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Triple Talaq Bill: तीन तलाक पर 63 साल पहले पाकिस्तान और 90 साल पहले मिस्र ने लगाया था बैन

Triple Talaq Billलेकिन क्या आपको पता है किस देश ने सबसे पहले तीन तलाक को बैन किया? हम बताते हैं...

By Rajat SinghEdited By: Published: Tue, 30 Jul 2019 06:32 PM (IST)Updated: Tue, 30 Jul 2019 07:22 PM (IST)
Triple Talaq Bill: तीन तलाक पर 63 साल पहले पाकिस्तान और 90 साल पहले मिस्र ने लगाया था बैन
Triple Talaq Bill: तीन तलाक पर 63 साल पहले पाकिस्तान और 90 साल पहले मिस्र ने लगाया था बैन

नई दुनिया, जेएनएन। Triple Talaq Bill: भारतीय संसद के ऊपरी सदन यानी राज्यसभा में आज तीन तलाक बिल पास  हो गया। यह बिल इससेे पहले लोकसभा में पारित हो चुका है। केन्द्रीय कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने इस बिल को राज्यसभा में पेश किया। इस बिल पर सोशल मीडिया से लेकर आम आदमी के बीच भी चर्चा चल रही है। खास बात यह है कि पाकिस्तान भारत से पहले तीन तलाक को बैन कर चुका है। लेकिन क्या आपको पता है किस देश ने सबसे पहले तीन तलाक को बैन किया था?

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साल 1929 में इस देश ने किया था बैन
मिस्र यानी इजिप्ट दुनिया का सबसे पहला देश था, जो इस प्रथा को बैन करने का साहस कर सका। साल 1929 में इजिप्ट ने तेरहवीं सदी के मुस्लिम स्कॉलर इब्न तैमिय्याह की बातों पर गौर किया। उनकी कुरान की व्याख्या के चलते इजिप्ट में यह बदलाव किया गया। सबसे पहले उन्होंने ही एक बार में तीन तलाक़ को रद किया। इस मॉडल को बाद में कई मुस्लिम राष्ट्रों ने अपनाया। इजिप्ट में 1929 में कानून-25 के जरिए घोषणा की गई कि तलाक को तीन बार कहने पर भी उसे एक ही माना जाएगा और इसे वापस लिया जा सकता है।

पाकिस्तान में 1956 में लगा बैन
यहां सबसे ज्यादा बात पाकिस्तान की हो रही है। तीन तलाक के विरोध करने वाले सबसे पहले यह दलील रखते हैं कि यह पाकिस्तान में बैन है। हालांकि, पाकिस्तान में तीन तलाक पर बैन बंंटवारे के बाद लगा। पाकिस्तान में 1956 में ही कानून में बदलाव कर इसे बैन किया गया। यहां तीन बार तलाक, तलाक, तलाक बोलने को एक ही माना जाता है। इस पहले तलाक़ के बाद एक समिति पति-पत्नी में सुलह करवाने की कोशिश करती है। अगर पत्नी प्रेग्नेंसी की हालत में है तो 90 दिन बाद तलाक मान्य होगा।

इराक में कोर्ट करता है जांच
इराक में इस मामले में कोर्ट सीधे दखल देता है। बात यूं है कि सन् 1959 में इराक में शरिया अदालतों को हटा कर सरकारी आदलतें बनाई गईं। तीन बार तलाक बोलने को यहां भी एक ही माना जाता है। ऐसे मामले में कोर्ट पहले दो मध्यस्थों की नियुक्ति करता है और मामले की जांच करता है। इसके बाद ही वह अपना फैसला सुनाता है। अगर संबंध सही नहीं चल रहे हैं, तो पति या पत्नी कोई भी कोर्ट जाकर तलाक मांग सकता है।  

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