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    Engineer’s Day: शादी के 4 साल बाद पति की मौत, बेटी को पालने के लिए शुरू की पढ़ाई और बन गई पहली महिला इंजीनियर

    By Nandini DubeyEdited By: Nandini Dubey
    Updated: Fri, 15 Sep 2023 08:53 AM (IST)

    Engineer’s Day 2023 देश की पहली महिला इंजीनियर का नाम है ए. ललिता है। इनका पूरा नाम अय्योलासोमायाजुला ललिता है। वह देश की पहली इलेक्ट्रिकल इंजीनियर बनीं थीं। उन्होंने यह खिताब उस दौर में अपने नाम दर्ज करवाया जिस वक्त में लड़कियों को डॉक्टर और इंजीनियर बनना तो दूर की बात है। उस जमाने में लड़कियों को पढ़ने-लिखने के मौके तक नहीं मिलते थे।

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    Engineer’s Day 2023: देश की पहली महिला इंजीनियर का नाम है ए. ललिता है।

     एजुकेशन डेस्क। Engineer’s Day 2023: देश भर में आज से ठीक दो दिन बाद यानी कि 15 सितंबर, 2023 को इंजीनियर्स डे सेलिब्रेट किया जाएगा। देश के विकास में अहम भूमिका निभाने वाले Engineer’s को इस खास दिन पर उनके कार्य के लिए सम्मानित किया जाता है। इस दिन विभिन्न स्थानों पर कार्यक्रम का आयोजन भी किया जाता है। इसी खास अवसर पर आज हम आपको देश की पहली महिला इंजीनियर के बारे में बताने जा रहे हैं। कौन हैं वे और वे कहां से ताल्लुक रखती हैं। आइए डालते हैं एक नजर।

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    देश की पहली महिला इंजीनियर का नाम है इंजीनियर ए. ललिता। इनका पूरा नाम अय्योलासोमायाजुला ललिता है। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, वह देश की पहली इलेक्ट्रिकल इंजीनियर बनीं थीं। उन्होंने यह खिताब उन्होंंने  उस दौर में अपने नाम दर्ज करवाया, जिस वक्त में लड़कियों को डॉक्टर और इंजीनियर बनना तो दूर की बात है। उस जमाने में लड़कियों को पढ़ने-लिखने के मौके तक नहीं मिलते थे। उस वक्त ललिता ने केवल हायर स्टडीज की पढ़ाई की बल्कि यह कामयाबी भी हासिल की थी।

    27 अगस्त 1919 को चेन्नई में जन्मी अय्योलासोमायाजुला का विवाह महज 15 साल की उम्र में कर दिया गया था। शादी के चार साल तक तो उनकी जिंदगी किसी भी आम लड़की की तरह ही खुशगवार थी। इसके बाद उनके घर में नन्हीं परी ने जन्म लिया, जिसने उनकी खुशियां डबल कर दीं। हालांकि, यह समय ज्यादा दिन तक नहीं टिका। बेटी के जन्म के चार महीनों के बाद ही ललिता के पति की मौत हो गई। इसके बाद तो उनकी पूरी दुनिया ही बिखर गई। अब ऐसे में उनके सामने अपनी बेटी की परवरिश करने के साथ-साथ आगे का पूरा जीवन पड़ा था।

    शुरू की पढ़ाई

    बेटी की परवरिश के लिए ललिता ने फिर से पढ़ाई करने का ठाना। हालांकि, यह सब उनके लिए बहुत आसान नहीं था, क्योंकि उस वक्त में लड़कियां घर के काम-काज ही किया करती थीं लेकिन उनके पिता ने उनकी मुसीबत को समझा और उन्हें प्रोत्साहित किया।

    मद्रास के कॉलेज से की इंजीनियरिंग

    पिता और भाईयों का सपोर्ट पाकर ललिता ने आखिरकार हायर स्टडीज करने का ठाना। उन्हाेंने मद्रास काॅलेज आफ इंजीनियरिंग में दाखिला लिया था। यहां भी मुश्किलें कम नहीं थी। हालांकि, उन्हाेंने सभी मुश्किलों को पार करते हुए इलेक्ट्रिकल से इंजीनियरिंग की डिग्री ली। इसके साथ ही वह देश की पहली महिला इंजीनियर बन गईं।

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