देश के 50वें CJI हैं डीवाई चंद्रचूड़, जानिए इनके बारे में और समझें कैसे होती है मुख्य न्यायाधीश की नियुक्ति
Chief Justice of India सीजेआई धनंजय यशवंत चंद्रचूड़ का जन्म 11 नवंबर 1959 को हुआ था। इनके पिता यशवंत विष्णु चंद्रचूड़ भी देश के सर्वोच्च न्यायालय में सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश रह चुके हैं। पिता के रिटायर होने के लगभग 37 साल बाद उनके बेटे जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ सीजेआई बने हैं। डीवाई चंद्रचूड़ ने अब तक कई अहम फैसले सुनाए हैं।

एजुकेशन डेस्क। Chief Justice of India: देश के मुख्य न्यायाधीश धनंजय वाई चंद्रचूड़ अक्सर अपने फैसलों को लेकर चर्चा में रहते हैं। अभी हाल ही में उन्होंने लैंगिक भेदभाव को खत्म करने के लिए एक बड़ा कदम उठाया। उन्होंने इसके लिए एक ऐसी रुलबुक तैयार की है, जिसमें ऐसे शब्दों को चिन्हित करके उनसे परहेज करने की सलाह दी गई है। इस रुलबुक में इन शब्दों के वैकल्पिक शब्द भी सुझाए गए हैं, जिससे दलीलों के साथ अन्य कानूनी प्रक्रिया के दौरान लैंगिंग भेदभाव से बचा जा सके। 9 नवंबर 2022 को बतौर देश के सीजेआई नियुक्त हुए धनंजय यशवंत चंद्रचूड़ वर्तमान में देश को 50 वें मुख्य न्यायाधीश हैं। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने उन्हें देश के चीफ जस्टिस के रूप में पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलाई थी।
जानें सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ के बारे में
सीजेआई धनंजय यशवंत चंद्रचूड़ का जन्म 11 नवंबर 1959 को हुआ था। इनके पिता यशवंत विष्णु चंद्रचूड़ भी देश के सर्वोच्च न्यायालय में मुख्य न्यायाधीश रह चुके हैं। पिता के रिटायर होने के लगभग 37 साल बाद उनके बेटे जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ सीजेआई बने हैं। जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ सुप्रीम कोर्ट आने से पहले कई हाईकोर्ट में अपनी सेवाएं दे चुके हैं।
मुख्य न्यायाधीश की नियुक्ति प्रक्रिया
भारतीय संविधान को देखें तो कहीं भी भारत के मुख्य न्यायाधीश की नियुक्ति प्रक्रिया का उल्लेख नहीं है। हालांकि, भारतीय संविधान के अनुच्छेद 124(1) यह कहा गया है कि भारत का एक सर्वोच्च न्यायालय होगा और इसमें देश के एक मुख्य न्यायाधीश भी शामिल होंगे। अनुच्छेद 126 में कार्यकारी सीजेआई की नियुक्ति के बारे में जानकारी दी गई है। लेकिन फिर विस्तार से नियुक्ति प्रक्रिया के बारे में कोई चर्चा नहीं है। इसके चलते मौजूदा सीजेआई रिटायर होने के बाद सुप्रीम कोर्ट के सबसे वरिष्ठ जज बतौर मुख्य न्यायाधीश नियुक्ति किया जाता है।चीफ जस्टिस के चयन की प्रक्रिया में कानून मंत्री और प्रधानमंत्री की भागीदारी के साथ कॉलेजियम का भी अहम भूमिका होती है। बता दें कि सीजेआई का कार्यकाल 65 वर्ष की आयु तक रहता है।
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