमारियां हो रही हैं।

    How Plastic is Causing Pollution? संयुक्त राष्ट द्वारा इस साल के विश्व पर्यावरण दिवस का मुख्य विषय (Theme) ‘बीट प्लास्टिक पॉल्यूशन’ घोषित किए जाने के बाद प्लास्टिक प्रदूषण एक बार फिर से चर्चा में है। संयुक्त राष्ट्र की स्टडी के मुताबिक पूरे विश्व में हर साल 400 मिलिटन टन प्लास्टिक का उत्पादन होता है, जिसमें से सिर्फ 50 फीसदी का ही फिर से प्रयोग होता है और सिर्फ 10 प्रतिशत की ही रिसाइकिलिंग हो पाती है। ऐसे में बड़ी मात्रा में प्लास्टिक कचरा हमारे पर्यावरण को किसी न किसी रूप में नुकसान पहुंचा रहा है, जिसमें 19 से 23 मिलियन टन प्लास्टिक हमारे तालाबों, नदियों और समुद्र में पहुंच जाता है।

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    प्लास्टिक कैसे प्रदूषण पैदा कर रहा है? (How Plastic is Causing Pollution?)

    प्लास्टिक कचरा जलवायु परिवर्तन को प्रभावित करता है। यदि प्लास्टिक को जलाया जाता है तो यह काफी मात्रा में कार्बन डाइ ऑक्साइड को छोड़ता है। कचरा प्रबंधन स्थलों (लैंडफिल साइट) लंबे समय तक जमा रहने से यह मीथेन उत्सर्जित करता है। अंतर्राष्टीय संगठन आइयूसीएन के मुताबिक समुद्री तलछट के कचरे में 80 फीसदी प्लास्टिक ही है। समुद्रों में इतनी मात्रा में प्लास्टिक की मौजूदगी जलीय पारिस्थितिकीय तंत्र को प्रभावित करती है, जीवों के पेट में प्लास्टिक भर जाता है। इससे पूरी समुद्री जैव-विविधता प्रभावित हो रही है।

    यह भी पढ़ें - World Environment Day 2023: बीट प्लास्टिक पॉल्यूशन थीम पर फोकस है इस बार का विश्व पर्यावरण दिवस

    इसी प्रकार, संयुक्त राष्ट के मुताबिक हर व्यक्ति 50,000 प्लास्टिक कणों का हर साल किसी न किसी रूप में उपभोग कर रहा है। प्लास्टिक में कार्सिनोजेनिक रसायन होते हैं जो कि जीवों के शरीर में अंत:स्रावी तत्र को सीधा प्रभावित करते हैं। इसके चलते कई प्रजनन, न्यूरोलॉजिकल और प्रतिरक्षा से सम्बन्धित बीमारियां हो रही हैं।

    प्लास्टिक कचरे से पर्यटन उद्योग भी सीधे तौर पर प्रभावित हो रहा है। देश हो या विदेश लोकप्रिय पर्यटन स्थलों पर हजारों टन कचरा जमा होता जा रहा है, जिसके कारण उस स्थल की लोकप्रियता कम हो रहा है और वहां के लोगों का आय में कमी होती है।

    अक्सर पूछे जाने वाले सवाल

    प्लास्टिक कचरा जलवायु परिवर्तन को प्रभावित करता है। समुद्रों में प्लास्टिक की मौजूदगी पूरी समुद्री जैव-विविधता प्रभावित हो रही है। प्लास्टिक में कार्सिनोजेनिक रसायन से प्रजनन, न्यूरोलॉजिकल और प्रतिरक्षा से सम्बन्धित बीमारियां हो रही हैं।

    सिगरेट बट में सूक्ष्म फाइबर होते हैं। इसके अतिरिक्त, फूड रैप, प्लास्टिक बोतल, ग्रॉसरी बैग, स्ट्रॉ, आदि कुछ मुख्य उदारण हैं।

    समुद्र में मौजूद अधिकांश प्लास्टिक बहुत छोटे कणों में टूट जाते हैं। इन छोटे प्लास्टिक बिट्स को "माइक्रोप्लास्टिक्स" कहा जाता है।